राहुल गांधी ने किसान आंदोलन के पूरे देश में फैलने की कही बात, बीजेपी ने बोला जवाबी हमला
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राहुल गांधी ने किसान आंदोलन के पूरे देश में फैलने की कही बात, बीजेपी ने बोला जवाबी हमला

  कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रदर्शनकारी किसानों के प्रति समर्थन जताते हुए शुक्रवार को कहा कि केंद्रीय कृषि कानूनों को ‘कूड़ेदान’ में फेंकना ही इस मुद्दे का एकमात्र समाधान है और अगर सरकार ने इन तीनों कानूनों को वापस नहीं लिया तो किसान आंदोलन पूरे देश और खासकर, शहरी इलाक

फाइल फोटो

नई दिल्ली:  कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रदर्शनकारी किसानों के प्रति समर्थन जताते हुए शुक्रवार को कहा कि केंद्रीय कृषि कानूनों को ‘कूड़ेदान’ में फेंकना ही इस मुद्दे का एकमात्र समाधान है और अगर सरकार ने इन तीनों कानूनों को वापस नहीं लिया तो किसान आंदोलन पूरे देश और खासकर, शहरी इलाकों में फैल जाएगा. उन्होंने सरकार पर किसानों पर डराने-धमकाने का आरोप लगाया और यह दावा भी किया कि गाजीपुर बॉर्डर पर पुलिस तैनात करके और सिंघु बॉर्डर पर मौजूद किसानों पर पथराव करके किसान का हौसला नहीं तोड़ा जा सकता है. वहीं बीजेपी ने राहुल गांधी पर तिरंगे का अपमान और देश तोड़ने की हिमाकत करने वाले अराजक तत्वों का समर्थन करने का आरोप लगाया और कहा कि वह चाहते हैं कि देश में कानून-व्यवस्था भंग हो. केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी पर 26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर परेड में घायल पुलिसकर्मियों के प्रति संवेदना व्यक्त न करने के लिए भी आड़े हाथों लिया.

  1. किसान आंदोलन के मुद्दे पर कांग्रेस और बीजेपी में ठनी
  2. राहुल गांधी पर बीजेपी ने किया जोरदार पलटवार
  3. पुलिस, पत्रकारों पर हमले के बारे में राहुल नहीं करते बात: ईरानी

तीनों कानूनों के खिलाफ दिल्ली के बाहर खड़े हैं किसान: राहुल गांधी

राहुल गांधी ने कहा कि देश के युवाओं को बता देना चाहता हूं कि इन कानूनों को समझने की जरूरत है. पहला कानून हमारी मंडी व्यवस्था को नष्ट कर देगा. दूसरा, कानून से यह होगा कि 4-5 उद्योगपति जितना भी अनाज जमा करना चाहते हैं, कर सकते हैं. ये कानून लागू होने के बाद किसान अपनी फसल के दाम का मोलभाव नहीं कर पायेगा. राहुल गांधी ने कहा कि तीसरा कानून का मतलब यह है कि किसान अदालत नहीं जा सकता. इन तीन कानूनों के खिलाफ किसान दिल्ली के बाहर खड़े हैं. उन्होंने यह भी कहा कि इन कानूनों से सरकार देश के मध्यम वर्ग को बड़ा झटका देगी क्योंकि आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में इजाफा हो जाएगा. कांग्रेस नेता ने किसान नेताओं को दिए गए नोटिस और मामले दर्ज होने का परोक्ष रूप से हवाला देते हुए यह आरोप भी लगाया कि सरकार एनआईए का उपयोग कर किसानों को धमका रही है.

कूड़ेदान में फेंक दिए जाएं तीनों कानून: राहुल

उन्होंने कहा, 'सरकार किसानों को बदनाम करने की कोशिश कर रही है. आज जो हो रहा है, सिंघू बॉर्डर पर सरकार जो किसानों पर आक्रमण कर रही है, किसानों को मार रही है, ये बिल्कुल गलत है.' उन्होंने कहा कि तीनों कानूनों को ‘कूड़ेदान’ में फेंकना ही इस मुद्दे का एकमात्र समाधान है. राहुल गांधी ने लाल किले पर धार्मिक ध्वज लगाने की घटना को लेकर सवाल किया, 'किसानों को लाल किले में किसने जाने दिया और क्यों जाने दिया? क्या गृह मंत्रालय का काम नहीं है कि लाल किले पर इनको जाने से रोका जाए, उसके लिए कौन जिम्मेदार है?' यह पूछे जाने पर कि गृह मंत्री अमित शाह को इस्तीफा देना चाहिए तो राहुल गांधी ने कहा, 'जिसने भी यह होने दिया है उसे इस्तीफा देना चाहिए. लेकिन इनसे इस्तीफे की उम्मीद नहीं है क्योंकि भाजपा अपने कदमों को लेकर जिम्मेदारी नहीं लेती.' कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने दावा किया कि जो 4-5 उद्योगपति हैं, ये जो आपका भविष्य चोरी करने की कोशिश कर रहे हैं, इन्हें आपका भविष्य चोरी करने मत दीजिये, हम आपकी पूरी मदद करेंगे.

