मिरान हैदर के मुताबिक 15 दिसंबर 2019 को JCC ( जामिया कॉर्डिनेशन कमेटी) का गठन किया गया. फिर इसी JCC के नाम से ही Whatsapp Group बनाया गया. जिस पर आगे की प्लानिंग होने लगी. ग्रुप में AAJMI ( Allumani Association of Jamia Milliya islamaiya) और कई छात्र संगठन भी इसमें शामिल थे.
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नई दिल्ली: दिल्ली दंगों में गिरफ्तार मिरान हैदर ने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं. मीरान हैदर ने पुलिस को दिए बयान में बताया कि वो जामिया के स्टूडेंट और आरजेडी( RJD) का युवा प्रदेश अध्यक्ष होने की वजह से दिल्ली ही नहीं बल्कि राजधानी के बाहर भी सक्रिय था. उसने बताया कि वो खुद दंगे के मास्टरमाइंड लोगों में एक है, जिस पर दिल्ली में चल रहे प्रदर्शन साइट पर लोगों की भीड़ जमा करने की जिम्मेदारी थी वो खुद साइट पर जा जाकर वहां के इंतजाम पर नजर रखता था. UAPA में गिरफ्तार मीरान हैदर ने बताया की दिल्ली में दंगों का प्लान बहुत पहले ही तैयार हो चुका था. मिरान हैदर के मुताबिक 15 दिसंबर 2019 को JCC ( जामिया कॉर्डिनेशन कमेटी) का गठन किया गया. फिर इसी JCC के नाम से ही Whatsapp Group बनाया गया. जिस पर आगे की प्लानिंग होने लगी. ग्रुप में AAJMI ( Allumani Association of Jamia Milliya islamaiya) और कई छात्र संगठन भी इसमें शामिल थे.
दंगे की कहानी,आरोपी की जुबानी
आरोपी के मुताबिक शाहीन बाग प्रोटेस्ट में सफलता के बाद आरोपियों ने सोचा की अब इसको दिल्ली के और मुस्लिम इलाकों में किया जाए, जहां लोगों में CAA-NRC को लेकर गुस्सा था. इसके तहत 20 जगहों पर धरने प्रदर्शन की तैयारी की गई.UAPA में गिरफ्तार मीरान हैदर ने बताया की दिल्ली में दंगों का प्लान बहुत पहले ही तैयार हो चुका था. दिल्ली में दंगा करवाने के लिए जामिया कॉर्डिनेशन कमेटी के साथ PFI के कई मेंबर्स साथ थे. जिन्होंने दिल्ली में दंगा करवाने के लिए उसे भी रकम दी गई थी. आपको बता दें कि ये वहीं मीरान हैदर है जिसने दंगों से पहले दंगों का रजिस्टर तैयार किया था. ये शख्स मिलने वाले फंड का पूरा लेखा-जोखा एक रजिस्टर में मेंटेन रखता था. किसके पास कहां से कितना पैसा आया है और कितना पैसा किसे दिया गया उसका पूरा हिसाब वो अपने रजिस्टर में रखता था.आरोपी मीरान हैदर के मुताबिक दिल्ली में दंगा करवाने के लिए सबसे पहले दिल्ली के नॉर्थ-ईस्ट सीलमपुर और जाफराबाद को ही चुना गया था. क्योंकि मुस्लिम बाहुल्य इलाके में ऐसी गतिविधियां चलाना उन्हे ज्यादा आसान लगा और तो और खुद मिरान ने लोगों से चाकू, पेट्रोल और पत्थर इकठ्टा करने के लिए कहा था.
साजिश के तीन चरण
दंगे की स्क्रिप्ट को 3 हिस्सो में बांटा गया था. पहला प्रोटेस्ट, दूसरा रोड ब्लॉक और आखिर में भयानक दंगे. मीरान हैदर ने पूरी साजिश के तारों को परत दर परत उधेड़ कर रख दिया. उसी के कहने पर ही फंड से मिली रकम के जरिए गैजेट्स खरीदे गए थे.
दिल्ली में दंगों के लिए PFI ने की फंडिग
मीरान हैदर ने दंगों के लिए करीब 5 लाख रुपए जमा किए थे
जाफराबाद और सीलमपुर की लोकेशन फाइनल की गई थी
मीरान हैदर ने पुलिस को दिए बयान में बताया की वो PFI ( Popular Front Of India ) के कई लोगों को जानता है, जिन्होंने दंगे भड़काने के लिए पैसे दिये थे. उसके मुताबिक इन लोगों में मोहम्मद जाबिर, मसूद अहमद, साजिद मुजिद, और केरल के रहने वाले मोहम्मद सिहाद ने भी उसे दंगा करवाने के लिए 20 हजार रुपए भिजवाए थे.
राजनीति से रिश्ता
दिल्ली पुलिस को दिए अपने बयान में आरोपी मीरान हैदर ने बताया की वो दंगों के पहले से ही जेनयू (JNU) के पूर्व छात्र उमर खालिद और खालिद सैफी को जानता है. खालिद सैफी से उसकी मुलाकात 2016 में पंजाब में हुए आम आदमी पार्टी के चुनाव-प्रचार के दौरान हुई थी.मीरान हैदर ने बताया की वो भी 2014 से 2017 तक आम आदमी पार्टी में था. लेकिन 2017 में आम आदमी पार्टी से निगम पार्षद का टिकट न मिल पाने के कारण, आम आदमी पार्टी छोड़कर RJD में शामिल हो गया था.
मिरान का उमर खालिद कनेक्शन
आरोपी ने बताया की 17 फरवरी को जब उमर खालिद ने महाराष्ट्र के अमरावती में भड़काऊ भाषण दिया था.और लोगों से सरकार के खिलाफ सड़क पर उतरने की अपील की थी. तब 23 फरवरी को तय योजना के तहत JCC के कहने पर रोड को ब्लॉक किया जाने लगा और प्रदर्शन शुरू कर दिए गए ताकि दूसरे समुदाय के लोग भी आक्रोशित हों और उनकी साजिश कामयाब हो सके.