हरियाणा के गुरुग्राम की रहने वाली निधि सिवाच (Nidhi Siwach) ने 10वीं के बाद इंजीनियरिंग में जाने का मन बनाया और 12वीं के बाद मैकेनिकल इंजीनियरिंग में एडमिशन लिया. कहा जाता है कि मैकेनिकल इंजीनियरिंग सिर्फ लड़कों के लिए होता है, लेकिन निधि ने इसे गलत साबित किया और मैकेनिकल में डिग्री हासिल की. (फोटो सोर्स- फेसबुक)
इंडिया टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, मैकेनिकल इंजीनियरिंग के बाद निधि सिवाच (Nidhi Siwach) को हैदराबाद की एक कंपनी में जॉब मिल गई और वह हैदराबाद शिफ्ट हो गईं. 2 साल तक जॉब करने के बाद निधि के मन में आया कि वह इस जॉब के लिए नहीं बनी हैं और उन्हें कुछ अलग करना है. निधि का करियर लगभग सेट हो चुका था, लेकिन उन्होंने ठान लिया कि वे अब आईएएस अफसर बनकर ही मानेंगी. (फोटो सोर्स- फेसबुक)
निधि सिवाच (Nidhi Siwach) ने अपने लक्ष्य पर फोकस किया और पूरी मेहनत के साथ यूपीएससी की तैयारी में जुट गईं, लेकिन दो बार वह इसमें नाकामयाब रहीं. (फोटो सोर्स- फेसबुक)
लगातार 2 असफलता के बाद निधि सिवाच (Nidhi Siwach) खुद को पॉजिटिव रखने की कोशिश कर रही थीं, लेकिन इस बीच घरवालों ने उनके सामने शर्त रख दी कि अगर वे इस बार फेल हुईं तो उन्हें शादी करनी पड़ेगी. निधि ने घरवालों की शर्त मान ली, लेकिन इसके साथ ही यह भी ठान लिया कि इस बार यूपीएससी परीक्षा जरूर पास करेंगी. (फोटो सोर्स- निधि सिवाच इंस्टाग्राम)
निधि सिवाच (Nidhi Siwach) को पता था कि तीसरा प्रयास उनका अंतिम प्रयास होगा और इस बार अगर वह सफल नहीं होंगी तो उन्हें शादी करनी पड़ेगी. इसलिए उन्होंने तैयारी में सारी ताकत झोंक दी और एग्जाम की तैयारी के लिए निधि ने खुद को करीब 6 महीने तक अपने कमरे में बंद कर लिया. घर में रहते हुए भी वह घरवालों से ज्यादा बात नहीं करती थीं और सारा समय किताबों में लगी रहती थीं. वह मानती हैं कि ऐसे समय में पारिवारिक बातें उनका ध्यान भटका रही थीं. (फोटो सोर्स- निधि सिवाच इंस्टाग्राम)
यूपीएससी एग्जाम की तैयारी के लिए निधि सिवाच (Nidhi Siwach) ने ना ही किसी तरह की कोचिंग ली और ना ही सोशल ग्रुप में शामिल हुईं. आखिरकार निधि की मेहनत रंग लाई और उन्होंने अपने तीसरे प्रयास में ऑल इंडिया रैंक 83 हासिल कर ली. इस तरह निधि को मनपसंद इंडियन एडमिनिस्ट्रेशन सर्विस (IAS) मिल गई. (फोटो सोर्स- निधि सिवाच इंस्टाग्राम)
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