पीएम मोदी ने तमाम मंत्रालय को आदेश दिया कि ऐसी नीति और माहौल बनाया जाए ताकि राज्यों में प्लास्टिक टॉय बनाने के लिए क्लस्टर बनाए जा सकें. ये विशेष क्लस्टर ना केवल देश मे बच्चों के लिए खिलौने बनाएंगे बल्कि देश मे बने खिलौने विदेशों में भी एक्सपोर्ट किए जा सके.
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नई दिल्ली: देश मे प्लास्टिक टॉयज (Palstic Toys) या बच्चों के खिलौने बनाने को बढ़ावा देने के मकसद से पीएम नरेंद्र मोदी (Narendr Modi) ने अन्य कैबिनेट मंत्रियों और उच्च अधिकारियों के साथ अहम बैठक की.
बैठक मे पीएम मोदी ने तमाम मंत्रालय को आदेश दिया कि ऐसी नीति और माहौल बनाया जाए ताकि राज्यों में प्लास्टिक टॉय बनाने के लिए क्लस्टर बनाए जा सकें. ये विशेष क्लस्टर ना केवल देश मे बच्चों के लिए खिलौने बनाएंगे बल्कि देश मे बने खिलौने विदेशों में भी एक्सपोर्ट किए जा सके.
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वोकल फॉर लोकल और आत्मनिर्भर भारत मिशन को भी प्लास्टिक टॉय मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देकर सफल बनाने पर पीएम मोदी ने जोर दिया.
दरअसल देश मे चीन से आयातित बेतहाशा प्लास्टिक के खिलौने से सरकार बेहद चिंतित है. आलम ये है कि देश के बाजारों में बिक रहे बच्चों के प्लास्टिक के खिलौने में चीन का जबरदस्त दबदबा है. स्थिति ये है कि 70% प्लास्टिक खिलौने इम्पोर्ट किए जाते हैं, जबकि केवल 30-35% खिलौने ही देश मे बनते हैं.
इसी बिगड़े गणित को सुधारने के मकसद से सरकार प्लास्टिक टॉयज के इम्पोर्ट पर रोक और देश मे ही प्लास्टिक टॉयज के मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देना चाहती है.
पीएम मोदी ने बैठक में युवाओं को प्रेरित करने के लिए भी रास्ते बनाने को कहा. प्लास्टिक टॉयज में टेक्नोलॉजी और इनोवेशन को भी ज़्यादा से ज़्यादा अपनाने पर पीएम ने जोर दिया.
पीएम मोदी ने बच्चों के खिलौने विषय पर hackathon आयोजित करने की भी सलाह दी है, जिसमें युवाओं के हिस्सा लेने से ना केवल नए आइडिया ही मिलेंगे, साथ ही प्लास्टिक टॉयज मैन्युफैक्चरिंग में नवीन तकनीक और नए डिजाइन भी देश को मिल सकेंगे.
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