बृंदा ने अपने पत्र में लिखा, 'मुझे नैतिक रूप से यह महसूस हुआ है कि मैंने देश की आपराधिक न्याय प्रणाली के इच्छानुसार अपनी ड्यूटी नहीं निभाई है.'
बृंदा ने पदक लौटाते हुए मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को चिट्ठी लिखी और इसमें अदालत के आदेश को मेडल लौटाने की वजह बताया. ड्रग्स मामले में भारतीय जनता पार्टी के पूर्व एडीसी चेयरमैन और 6 अन्य लोगों के खिलाफ आरोप लगे थे.
पुलिस अधिकारी को ड्रग्स मामले में जांच के लिए ही यह मेडल दिया गया था.अदालत ने ड्रग्स मामले में जांच को असंतोषजनक मानते हुए सभी आरोपियों को आरोपमुक्त कर दिया है.
बृंदा को ड्रग्स के खिलाफ लड़ाई में अहम योगदान देने के लिए 13 अगस्त 2018 को मुख्यमंत्री पुलिस पदक से सम्मानित किया गया था. लामफेल की एनडीपीएस कोर्ट ने भारतीय जनता पार्टी के पूर्व स्वायत्त जिला परिषद एडीसी के अध्यक्ष लुखोशी जो और छह अन्य लोगों को सभी आरोपों से बरी कर दिया है. इनके पास से भारी मात्रा में ड्रग्स जब्त किया गया था. जून 2018 में बृंदा NAB में ASP के पद पर थीं. उन्होंने पश्चिमी इम्फाल में Lhukosei Zou के घर पर छापा मारा था और करोड़ों रुपए की ड्रग्स बरामद की थी. इस मामले में 20 जून को उन्होंने Lhukosei Zou समेत 6 लोगों को गिरफ्तार किया था.
बृंदा ने अपने पत्र में लिखा, 'मुझे नैतिक रूप से यह महसूस हुआ है कि मैंने देश की आपराधिक न्याय प्रणाली के इच्छानुसार अपनी ड्यूटी नहीं निभाई है इसलिए मैं खुद को इस सम्मान के लायक नहीं समझती हूं और राज्य के गृह विभाग को मेडल लौटा रही हूं ताकि किसी अधिक योग्य और वफादार पुलिस अधिकारी को यह मेडल दिया जा सके.'
ट्रेन्डिंग फोटोज़