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नई दिल्ली: संसद के मॉनसून सत्र (Monsoon Session) में सरकार-विपक्ष के बीच गतिरोध बना हुआ है और सदन की कार्यवाही लगातार बाधित हो रही है. इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने संसद में कागज फाड़ने और विधेयकों के पारित किए जाने के तौर तरीकों के लिए विवादित टिप्पणी को लेकर मंगलवार को विपक्षी दलों पर जमकर निशाना साधा. पीएम मोदी ने कहा कि विपक्ष संसद नहीं चलने दे रहा है. यह संसद, संविधान, लोकतंत्र और देश की जनता का अपमान है. बता दें कि पेगासस जासूसी विवाद और तीन केंद्रीय कृषि कानूनों के मुद्दों पर मॉनसून सत्र के पहले दो सप्ताह विपक्ष के हंगामे की भेंट चढ़ गया है.
भारतीय जनता पार्टी (BJP) संसदीय दल की बैठक को संबोधित करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने कहा कि विपक्षी सदस्यों का आचरण और उनका व्यवहार जनता का भी 'अपमान' है. पीएम मोदी ने विपक्षी दलों को आड़े हाथों लेते हुए आरोप लगाया कि अपने आचरण से वह विधायिका और संविधान का अपमान कर रहे हैं.
संसदीय दल बैठक के बाद संवाददाताओं को संबोधित करते हुए संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा, 'तृणमूल कांग्रेस के एक सांसद ने ट्वीट किया था. प्रधानमंत्री ने इसे जनता का अपमान बताया और कहा कि जनता ही सांसदों को चुनौती है. प्रधानमंत्री ने इस बयान पर नाराजगी जताई. पापड़ी-चाट बनाने की बात करना अपमानजनक बयान है. कागज छीन लेना और उसके टुकड़े कर फेंकना और माफी भी ना मांगना उनके अहंकार को दर्शाता है.'
बता दें कि तृणमूल कांग्रेस सांसद डेरेक ओ'ब्रायन (Derek O'Brien) ने सरकार पर जल्दबाजी में विधेयकों को पारित कराने का आरोप लगाते हुए दावा किया कि सात-सात मिनट में एक विधेयक पारित कराया गया. ओ'ब्रायन ने एक ट्वीट में कहा था, 'पहले 10 दिनों में संसद में कमाल! मोदी-शाह ने 12 विधेयक पारित कराए और इसका औसत समय सात मिनट प्रति विधेयक है' उन्होंने कहा, 'विधेयक पारित करा रहे हैं या पापड़ी चाट बना रहे हैं.'
In the first 10 days, Modi-Shah rushed through and passed 12 Bills at an average time of UNDER SEVEN MINUTES per Bill(See shocking chart)
Passing legislation or making papri chaat! pic.twitter.com/9plJOr5YbP
— Derek O'Brien | ডেরেক ও'ব্রায়েন (@derekobrienmp) August 2, 2021
तृणमूल कांग्रेस (TMC) के ही सदस्य शांतनु सेन ने पिछले दिनों सूचना प्रौद्योगिकी और संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव के हाथों से पेगासस मुद्दे पर बयान की प्रति छीन ली थी और उसे हवा में लहरा दिया था. बाद में शांतनु सेन को मॉनसून सत्र की शेष अवधि के लिए राज्य सभा से निलंबित कर दिया गया था. पिछले दिनों ऐसी ही एक घटना लोक सभा में भी हुई थी.
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