प्रवासी मजदूरों की घरवापसी के लिए अब तक रेल मंत्रालय ने क्या कोशिशें की हैं, इसके आंकड़े मंत्रालय ने उपलब्ध कराए हैं.
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नई दिल्ली: देश के विभिन्न राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों (Migrant Labour) की घरवापसी के लिए अब तक रेल मंत्रालय (Railway Ministry) ने क्या कोशिशें की हैं, इसके आंकड़े मंत्रालय ने उपलब्ध कराए हैं. भारत सरकार के प्रेस इंफार्मेंशन ब्यूरो (PIB) ने बताया है कि 19 मई तक 1600 से अधिक श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाकर 21.5 लाख प्रवासियों को उनके गृह राज्यों में भेजा गया है.
पीआईबी की ओर से जारी सूचना के मुताबिक अब श्रमिक स्पेशल ट्रेनों की संख्या दोगुनी की जाएगी. एक जून से दो सौ नई ट्रेनें समय सारिणी के हिसाब से चलेंगी. नॉन एसी ट्रेनों का भी संचालन होगा. इन ट्रेनों का टिकट सिर्फ ऑनलाइन बुकिंग कर ही हासिल किया जा सकता है. भीड़ उमड़ने से रोकने के लिए रेल स्टेशनों पर टिकट नहीं बिकेंगे. सरकार ने बताया है कि राज्य सरकारें श्रमिक विशेष ट्रेनों के लिए सड़कों पर चल रहे प्रवासियों की पहचान करेंगीं.
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आपको बता दें कि कोरोना लॉकडाउन (Coronavirus Lockdown) में फंसे प्रवासी मजूदरों को उनके गृह राज्य पहुंचाने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें हरसंभव मदद कर रही हैं. राज्य सरकारों की पहल से यूपी, झारखंड, बिहार और महाराष्ट्र समेत अन्य राज्यों के लाखों की संख्या में प्रवासी श्रमिक सुरक्षित घर पहुंच चुके हैं. फिलहाल कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए देश में 31 मार्च तक लॉकडाउन घोषित है. लॉकडाउन के चौथे चरण में राज्य सरकारों ने सशर्त कुछ चीजों पर छूट दी है.
देश में कोरोना वायरस के मामले लगातार तेजी से बढ़ रहे हैं. अबतक भारत में कोविड-19 के कुल मामले 1,06,750 हैं और मौतों का आंकड़ा 3,303 है. हालांकि राहत की बात ये है कि 42,298 लोग कोरोना से ठीक हो गए हैं.
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