प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को दूसरे राज्यों से लौट कर आए प्रवासी मजदूरों को उनके घर के आसपास ही रोजगार देने के लिए 50,000 करोड़ रुपये की लागत से गरीब कल्याण रोजगार अभियान की शुरुआत की.
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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने शनिवार को दूसरे राज्यों से लौट कर आए प्रवासी मजदूरों (Migrant Labours) को उनके घर के आसपास ही रोजगार देने के लिए 50,000 करोड़ रुपये की लागत से गरीब कल्याण रोजगार अभियान की शुरुआत की. बिहार के खगड़िया जिले के बेलदौर प्रखंड के तेलिहार गांव से शुरू की गई. इस योजना का मकसद वापस आए प्रवासी श्रमिकों और गांव के लोगों को सशक्त बनाना, स्थानीय स्तर पर विकास को गति देना और आजीविका के अवसर प्रदान करना है. योजना शुरू करने के दौरान पीएम मोदी ने गलवान घाटी (Galwan valley) में शहीद हुए 20 जवानों को याद किया. पीएम मोदी ने कहा कि बिहार रेजिमेंट ने गलवान में पराक्रम दिखाया. उन्होंने कहा कि हर किसी को बिहार रेजीमेंट की वीरता पर गर्व है.
मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये योजना की शुरुआत करते हुए कहा कि योजना छह राज्यों. बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, झारखंड और ओड़िशा के 116 जिलों में लागू होगी और इससे प्रवासी मजदूरों को उनके घर के आसपास ही रोजगार मिलेगा. यह योजना ऐसे समय शुरू की गई है जब कोरोना वायरस महामारी और 'लॉकडाउन' के कारण लाखों की संख्या में प्रवासी मजदूरों को कामकाज से हाथा धोना पड़ा और वे अपने गांवों को लौटने को मजबूर हुए हैं.
प्रधानमंत्री ने कहा, "इस योजना पर कुल 50,000 करोड़ रुपये का खर्च आएगा. इस योजना के जरिये ग्राम पंचायत भवन और आंगनवाड़ी केंद्र, राष्ट्रीय राजमार्ग, रेलवे और जल संरक्षण जैसे विभिन्न प्रकार के 25 कार्यों का क्रियान्वयन होगा, देश के ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे का निर्माण किया जाएगा."
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उन्होंने कहा, "यह हमारा प्रयास है कि श्रमिकों को उनके घर के पास ही काम मिले, अबतक आप शहरों का विकास कर रहे थे, अब आप अपने गांवों की मदद करेंगे." पीएम मोदी ने कहा कि इस योजना से श्रमिकों के सम्मान की रक्षा होगी और गांवों के विकास को गति मिलेगी.
यह अभियान 12 विभिन्न मंत्रालयों/विभागों- ग्रामीण विकास, पंचायती राज, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग, खान, पेयजल और स्वच्छता, पर्यावरण, रेलवे, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, नई और नवीकरणीय ऊर्जा, सीमा सड़क, दूरसंचार और कृषि का एक समन्वित प्रयास होगा. इस मौके पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एवं अन्य संबंधित राज्यों के मुख्यमंत्री मौजूद थे.