Parliamentary Panel के सामने Google ने माना, सुनते हैं लोगों की बातें, साथ में दी ये दलील
Advertisement
trendingNow1931395

Parliamentary Panel के सामने Google ने माना, सुनते हैं लोगों की बातें, साथ में दी ये दलील

Parliamentary Panel की इस बैठक में गूगल प्रतिनिधि ने माना कि वो कुछ बातें सुनते हैं लेकिन संवेदनशील बातों को नहीं सुनते. सांसदों ने पूछा कि ये गूगल कैसे तय करेगा कि क्या संवेदनशील है और क्या नहीं. 

जी मीडिया

नई दिल्ली: फेसबुक (Facebook) और गूगल (Google) के अधिकारियों ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स (Social Media Platforms) के दुरुपयोग के मुद्दे पर मंगलवार को सूचना प्रौद्योगिकी संबंधी संसद की स्थायी समिति (Parliamentary Panel) के सामने अपना पक्ष रखा. समिति ने सोशल मीडिया कंपनियों के प्रतिनिधियों से कहा गया कि वे देश के नए आईटी नियमों, सरकार के दिशानिर्देशों और अदालती आदेशों का पालन करें.

  1. समिति के सामने सोशल साइट्स की पेशी
  2. गूगल ने मानी लोगों की बातें सुनने की बात
  3. सभी प्लेटफॉर्म को IT नियमों के पालने का निर्देश

गलत नक्शा दिखाने पर आपत्ति

इस बैठक में फेसबुक के प्रतिनिधियों से पूछा गया कि जैसे ट्विटर ने केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद का अकाउंट ब्लॉक किया, क्या आप लोग भी वैसा कर सकते हो? इस पर फेसबुक के प्रतिनिधि ने कहा कि हमारी ऐसी कोई पॉलिसी नहीं है. बैठक में जम्मू कश्मीर और लद्दाख को भारत के नक्शे से गायब करने पर भी आपत्ति जताई गई.

सूत्रों के अनुसार ट्विटर को नोटिस भेज कर गलत नक्शा दिखाने के मामले में जवाब देने को कहा जायेगा. आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद और शशि थरूर के ट्विटर एकाउंट को लॉक करने पर समिति ने ट्विटर से दो दिन में जवाब मांगा है. समिति के सदस्यों ने सवाल उठाया कि गूगल की कई चीजें ऐसी हैं जिन पर संदेह होता है. इनमें से एक है कि गूगल हमें सुन रहा है. 

लोगों की बातें सुनता है गूगल

इस पर गूगल प्रतिनिधि ने माना कि वो कुछ बातें सुनते हैं लेकिन संवेदनशील बातों को नहीं सुनते. सांसदों ने पूछा कि ये गूगल कैसे तय करेगा कि क्या संवेदनशील है और क्या नहीं. समिति ने आईटी मंत्रालय के प्रतिनिधि को बुलाने का फैसला लिया है, ताकि गूगल की इस गतिविधि का संज्ञान लिया जा सके. समिति में सर्वसम्मति थी कि सभी सोशल मीडिया ग्रुप्स को सरकार के दिशानिर्देश का पालन करना चाहिए.

फेसबुक और गूगल के अधिकारियों को इस समिति ने समन किया था. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर इस समिति के अध्यक्ष हैं. फेसबुक की ओर से भारत में पब्लिक पॉलिसी डायरेक्टर शिवनाथ ठुकराल और जनरल काउन्सल नम्रता सिंह ने समिति के सामने अपनी बात रखी. गूगल की तरफ से भारत में उसके प्रमुख अमन जैन (सरकारी मामलों एवं लोक नीति) और डायरेक्टर (लॉ) गीतांजलि दुग्गल ने समिति के समक्ष अपना पक्ष रखा.

महिला यूजर्स की प्राइवेसी पर चिंता

संसदीय समिति की बैठक का एजेंडा नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करना और सोशल मीडिया/ऑनलाइन समाचार मीडिया मंचों के दुरुपयोग को रोकना था. सूत्रों के मुताबिक, फेसबुक और गूगल के प्रतिनिधियों से कहा गया है कि उनकी मौजूदा डेटा सुरक्षा और निजता संबंधी नीति में खामियां हैं और उन्हें अपने उपयोक्ताओं के डेटा की निजता और सुरक्षा के लिए कड़े मानक तय करने होंगे.

सूत्रों ने बताया कि समिति के अध्यक्ष थरूर ने सोशल मीडिया पर महिला यूजर्स की निजता को लेकर चिंता प्रकट की. उन्होंने कहा कि उन्हें कई महिला सांसदों की तरफ शिकायतें मिली हैं. 

VIDEO-

ये भी पढ़ें: रविशंकर प्रसाद का अकाउंट ब्लॉक मामला, Twitter को 2 दिन में देना होगा जवाब

गूगल के एक प्रवक्ता ने कहा, 'हम नीति निर्माताओं के साथ चर्चा का हमेशा स्वागत करते हैं. साथ ही हमारे प्लेटफॉर्म पर यूजर्स की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी साझा करते हैं.'

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Zee News Hindi पर. Hindi News और India News in Hindi के लिए जुड़े रहें हमारे साथ.

TAGS

Trending news