सरकार ने 381 स्‍कीमों के माध्‍यम से लोगों के खाते में भेजे 13 लाख करोड़, कहीं आप चूके तो नहीं
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सरकार ने 381 स्‍कीमों के माध्‍यम से लोगों के खाते में भेजे 13 लाख करोड़, कहीं आप चूके तो नहीं

भारत सरकार ने पिछले 6 सालों में डीबीटी के माध्यम से अब तक 13 लाख करोड़ रुपए लाभार्थियों के खाते में भेजे हैं. खास बात ये है कि पिछले साल अगस्त तक 3 लाख करोड़ रुपये की राशि गरीबों के खाते में ट्रांसफर कर दी गई. इसमें से रिकॉर्ड सवा दो लाख करोड़ कोरोना काल में गरीबों के खाते में भेजे गए.

फाइल फोटो

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई में एनडीए सरकार ने गरीबों के हक में काम करने के लिए तमाम कदम उठाए हैं. इन्हीं कदमों में से एक है सब्सिडी सीधे बैंक खाते में देना. सरकार ने इसे डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) नाम दिया है. आज के बजट अभिभाषण के दौरान देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर का जिक्र किया और इसकी जमकर तारीफ की. 

  1. राष्ट्रपति ने की डायरेक्ट बेनिफिट स्कीम की तारीफ
  2. 6 सालों में 13 लाख करोड़ से अधिक की सब्सिडी
  3. 381 योजनाएं डीबीटी माध्यम से जुड़ी

डीबीटी को शुरुआत में नजरअंदाज किया गया: राष्ट्रपति 

बजट अभिभाषण के दौरान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि डीबीटी ने पूरे सिस्टम को बदल दिया है. पहले भारत में सब्सिडी के नाम पर बड़ी लूट होती थी. गरीबों के हक के लाखों करोड़ों रुपये बिचौलिये की जेबें भरते थे. लेकिन इस सरकार की डीबीटी योजना का लाभ आज देश के करोड़ों लोगों को मिल रहा है. राष्ट्रपति ने कहा कि जिस डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर को नजरअंदाज किया जा रहा था, उसी की मदद से पिछले 6 साल में 13 लाख करोड़ रुपये से अधिक धनराशि लाभार्थियों को ट्रांसफर की गई है. राष्ट्रपति ने कहा, मेरी सरकार ने दिखाया है कि नीयत साफ हो, इरादे बुलंद हों तो बदलाव लाया जा सकता है. इन वर्षों में मेरी सरकार ने जितने लोगों के जीवन को छुआ है, वह अभूतपूर्व है. गरीब के हक का राशन कोई दूसरा न छीन ले, इसके लिए शत प्रतिशत राशन कार्ड को डिजिटल किया जा चुका है, 90 प्रतिशत राशन कार्डों को आधार से जोड़ा जा चुका है.

एलपीजी सिलेंडर में कालाबाजारी का खेल बदला

राष्ट्रपति ने कहा कि सरकार एलपीजी गैस बनाने वाली कंपनियों को डायरेक्ट सब्सिडी देती थी. इस सब्सिडी के आधार पर ऑयल मार्केटिंग कंपनियां डिस्ट्रीब्यूटर्स को सब्सिडी रेट पर एलपीजी सिलेंडर सप्लाई करती थीं. डिस्ट्रीब्यूटर्स और उसके वेंडर के हाथों बड़े पैमाने पर सिलेंडर की कालाबाजारी होती थी. इसमें उपभोक्ता भी शामिल थे जो सस्ते दर पर सिलेंडर खरीद कर महंगे दाम पर बेच देते थे. इसमें सब्सिडी की बड़ी लूट होती थी. लेकिन इस नए सिस्टम की वजह से सरकार के 6500 करोड़ से लेकर 12700 करोड़ रुपये की बचत हुई. 

कैसे मिलती है सब्सिडी?

केंद्र सरकार एलपीजी पर सब्सिडी का पैसा सीधे आपके खाते में भेजती है. इसके लिए आपका बैंक खाता खुला होना चाहिए और केवाईसी कराना होता है. सिलेंडर सप्लाई होने के कुछ दिन बाद आपके खाते में पैसा आ जाता है. 

कई योजनाओं का मिलता है फायदा

भारत सरकार डीबीटी के माध्यम से कई योजनाओं का लाभ सीधे खाते में भेजती है. भारत सरकार किसान सम्मान निधि, जनधन योजना, प्रधानमंत्री श्रम योगी मान-धन योजना का पैसा भी सीधे खाते में भेजती है. केंद्र सरकार 381 योजनाओं को डीबीटी से जोड़ चुकी है. और डेढ़ करोड़ से अधिक फर्जी मामलों को पकड़ा है. 

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सरकार ने भेजी 13 लाख करोड़ रुपए की धनराशि

भारत सरकार ने पिछले 6 सालों में डीबीटी के माध्यम से अबतक 13 लाख करोड़ रुपए लाभार्थियों के खाते में भेजे हैं. खास बात ये है कि पिछले साल अगस्त तक 3 लाख करोड़ रुपये की राशि गरीबों के खाते में ट्रांसफर कर दी गई. इसमें से रिकॉर्ड सवा दो लाख करोड़ कोरोना काल में गरीबों के खाते में भेजे गए. साल 2014 से जनवरी 2020 तक डीबीटी से करीब पौने दो लाख करोड़ रुपये की बचत भी हुई है. पहले इन रुपयों का गबन कर लिया जाता था.

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