कांग्रेस ने उठाया लोकसभा उपाध्यक्ष-नीट का मुद्दा, JDU ने की विशेष राज्य की मांग; सर्वदलीय बैठक में क्या-क्या हुआ?
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कांग्रेस ने उठाया लोकसभा उपाध्यक्ष-नीट का मुद्दा, JDU ने की विशेष राज्य की मांग; सर्वदलीय बैठक में क्या-क्या हुआ?

All Party Meeting: सरकार ने संसद के मॉनसून सत्र से पहले रविवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई थी, जिसमें कांग्रेस ने लोकसभा उपाध्यक्ष और नीट का मुद्दा उठाया, जबकि कुछ क्षेत्रीय दलों ने अपने-अपने राज्यों के लिए विशेष राज्य के दर्जे की मांग की.

कांग्रेस ने उठाया लोकसभा उपाध्यक्ष-नीट का मुद्दा, JDU ने की विशेष राज्य की मांग; सर्वदलीय बैठक में क्या-क्या हुआ?

Parliament Monsoon Session All Party Meeting: संसद के मॉनसून सत्र से पहले सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में विपक्षी दलों ने अपनी-अपनी मांगें रखी. बैठक में कुछ क्षेत्रीय दलों ने अपने-अपने राज्यों के लिए विशेष राज्य के दर्जे की मांग की. इनमें केंद्र सरकार में सहयोगी एनडीए के घटक दल भी शामिल हैं. वहीं, बैठक के दौरान कांग्रेस (Congress) ने लोकसभा उपाध्यक्ष के पद की मांग की और नीट का मुद्दा उठाया.  कांग्रेस नेता जयराम रमेश (Jairam Ramesh) ने बताया कि बैठक के दौरान बीजेपी की सहयोगी जनता दल युनाइटेड (JDU) बिहार के लिए विशेष दर्जे की मांग की. वाईएसआरसीपी नेता ने भी आंध्र प्रदेश के लिए विशेष दर्जे की मांग की, हालांकि तेलुगू देशम पार्टी (TDP) के नेता इस मुद्दे पर चुप रहे. राजद सांसद एडी सिंह ने बताया कि विपक्ष के सदस्यों ने सर्वदलीय बैठक में सरकार से कहा कि उन्हें संसद में अपने मुद्दे उठाने की अनुमति दी जानी चाहिए.

सर्वदलीय बैठक में सरकार के सामने किसने क्या मांग रखी?

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने एक्स पर लिखा, 'रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई सर्वदलीय बैठक में जदयू नेता ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की. वाईएसआर कांग्रेस पार्टी नेता ने आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की. हैरानी की बात यह है कि टीडीपी नेता इस मामले पर चुप रहे.' कुछ देर बाद एक अन्य पोस्ट में उन्होंने लिखा, 'राजनीतिक परिदृश्य किस तरह बदल गया है. सर्वदलीय बैठक में बीजू जनता दल के नेता ने रक्षा मंत्री (राजनाथ सिंह) और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा को याद दिलाया कि भाजपा ने 2014 के विधानसभा चुनाव से पहले अपने घोषणापत्र में ओडिशा को विशेष राज्य का दर्जा देने का वादा किया था.' बता दें कि इस साल हुए विधानसभा चुनाव में बहुमत पाने के बाद अब ओडिशा में भाजपा सत्ता में है.

जयराम रमेश ने अगले ट्वीट में बताया, 'रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में सदन के नेताओं की सर्वदलीय बैठक में 24 विभाग-संबंधित स्थायी समितियों के गठन और उन्हें उचित महत्व दिए जाने की सर्वव्यापी मांग की गई. परामर्शदात्री समितियों को पुनर्जीवित करने की भी सर्वव्यापी मांग थी, जहां सांसद संबंधित मंत्रियों के साथ बातचीत कर सकें.' उन्होंने अगले ट्वीट में कहा, 'सदन के नेताओं की सर्वदलीय बैठक में सार्वभौमिक मांग यह रही है कि सांसदों के एक-दूसरे से मिलने-जुलने और पार्टियों के बीच संवाद को बेहतर बनाने के लिए सेंट्रल हॉल को एक बार फिर खोला जाना चाहिए. संसद के नए भवन के उद्घाटन के बाद ऐतिहासिक सेंट्रल हॉल का उपयोग बंद हो गया है.'

सर्वदलीय बैठक में कौन-कौन हुआ शामिल?

मॉनसून सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, भारतीय जनता पार्टी (BJP) के अध्यक्ष जे पी नड्डा, कांग्रेस नेता गौरव गोगोई और केंद्रीय मंत्री तथा लोजपा (रामविलास) नेता चिराग पासवान सहित विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता शामिल हुए. संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजीजू भी बैठक में मौजूद थे. इस पारंपरिक बैठक में कांग्रेस के जयराम रमेश और के सुरेश, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के असदुद्दीन ओवैसी, राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के अभय कुशवाहा, जनता दल (यूनाइटेड) के संजय झा, डीएमके से तिरुचि शिवा एवं टी.आर. बालू, आम आदमी पार्टी (आप) के संजय सिंह, समाजवादी पार्टी (सपा) नेता रामगोपाल यादव और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रफुल्ल पटेल भी मौजूद थे.

सरकार का मकसद सर्वदलीय बैठक में दोनों सदनों के सभी राजनीतिक दलों को सत्र के सरकार के एजेंडे और विधेयकों के बारे में जानकारी देना है. सर्वदलीय बैठक में तृणमूल कांग्रेस (TMC) का कोई नेता शामिल नहीं हुआ, क्योंकि 21 जुलाई को टीएमसी के सभी नेता बंगाल में हर साल आयोजित होनेवाले शहीदी दिवस में हिस्सा ले रहे हैं, जो 21 जुलाई 1993 को पुलिस फायरिंग में हुई 13 युवाओं की मौत की याद में मनाया जाता है.

 

23 जुलाई को बजट पेश करेंगी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सोमवार (22 जुलाई) से शुरू हो रहे सत्र के दौरान मंगलवार को केंद्रीय बजट पेश करेंगी. इस सत्र में विपक्ष के पास नीट पेपर लीक मामले और रेलवे सुरक्षा जैसे कई ऐसे मुद्दे हैं, जिनके आधार पर वह राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (RJD) सरकार को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ेगा. यह सत्र सोमवार से शुरू होकर 12 अगस्त तक प्रस्तावित है. इस दौरान 19 बैठकें होनी हैं. सत्र के दौरान सरकार की ओर से छह विधेयक पेश किए जाने की उम्मीद है, जिसमें एक 90 साल पुराने विमान अधिनियम को बदलने के लिए है. इस दौरान जम्मू-कश्मीर के बजट को भी संसद की ओर से मंजूरी दी जानी है. इस पूर्ववर्ती प्रदेश में वर्तमान में राष्ट्रपति शासन लागू है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सोमवार को संसद में आर्थिक सर्वेक्षण भी पेश करेंगी.
(इनपुट- न्यूज़ एजेंसी भाषा)

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