पिछले साल गणतंत्र दिवस परेड में सीआरपीएफ के मार्चिंग दस्ते ने भाग लिया था, लेकिन उसमें महिलाओं का डेयर डेविल दस्ता शामिल नहीं था. सीआरपीएफ में वर्ष 2014 के दौरान डेयर डेविल दस्ते का गठन किया गया था.
पिछले साल गणतंत्र दिवस परेड में सीआरपीएफ के मार्चिंग दस्ते ने भाग लिया था, लेकिन उसमें महिलाओं का डेयर डेविल दस्ता शामिल नहीं था. सीआरपीएफ में वर्ष 2014 के दौरान डेयर डेविल दस्ते का गठन किया गया था. इसमें सीआरपीएफ की पहली आर्म्ड महिला बटालियन की अनेक जवानों को शामिल किया गया है.
बता दें कि यह आर्म्ड महिला बटालियन न केवल भारत में, बल्कि एशिया में भी पहली बार स्थापित की गई है. इस दस्ते की अनेक महिलाओं ने जम्मू-कश्मीर के आतंकवाद ग्रस्त इलाके और नक्सल क्षेत्र में अपनी बहादुरी दिखाई है. गणतंत्र दिवस पर इसी दस्ते की 65 डेयर डेविल महिलाएं हैरतंगेज करतब दिखाएंगी.
अभी तक ऐसे करतब ज्यादातर पुरुष ही दिखाते रहे हैं. मौजूदा समय में सीआरपीएफ के पास छह महिला बटालियन हैं. इन्हें देश के विभिन्न हिस्सों में तैनात किया गया है. 2001 में संसद हमले के दौरान सीआरपीएफ महिला बटालियन की एक जवान को अशोक चक्र से नवाजा गया था. उसके बाद बहादुरी के चलते कई दूसरी महिला जवानों को भी विभिन्न पदक मिल चुके हैं. साथ ही, खेल के क्षेत्र भी इस बल की महिला जवानों ने सफलता के झंडे गाड़े हैं.
26 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस के मौके पर CRPF की महिला डेयर डेविल टीम पहली बार आने बहादुरी के कारनामे दिखाएगी. सीआरपीएफ की ये टीम फिलहाल राजपथ पर अपनी तैयारियों को अंतिम रूप देने में लगी हुई है.
इस साल ब्राजील के राष्ट्रपति जैर बोलसोनारो 26 जनवरी 2020 की गणतंत्र दिवस परेड में बतौर मुख्य अतिथि शामिल होंगे. इसके साथ ही राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री समेत दुनिया भर के कई देशों के राजदूत भी परेड देखने के लिए शामिल होते हैं. यही नहीं परेड को देखने के लिए आम लोगों में भी काफी जोश होता है. सीआरपीएफ की इस महिला टुकड़ी के लिए ये शान की बात है की उन्हें स्टंट दिखाने का मौका मिला है.
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