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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने शुक्रवार को देश को संबोधित करते हुए तीन नए कृषि कानूनों को वापस (Repeal of New Agricultural Laws) लेने का ऐलान किया. कानूनों को निरस्त करने की घोषणा के बाद विपक्षी पार्टियों ने अपनी जीत बताया, वहीं केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) ने कहा कि मुझे दुख है कि इन कृषि कानूनों के लाभ हम देश के कुछ किसानों को समझाने में सफल नहीं हो पाए.
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) ने कहा, 'देश इस बात का गवाह है कि जब से पीएम मोदी ने 2014 में सरकार की बागडोर अपने हाथों में ली है, उनकी सरकार की प्रतिबद्धता किसानों और कृषि के लिए रही है. परिणामस्वरूप आपने देखा होगा कि पिछले 7 सालों में कृषि को लाभ पहुंचाने वाली कई नई योजनाएं शुरू की गईं.'
Nation is witness to the fact that ever since PM Modi took the reins of the govt in his hands in 2014, the commitment of his govt has been for farmers & agriculture. As a result, you would've seen that in last 7 yrs many new schemes benefitting agriculture were started: Agri Min pic.twitter.com/rnGi5RcmQY
— ANI (@ANI) November 19, 2021
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नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) ने कहा, 'प्रधानमंत्री कृषि सुधार की दृष्टि से तीन कृषि कानून लेकर आए. मुझे दुख है कि इन कृषि कानूनों के लाभ हम देश के कुछ किसानों को समझाने में सफल नहीं हो पाए. हमने कृषि कानूनों के बारे में किसानों को समझाने की कोशिश की, लेकिन हम सफल नहीं हो पाए.'
PM had brought the 3 Bills that were passed by the Parliament. They would've benefitted farmers, behind it were PM's clear intentions to bring revolutionary changes in lives of farmers. But I'm pained that we failed to explain benefits to some farmers of nation: Agri Min NS Tomar pic.twitter.com/JSuoXVlVCH
— ANI (@ANI) November 19, 2021
पीएम मोदी ने कहा, 'हमारी सरकार, किसानों के कल्याण के लिए, खासकर छोटे किसानों के कल्याण के लिए, देश के कृषि जगत के हित में, देश के हित में, गांव गरीब के उज्जवल भविष्य के लिए, पूरी सत्य निष्ठा से, किसानों के प्रति समर्पण भाव से, नेक नीयत से ये कानून लेकर आई थी. लेकिन इतनी पवित्र बात, पूर्ण रूप से शुद्ध, किसानों के हित की बात, हम अपने प्रयासों के बावजूद कुछ किसानों को समझा नहीं पाए.'
उन्होंने कहा, 'कृषि अर्थशास्त्रियों ने, वैज्ञानिकों ने, प्रगतिशील किसानों ने भी उन्हें कृषि कानूनों के महत्व को समझाने का भरपूर प्रयास किया. आज मैं आपको, पूरे देश को, ये बताने आया हूं कि हमने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का निर्णय लिया है. इस महीने के अंत में शुरू होने जा रहे संसद सत्र में, हम इन तीनों कृषि कानूनों को Repeal करने की संवैधानिक प्रक्रिया को पूरा कर देंगे.' इसके साथ पीएम मोदी ने अपने संबोधन के दौरान कृषि कानूनों के खिलाफ धरने पर बैठे किसानों से वापस लौटने की अपील की.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के नाम संबोधन में एमएस को प्रभावी और पारदर्शी बनाने के लिए कमेटी के गठन का ऐलान किया. उन्होंने कहा, 'एमएसपी को और अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाने के लिए, ऐसे सभी विषयों पर, भविष्य को ध्यान में रखते हुए, निर्णय लेने के लिए, एक कमेटी का गठन किया जाएगा. इस कमेटी में केंद्र सरकार, राज्य सरकारों के प्रतिनिधि होंगे, किसान होंगे, कृषि वैज्ञानिक होंगे, कृषि अर्थशास्त्री होंगे.'
पीएम मोदी ने कहा, 'आज ही सरकार ने कृषि क्षेत्र से जुड़ा एक और अहम फैसला लिया है. जीरो बजट खेती यानी प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए, देश की बदलती आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर क्रॉप पैटर्न को वैज्ञानिक तरीके से बदलने के लिए फैसला लिया है.'
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