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नई दिल्ली: लोक सभा (Lok Sabha) में संविधान का 127वां संशोधन विधेयक दो तिहाई बहुमत से पास हो गया है. लोक सभा में OBC से जुड़े संविधान संशोधन बिल के पक्ष में 385 वोट पड़े जबकि विपक्ष में एक भी वोट नहीं पड़ा. लोक सभा की कार्यवाही कल (बुधवार) सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है.
OBC Amendment Bill से जुड़े इस संशोधन के बाद राज्य सरकारों को OBC की लिस्ट में किसी जाति को जोड़ने का अधिकार मिल जाएगा. इस बिल के पास होने के बाद अब ओबीसी रिजर्वेशन (OBC Reservation) की लिस्ट में किसी जाति को शामिल करने के लिए केंद्र सरकार के पास आने की जरूरत नहीं होगी.
Lok Sabha passes the Constitution (One Hundred and Twenty Seventh Amendment) Bill 2021 which is for restoring the power of states & UTs to make their own OBC lists pic.twitter.com/7xwblNZB8V
— ANI (@ANI) August 10, 2021
OBC Amendment Bill का सीधा असर फिलहाल महाराष्ट्र में होगा. जहां मराठा समुदाय को OBC की लिस्ट में डालने के लिए राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने सोमवा को गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) से मुलाकात भी की थी.
नियम के मुताबिक संविधान संशोधन विधेयक के रूप में इसे सदन के कुल सदस्यों की संख्या के बहुमत द्वारा या सभा में उपस्थित और वोट देने वाले सदस्यों के कम से कम दो तिहाई बहुमत से पारित होना जरूरी था. लोक सभा में सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉ वीरेंद्र कुमार ने अन्य पिछड़ा वर्ग से संबंधित ‘संविधान (127वां संशोधन) विधेयक, 2021’ पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि सदन में इस संविधान संशोधन के पक्ष में सभी दलों के सांसदों से मिला समर्थन स्वागत योग्य है.
मंत्री डॉ वीरेंद्र कुमार ने इस बात पर जोर दिया कि भाजपा की नीति और नीयत दोनों साफ है. इसी कारण यह विधेयक लेकर आए हैं. मंत्री ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि 102वें संशोधन के समय किसी संशोधन का प्रस्ताव नहीं दिया था और ऐसे में कांग्रेस को कोई् सवाल उठाने का नैतिक अधिकार नहीं है. उन्होंने कहा कि मराठा आरक्षण के मुद्दे पर केंद्र सरकार ने महाराष्ट्र सरकार को सशक्त बनाया है.
50 प्रतिशत आरक्षण की सीमा बढ़ेगी?
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ने कहा कि जहां तक 50 प्रतिशत आरक्षण की सीमा बढ़ाने की बात की है, सरकार इस भावना को समझती है. कई सदस्यों ने आरक्षण की 50 प्रतिशत की सीमा को बढ़ाने की मांग की है जिसे कई दशक पहले तय किया गया था. उन्होंने कहा कि सरकार सदस्यों की भावना से अवगत है इसलिये सभी संवैधानिक और कानूनी आयामों पर सावधानीपूर्वक विचार करने की जरूरत है.
पेगासस पर चर्चा की मांग भी उठी
लोक सभा में अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) से संबंधित संविधान संशोधन विधेयक पर चर्चा के दौरान विपक्षी दलों के सांसदों ने मंगलवार को पेगासस जासूसी मामला भी उठाया और सरकार से इस मुद्दे पर संसद में चर्चा कराने की मांग की. गौरतलब है कि 19 जुलाई से संसद का मॉनसून सत्र शुरू होने के बाद से पेगासस जासूसी मामले पर चर्चा कराने की मांग को लेकर कांग्रेस सहित विपक्षी दलों के सदस्य नारेबाजी करते आ रहे हैं.
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