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Lord Shiva Highest Statue: 369 फीट ऊंचाई, 30 हजार टन वजन, महादेव की सबसे ऊंची मूर्ति; जिसका आज होगा लोकार्पण

Lord Shiva Statue Rajasthan: राजस्थान (Rajasthan) में राजसमंद (Rajsamand) के नाथद्वारा (Nathdwara) में आज (शनिवार को) भगवान शिव की 369 फीट ऊंची प्रतिमा ‘विश्वास स्वरूपम’ का लोकार्पण होगा. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भगवान शिव की दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा (Lord Shiva Highest Statue) का लोकार्पण करेंगे. भगवान शिव की 369 फीट ऊंची प्रतिमा का निर्माण तत पदम संस्थान द्वारा करवाया गया है. भगवान शिव की इस प्रतिमा का वजन करीब 30 हजार टन है. आइए भगवान शिव की सबसे ऊंची प्रतिमा की खासियत जानते हैं.

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राजस्थान के राजसमंद में भगवान शिव की 369 फीट ऊंची प्रतिमा का निर्माण करवाने वाले तत पदम संस्थान के ट्रस्टी और मिराज समूह के अध्यक्ष मदन पालीवाल ने बताया कि प्रतिमा के लोकार्पण के बाद 29 अक्टूबर से 6 नवंबर तक लगातार 9 दिनों तक यहां धार्मिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे. इस दौरान मुरारी बापू राम कथा का पाठ भी करेंगे.

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बता दें कि 51 बीघा की पहाड़ी पर बनी भगवान शिव की 369 फीट ऊंची प्रतिमा में ध्यान एवं अल्लड़ की मुद्रा में है. दुनिया की सबसे ऊंची शिव प्रतिमा की अपनी एक अलग ही खासियत है. 369 फुट ऊंची यह मूर्ति विश्व की अकेली ऐसी प्रतिमा होगी, जिसमें लिफ्ट, सीढ़ियां और श्रद्धालुओं के लिए हॉल बनाया गया है.

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दुनिया की सबसे ऊंची भगवान शिव की प्रतिमा के अंदर सबसे ऊपरी हिस्से में जाने के लिए 4 लिफ्ट और तीन सीढ़ियां बनाई गई हैं. प्रतिमा के निर्माण में साढ़े 4 साल का समय और 300 से ज्यादा कारीगारों की मेहनत लगी है. इसमें 3000 टन स्टील और लोहा, 2.5 लाख क्यूबिक टन कंक्रीट और रेत का प्रयोग हुआ है.

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गौरतलब है कि नाथद्वारा जहां भगवान शिव की दुनिया की सबसे ऊंची 369 फीट की प्रतिमा बनाई गई है, वह उदयपुर शहर से लगभग 45 किलोमीटर दूर है. मूर्तिकार नरेश कुमावत ने बताया कि राजसमंद जिले के नाथद्वारा में तत पदम उपवन के मदन पालीवाल के द्वारा उनको महादेव की सबसे ऊंची प्रतिमा बनाने का मौका मिला जो अब पूरी तरीके से बनकर तैयार हो गई है.

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मूर्तिकार नरेश कुमावत ने कहा कि मूर्ति बनाने का काम हमारी तीसरी पीढ़ी कर रही है. उनका यह काम लगभग 65 देशों में जारी है. जापान, कनाडा, अमेरिका सहित कई देशों में छोटी बड़ी मूर्तियां उनके संस्थान द्वारा बनाई गई हैं. मदन पालीवाल ने उनको एक स्ट्रक्चर तैयार करके दिया था कि इस तरीके से यह प्रतिमा बनानी है और वो उनकी उम्मीदों पर पूरी तरीके से खरे उतरे. आज इस शिव प्रतिमा की पूरे विश्व भर में चर्चा हो रही है.

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