हर साल 19 अप्रैल को वर्ल्ड लिवर डे (World liver day 2023) मनाया जाता है. इस खास मौके पर नोबेल पुरस्कार विजेता और समाज सेवक कैलाश सत्यार्थी (Nobel laureate and social worker Kailash Satyarthi) ने सैकड़ों लोगों को संबोधित किया और युवाओं को लोगों के शराब की लत छुड़ाने की शपथ दिलाई.
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World liver day 2023: ब्लड में मौजूद अलग-अलग तत्वों की मात्रा को नियंत्रण करने का काम लिवर का होता है, लिवर हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है. लिवर की सेहत को लेकर जागरूकता अभियान के तहत 19 अप्रैल को वर्ल्ड लिवर डे (World liver day 2023) मनाया जाता है. साल 2023 में 19 अप्रैल के इस खास मौके पर नोबेल पुरस्कार विजेता और समाज सेवक कैलाश सत्यार्थी (Nobel laureate and social worker Kailash Satyarthi) ने सैकड़ों लोगों को संबोधित किया. कैलाश सत्यार्थी ने इससे जुड़ा एक पोस्ट भी किया जहां वो सैंकड़ों लोगों को शपथ दिलाते हुए दिखाई दे रहे हैं.
कैलाश सत्यार्थी ने डाला पोस्ट
नोबेल पुरस्कार विजेता ने अपने पोस्ट में लिखा कि युवाओं में शराब की तेजी से बढ़ती शराबखोरी की लत को रोकने के लिए प्रसिद्ध लिवर डॉक्टर शिव सरीन व ILBS के साथ अभियान शुरू किया है. उनके 48% मरीजों का लिवर शराब पीने से सड़ चुका होता है. आज सैकड़ों युवाओं ने शपथ ली कि कम से कम 10 लोगों की शराब की लत छुड़ाने की कोशिश करेंगे. आपको बता दें कि हमारी रोजमर्रा की लाइफस्टाइल और डाइट के गड़बड़ होने से लिवर को हानि पहुंचती है. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो पिछले दो दशकों में लिवर से जुड़े मरीजों की संख्या में इजाफा देखने को मिला है. इसके अलावा लिवर की बीमारियों के कई गंभीर मामले भी तेजी से बढ़े हैं.
युवाओं में शराब की तेजी से बढ़ती शराबखोरी की लत को रोकने के लिए प्रसिद्ध लिवर डॉक्टर शिव सरीन व ILBS के साथ अभियान शुरू किया। उनके 48% मरीजों का लिवर शराब पीने से सड़ चुका होता है। सैकड़ों युवाओं ने शपथ ली कि कम से कम दस लोगों की शराब की लत छुड़ाने की कोशिश करेंगे। pic.twitter.com/msVHKV88B0
— Kailash Satyarthi (@k_satyarthi) April 19, 2023
इतनी बड़ी आबादी पर है इसका असर
आंकड़ों की मानें तो हर साल वैश्विक स्तर पर करीब 13 लाख लोगों की मौत लिवर से जुड़ी बीमारियों की वजह से होती है. आपको बता दें कि नॉन एल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज करीब 30 फीसदी आबादी पर अपना असर दिखाती है. वहीं भारत की बात करें तो यहां पर करीब 40 फीसदी लोग इससे ग्रसित हैं. राजधानी में इस बीमारी की दर और भी ज्यादा है. इसके अलावा शराब का अधिक सेवन करने से सिरोसिस और अल्कोहलिक हेपेटाइटिस जैसी कई बीमारियों का खतरा बढ़ता है.
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