केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने 'इंडिया का DNA E-Conclave में कहा..
केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, 'इंटरनेट को कंट्रोल करना सही नहीं है. विचारों के प्रकटीकरण पर रोक नहीं लगनी चाहिए. ट्विटर ने अमूल के ट्विटर अकाउंट को सस्पेंड करके अच्छा नहीं किया. वो बात अलग है कि उन्होंने फिर से अकाउंट को बहाल कर दिया. बाहरी कंपनियां विचारों पर रोक नहीं लगा सकती हैं.'
प्रसाद ने कहा कि सोशल मीडिया से जुड़ी कंपनियां भारत का ख्याल रखें. सोशल मीडिया पर अराजकता और वैचारिक हिंसा बर्दाश्त नहीं. भारत में सभी विचारों का सम्मान है.
कानून मंत्री ने बताया कि भारत की जनता तकनीकी के महत्व को समझती है. हमने लोगों को तकनीकी को अपनाने के लिए प्रेरित किया है. कोरोना के बाद राजनीति बदल जाएगी. भीड़ अब राजनीति का पैमाना नहीं है. कोरोना काल की दुनिया नई है.
रविशंकर प्रसाद ने कहा, 'कोरोना वायरस के संक्रमण के मामले में भारत के हालात दुनिया से बेहतर हैं. कोरोना के सामने पूरी दुनिया नतमस्तक है.'
रविशंकर प्रसाद ने कहा, 'प्रधानमंत्री मोदी ने सही वक्त पर लॉकडाउन का फैसला लिया था. लॉकडाउन में भी भारत नहीं रुका. भारत में रिकवरी रेट 48% है. 37 करोड़ अकाउंट में सरकार ने पैसा पहुंचाया है.'
कानून मंत्री ने कहा, 'हारे हुए हताश लोग कोर्ट के जरिए राजनीति करते हैं. हर बात पर जनहित याचिका दायर करना गलत है.'
प्रसाद ने आगे कहा कि जनहित याचिका लोगों के हित के लिए होती हैं. लेकिन कुछ लोग कोर्ट में PIL के जरिए राजनीति कर रहे हैं. ये सही नहीं है.
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