फतवा: मुसलमान झींगा नहीं खाएं, ये मछली नहीं है
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फतवा: मुसलमान झींगा नहीं खाएं, ये मछली नहीं है

हैदराबाद की प्रमुख इस्लामी शिक्षण संस्था जामिया निजामिया ने फतवा जारी कर कहा है कि मुसलमानों को झींगा खाने से परहेज करना चाहिए.

प्रतीकात्मक तस्वीर

हैदराबाद: हैदराबाद की प्रमुख इस्लामी शिक्षण संस्था जामिया निजामिया ने फतवा जारी कर कहा है कि मुसलमानों को झींगा खाने से परहेज करना चाहिए. फतवे में कहा गया है कि झींगा मछली की श्रेणी में नहीं आता है और इसके सेवन से बचना चाहिए. जामिया निजामिया एक शताब्दी पुरानी संस्था है और यह शहर की प्रतिष्ठित इस्लामी संस्था है. फतवा इस्लामी कानून के आधार पर दी जाने वाली सलाह है जो लोग किसी मुद्दे विशेष पर लेते हैं.

  1. हैदराबाद की जामिया निजामिया ने जारी किया फतवा
  2. मुसलमान झींगा मछली खाने से करें परहेज
  3. झींगा मछली एक ऑर्थोपॉड है, जिसमें कीड़े भी शामिल होते हैं

फतवे में कहा गया है कि झींगा मछली एक ऑर्थोपॉड है, जिसमें कीड़े भी शामिल होते हैं. ऐसे में इसे मछली नहीं माना जा सकता है. मुख्य मुफ्ती ने झींगा मछली खाने को पूरी तरह से नाजायज बताया है, इसलिए मुसलमानों को इसे खाने से परहेज करना चाहिए. इस्लामिक मान्यताओं में खाने की तीन श्रेणियां तय की गई हैं- हलाल, हराम और मकरूह यानी पूरी तरह वर्जित. मकरूह में आने वाली खाने की चीजों को मकरूह और मकरूह तहरीम में विभाजित किया गया है. मकरूह तहरीम का अर्थ कड़ाई से वर्जित है. हैदराबाद स्थित जामिया निजामिया इस्लामिक संस्था की दुनिया के कई देशों में मान्यता है.

हाल में जारी किए गए अजीबो-गरीब फतवा
बैंक की नौकरी से चलने वाले घरों में रिश्ता करने से करें परहेज:  दारुल उलूम के फतवा विभाग ‘दारुल इफ्ता’ ने बैंक की नौकरी करने वाले व्यक्ति के घर में शादी का रिश्ता करने के इस्लामी नुक्ते-नजर से दुरुस्त होने के बारे में पूछे गये सवाल पर बुधवार (03 जनवरी) को फतवा दिया था. एक शख्स ने पूछा था कि उसकी शादी के लिए कुछ ऐसे घरों से रिश्ते आए हैं, जहां लड़की के पिता बैंक में नौकरी करते हैं. चूंकि बैंकिंग तंत्र पूरी तरह से सूद (ब्याज) पर आधारित है, जो कि इस्लाम में हराम है. इस स्थिति में क्या ऐसे घर में शादी करना इस्लामी नजरिए से दुरुस्त होगा?

योग सिखाने पर मुस्लिम लड़की के खिलाफ फतवा:  झारखंड में योग सिखाने वाली प्रसिद्ध मुस्लिम लड़की राफिया नाज़ को उसके ही समुदाय के कुछ लोगों से जान से मारने की धमकी मिली है, जिसके बाद प्रशासन ने उसकी सुरक्षा बढ़ाने का फैसला किया है. रिपोर्ट्स के अनुसार, लड़की को उसके ही समुदाय के लोगों से धमकियां मिली हैं और उसे कहा गया है कि वह किसी को भी योग न सिखाएं. यह मामला झारखंड के मुख्‍यमंत्री के प्रधान सचिव संजय कुमार के संज्ञान में लाया गया था. उनके आदेशों के बाद पुलिस ने लड़की की सुरक्षा कड़ी करने का फैसला किया. आदेश पर अमल करते हुए रांची के एसएसपी कुलदीप द्विवेदी ने एक पुलिस दल को लड़की से मिलने के लिए भी भेजा. झारखंड पुलिस के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि लड़की को दो सुरक्षाकर्मी भी उपलब्‍ध कराए गए हैं, जिनमें एक पुरुष और दूसरी महिला है.

फेसबुक सहित किसी भी सोशल प्लेटफॉर्म पर फोटो अपलोड करना नाजायज:  दारूम उलूम देवबंद ने फतवा जारी करके सोशल मीडिया पर मुस्लिम पुरुषों और महिलाओं की फोटो अपलोड करने को नाजायज बताया है. दारूम उलूम देवबंद से एक शख्स ने यह सवाल किया था कि क्या फेसबुक, व्हाट्सअप एवं सोशल मीडिया पर अपनी (पुरुष) या महिलाओं की फोटो अपलोड करना जायज है. इसके जबाव में फतवा जारी करके यह कहा है कि मुस्लिम महिलाओं एवं पुरुषों को अपनी या परिवार के फोटो सोशल मीडिया पर अपलोड करना जायज नहीं है, क्योंकि इस्लाम इसकी इजाजत नहीं देता.

महिलाओं का आइब्रो बनवाना और बाल कटवाना नाजायज है: पिछल साल सात अक्टूबर को दारुल उलूम देवबंद ने मुस्लिम महिलाओं के लिए चौंकाने वाला फतवा जारी किया था. दारुल उलूम देवबंद के फतवा में कहा गया है कि मुस्लिम महिलाओं के लिए हेयर कटिंग और आइब्रो बनवाना नाजायज है. दारुल उलूम देवबंद के फतवा विभाग के मौलाना लुतफुर्रहमान सादिक कासमी ने कहा कि ये फतवा काफी पहले जारी कर दिया जाना चाहिए था. दरअसल, सहारनपुर के एक शख्स ने दारुल उलूम देवबंद से पूछा था कि क्या इस्लाम महिलाओं को बाल कटवाने और आइब्रो बनवाने की इजाजत देता है? क्या मैं अपनी पत्नी को ऐसा करने दूं? इस शख्स के सवाल के बाद ही दारु उलूम ने यह फतवा जारी किया है.

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