शर्मनाक : PM मोदी की 'परीक्षा पर चर्चा' के दौरान दलित छात्रों को अस्तबल में बैठाया
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शर्मनाक : PM मोदी की 'परीक्षा पर चर्चा' के दौरान दलित छात्रों को अस्तबल में बैठाया

यह पूरी घटना कुल्लू के चेष्ठा ग्राम पंचायत की बताई जा रही है. प्रशासनिक आदेशों के बाद स्कूल के प्रबंधक ने अपने ही घर पर प्रधानमंत्री मोदी की 'परीक्षा पर चर्चा' सुनने की व्यवस्था की थी.

पीएम मोदी की सलाह- दूसरों से नहीं खुद से प्रतिस्पर्धा करें (फाइल फोटो)

कुल्लू: 16 फरवरी को प्रधानमंत्री जब बच्चों को परीक्षाओं के दौरान तनाव से उबरने का मंत्र दे रहे थे और बच्चे प्रधानमंत्री से कई सवाल पूछ रहे थे, ठीक उसी समय कुल्लू में दलित समुदाय के बच्चों को बड़ा झटका लगा. बच्चों को पीएम मोदी की 'परीक्षा पर चर्चा' सुनने के लिए घोड़े के अस्पताल में बैठा दिया गया. यह पूरी घटना कुल्लू के चेष्ठा ग्राम पंचायत की बताई जा रही है. प्रशासनिक आदेशों के बाद स्कूल के प्रबंधक ने अपने ही घर पर प्रधानमंत्री मोदी की 'परीक्षा पर चर्चा' सुनने की व्यवस्था की थी.

  1. छात्रों को अस्तबल में बैठने के लिए मजबूर किया गया
  2. कुल्लू जिले के चेष्ठा ग्राम पंचायत का है मामला
  3. छात्रों ने डिप्टी कमिश्नर को लिखा शिकायत पत्र
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अस्तबल में बैठने के लिए किया गया मजबूर
अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के मुताबिक शुक्रवार देर शाम कुल्लू के डिप्टी कमिश्नर को शिकायत पत्र लिखा गया है. इस शिकायत पत्र में लिखा गया है कि स्कूल में प्रधानमंत्री और बच्चों से जुड़े इस कार्यक्रम को देखने के लिए टेलीविजन की व्यवस्था नहीं थी. आरोप है कि स्कूल में शिक्षकों ने पहले ही बच्चों को कहा कि स्कूल प्रबंधन कमेटी के अध्यक्ष के घर में एक जाति विशेष के बच्चे घर से बाहर बैठेंगे और स्वर्ण जाति के बच्चे घर के भीतर बैठेंगे. जैसे ही प्रधानमंत्री से रू-ब-रू होने का वक्त आया तो सभी बच्चे स्कूल प्रबंधन कमेटी के अध्यक्ष के घर की ओर चल दिए. उस जाति विशेष के बच्चों को अध्यक्ष के घर के बाहर अस्तबल में घोड़े की लीद के बीच बैठाया गया जबकि अन्य बच्चे कमरे में चले गए.  

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मिड-डे मील देने में किया जाता है भेदभाव
स्कूली छात्रों से आरोप लगाया है कि उनसे स्कूल के मिड-डे मील वितरण में भी भेदभाव किया जाता है. डीएम को लिखी गई चिट्ठी में छात्रों ने आरोप लगाया है कि स्कूल में अगल बैठने के लिए कह जाता है. छात्रों का कहना है कि उन्हें कई बार छुआ-छूत जैसी चीजों का शिकार होना पड़ता है. अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक इस घटना का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसके बाद स्थानीय लोगों ने डिप्टी डायरेक्टर से शिकायत की है. स्थानीय लोगों का कहना है कि खुद स्कूल के प्रिंसिपल सुरेश भारद्वाज ने इस पूरी घटना की पुष्टि की है.

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एक्शन में आया प्रशासन
छात्रों और स्थानीय लोगों द्वारा शिकायत किए जाने के बाद प्रशानिक अधिकारी एक्शन में आ गए हैं. मामले को संज्ञान में लेते हुए राज्य के शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा है कि वह इस मामले की जांच करवा रहे हैं, आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. वहीं, राज्य सरकार ने स्थानीय प्रशासन से पूरे मामले की रिपोर्ट मांगते हुए मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं.

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