Viral Video: उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के एक गांव से चौंकाने वाला वीडियो सामने आया है. जिसमें एक धार्मिक अनुष्ठान के तहत एक पुजारी द्वारा एक बच्चे को उबलते दूध से नहलाया जा रहा है.
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Viral Video: उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के एक गांव से चौंकाने वाला वीडियो सामने आया है. जिसमें एक धार्मिक अनुष्ठान के तहत एक पुजारी द्वारा एक बच्चे को उबलते दूध से नहलाया जा रहा है. रिपोर्टों के मुताबिक यह विचित्र घटना जिले के श्रवणपुर गांव में हुई जहां पवित्र शहर वाराणसी के पुजारी ने बच्चे के साथ ऐसा अमानवीय व्यवहार किया.
परेशान करने वाला वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल हो रहा है. पुजारी को वाराणसी के पंडित अनिल भगत के रूप में पहचाना जाता है. वीडियो में देखा जा सकता है कि पुजारी बच्चे को अपने घुटने पर बैठाता है, उबलते दूध के बर्तन से झाग निकालता है और इसे बच्चे के चेहरे पर लगा देता है. वीडियो में देखा जा सकता है कि पुजारी के इस व्यवहार से बच्चे को दर्द हो रहा है और उसे रोते हुए भी देखा जा सकता है.
यहां देखें वीडियो:
मासूम बच्चे को गर्म दूध से नहलाया
बलिया के श्रवणपुर में काशी दास बाबा पूजन के दौरान वाराणसी के पंडित अनिल भगत ने बच्चे को गर्म दूध से नहला दिया। बच्चा तड़पता रहा पंडित जी नहलाते रहे...https://t.co/XAsTEmK8m2
— Kavish Aziz (@azizkavish) June 27, 2023
दर्द में कराहते बच्चे के साथ पुजारी अनुष्ठान जारी रखता है. इस दौरान हजारों लोग मूकदर्शक बने पुजारी को बस देख रहे हैं. यह अजीब अनुष्ठान बलिया के श्रवणपुर गांव में काशी दास बाबा पूजन का हिस्सा था और यादव समुदाय के बीच आम है.
बच्चों का दर्दनाक और कभी-कभी घातक अंधविश्वासी प्रथाओं का शिकार होना, हाल के दिनों में एक आम घटना बन गई है. इस साल फरवरी में मध्यप्रदेश के शहडोल जिले में एक 3 महीने की बच्ची की मौत हो गई इन्हीं मान्यताओं के चलते मौत हो गई. उसकी बीमारी को ठीक करने के "पारंपरिक तरीकों" के तहत एक महिला द्वारा गर्म लोहे की छड़ से 20 बार दागा गया था.
यह भयानक घटना शहडोल जिले में अपनी तरह की दूसरी घटना थी, कुछ दिनों पहले इसी तरह की प्रथा के कारण ढाई महीने की एक बच्ची की मौत हो गई थी. पुलिस ने कहा कि दूसरी पीड़िता को उसकी मां एक आस्था उपचारक के पास ले गई थी. झोलाछाप ने शिशु को "ठीक" करने के बहाने उसे गर्म लोहे की छड़ से 50 से अधिक बार दागा था.
पीड़िता को शहडोल मेडिकल कॉलेज ले जाया गया जहां उसने दम तोड़ दिया. पुलिस ने मेडिको-लीगल उद्देश्यों के लिए शिशु के शरीर को कब्र से बाहर निकाला था और तथाकथित "हीलर" के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और ड्रग्स एंड मैजिक रेमेडीज एक्ट की प्रासंगिक धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था.
(एजेंसी इनपुट के साथ)