तीनों कानून वापस लें पीएम मोदी: राहुल गांधी

कांग्रेस नेता ने किसानों का आह्वान किया, 'सरकार को ये नहीं लगना चाहिए कि किसान पीछे हट जायेंगे. मैं किसानों से कहना चाहता हूं कि हम सब आपके साथ हैं. 1 इंच पीछे मत हटिये, ये आपका भविष्य है, इसके लिए आप लड़िये.' उन्होंने कहा, 'ये भाजपा को गलतफहमी है, इसमें अभी एक मुद्दा है कि देश के किसानों को ये कानून अभी तक पूरी तरह समझ नहीं आये हैं. पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, यूपी में बात समझ आ गई है.' राहुल गांधी ने दावा किया, 'प्रधानमंत्री को ये नहीं सोचना चाहिए कि आंदोलन यहां रूकेगा, ये आंदोलन शहरों के अंदर तक जायेगा. ....क्योंकि सिर्फ किसान गुस्सा नहीं हैं, इन्हीं 4-5 लोगों ने युवाओं का रोजगार छीना है, ये आंदोलन अब शहरों में फैलेगा.' उन्होंने कहा, 'मैं प्रधानमंत्री से कहना चाहता हूं कि इससे देश का नुकसान होगा. आप समस्या का हल निकालिये- इन कानूनों को रद्द कीजिये, इन कानूनों को वापस लीजिये. नहीं तो, देश का नुकसान होगा.' उधर, उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू, सांसद दीपेंद्र हुड्डा और कई अन्य कांग्रेस नेताओं ने गाजीपुर बॉर्डर पहुंचकर किसान नेता राकेश टिकैत से मुलाकात की और समर्थन जताया.

तिरंगे का अपमान, देश तोड़ने वाले अराजक तत्वों का समर्थन करते हैं राहुल गांधी: बीजेपी

वहीं, बीजेपी ने राहुल गांधी पर तिरंगे का अपमान और देश तोड़ने की हिमाकत करने वाले अराजक तत्वों का समर्थन करने का आरोप लगाया और कहा कि वह चाहते हैं कि देश में कानून-व्यवस्था भंग हो. केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने पार्टी मुख्यालय में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए राहुल गांधी पर 26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर परेड में घायल पुलिसकर्मियों के प्रति संवेदना व्यक्त ना करने के लिए भी आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा, 'राहुल गांधी ने आज ऐलान कर दिया कि 26 जनवरी को जो दृश्य देश ने देखा, वही हिंसा...राहुल गांधी का मानना है कि जल्द ही राष्ट्र के हर शहर तक जनता देख पायेगी.' ईरानी ने कहा कि भारत की राजनीति में पहली बार किसी नेता को शांति का आह्वान करने की बजाय अराजक तत्व देश में आग कैसे लगाएं, उसका आह्वान करते देखा गया. उन्होंने कहा, 'आज राहुल गांधी का घिनौना चेहरा, जो अराजक तत्वों के साथ खड़ा है, वह राष्ट्र के समक्ष प्रस्तुत हुआ है.'

देश की कानून व्यवस्था भंग करना चाहते हैं राहुल गांधी: स्मृति ईरानी

बीजेपी नेता ने कहा, 'आज उनकी मंशा मात्र बचकाने बोल बोलने की नहीं थी, आज उनकी मंशा सिर्फ और सिर्फ देश में आग लगाने की थी जिसका हम खंडन करते हैं.' ज्ञात हो कि राहुल गांधी ने आज एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि आने वाले समय में किसान आंदोलन गांवों से शहरों तक फैल जाएगा और इसका समाधान यही है कि सरकार को तीनों कानूनों को वापस लेना चाहिए. ईरानी ने कांग्रेस नेता पर पलटवार करते हुए कहा, 'राहुल गांधी वो नेता हैं, जो चाहते हैं कि देश में कानून व्यवस्था भंग हो. राहुल गांधी वो नेता हैं, जो चाहते हैं कि अराजक तत्व देश में न सिर्फ तिरंगे का अपमान करें बल्कि देश को तोड़ने का दुस्साहस करें.' उन्होंने देशवासियों से अपील की कि राहुल गांधी के मंसूबों को मिलकर नाकाम करना होगा.

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देश कभी नहीं भूलेगा 26 जनवरी का मंजर: ईरानी

अमेठी से सांसद ईरानी ने कहा कि 26 जनवरी को राजधानी दिल्ली की सड़कों पर देश ने जो मंजर देखा, देश उसे कभी नहीं भूल पाएगा, जिसमें 300 से ज्यादा दिल्ली पुलिस कर्मी घायल हुए. उन्होंने कहा, 'कई मीडियाकर्मियों पर हमले हुए. यहां तक कि महिला पुलिसकर्मियों को घेरकर मारने का प्रयास हुआ. राष्ट्र नहीं भूलेगा वो मंजर, जब पुलिस और मीडियाकर्मियों को ट्रैक्टर से मारने की कोशिश की गई.' उन्होंने कहा, 'लेकिन आज राहुल गांधी के मुख से एक भी घायल पुलिस कर्मी के लिए सांत्वना के शब्द नहीं निकले. राहुल गांधी के मुख से एक भी मीडियाकर्मी, जिन पर हमला हुआ, उनके लिए संवेदना के एक भी शब्द सुनाई नहीं दिए.' 

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