इस गांव में महिलाओं ही नहीं, पुरुषों के लिए भी बंद हुई 'लोटा पार्टी', लगेगा भारी जुर्माना
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इस गांव में महिलाओं ही नहीं, पुरुषों के लिए भी बंद हुई 'लोटा पार्टी', लगेगा भारी जुर्माना

गांव में ग्रामीणों द्वारा ढोल बजाकर सब महिला-पुरुषों को खुले में शौच नहीं करने के लिए पाबंद कर दिया गया है. ​

प्रतीकात्मक तस्वीर.

Kekri: केकड़ी उपखंड के धूधरी गांव (Dhoodhri Village) के लोगों ने अभिनव पहल शुरू करते हुए सार्वजनिक रूप से निर्णय लिया कि खुले में शौच करते पकड़े जाने पर अब 1100 रुपये का जुर्माना भुगतना होगा.

वहीं, सार्वजनिक स्थानों पर कचरा फेंकने पर मौके पर ही जुर्माने की कार्रवाई की जाएगी. ग्रामीणों ने पनघट मोहल्ले में बालाजी मंदिर पर महिला-पुरुषों की बैठक ली और फैसला लिया कि प्रत्येक वार्ड में वार्ड स्तरीय टीम बनाकर दो दिन तक पहले लोगों को खुले में शौच नहीं करने के प्रति जागरूक किया जाएगा. 

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आज गांव में ग्रामीणों द्वारा ढोल बजाकर सब महिला-पुरुषों को खुले में शौच नहीं करने के लिए पाबंद कर दिया गया है. अब कोई खुले में शौच करते हुए पाया गया तो उससे 1100 रुपये जुर्माना राशि वसूल की जाएगी. सभी ग्रामीणों ने स्वच्छ भारत अभियान में हिस्सा लेने का संकल्प लिया और भगवान के समक्ष कसम खाई कि आज के बाद खुले में शौच नहीं जाएंगे.

निगरानी के लिए महिलाओं की बनाई कमेटी
धूधरी गांव में कोई खुले में शौच नहीं जाए, इसके लिए महिलाओं और पुरुषों की अलग-अलग एक निगरानी कमेटी बनाई गई है, जो खुले मे शौच करने वालीं महिला-पुरुषों बच्चों पर नजर रखेगी. महिला और पुरुषों को 10 लाइट बैटरी और 10 सीटी दे दी गई है. महिलाएं और पुरुष रात में बैटरी के माध्यम से ध्यान रखेगे और 2 दिन तक सीटी बजाई जाएगी. 

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महिलाओं ने जताई खुशी
ग्रामीण क्षेत्र में आज भी रूढ़ीवादी परंपरा कायम है, जिसके चलते शौचालय में शोच नहीं करते और खुले में शोच जाते हैं, जिसके चलते महिलाओं को शर्मिंदगी का सामना करना पड़ता है. वहीं, सर्दी-गर्मी-वर्षा के समय महिलाओं को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है. दिन में शौच करने के लिए खुले में नहीं जा सकते, इसलिए शाम ढलने का इंतजार किया जाता या खेतों में दूर-दराज जाना पड़ता. धूधरी गांव में अलसुबह और शाम ढलते ही सड़क किनारे शौच करने वाले लोगों की कतार लग जाती है. इस दौरान सड़क से कई वाहन गुजरते हैं और महिलाओं को शर्मिंदगी उठानी पड़ती है लेकिन ग्रामीणों द्वारा लिए गए निर्णय के बाद महिलाओं ने भी प्रसन्नता व्यक्त कि है और कहा कि अब हमें शर्मिंदगी नहीं उठानी पड़ेगी. ग्रामीण क्षेत्र में महिलाएं रात के समय शौच करने जाती है. इस दौरान जहरीले जीव जंतुओं का खतरा हमेशा बना रहता है.

सरकारी अनुदान से बने धूधरी में 620 शौचालय
केंद्र सरकार और राज्य सरकार के अनुदान से धूधरी गांव में 620 घरों में शौचालय बनाए गए हैं लेकिन ग्रामीण शौचालय का उपयोग ही नहीं करते. सरकार से अनुदान लेकर शौचालय तो बनवा लिए लेकिन शौचालय तब से लेकर आज तक शो पीस बने हुए हैं. 2011 की जनगणना के अनुसार, धुंधरी गांव में 780 मकान है. 160 घरों में शौचालय बनना बाकी रह गया है. 

उनको भी शौचालय बनाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है और पात्र लोगों को प्रशासन गांव के संग अभियान में स्वीकृति दी जा रही है. लोग खुले में शौच नहीं जाए, इसके लिए सरकार द्वारा गांव में तीन लाख रुपये लागत का सार्वजनिक शौचालय बना रखा है लेकिन वहां शौच करने कोई नहीं जाता. सबसे बड़ी मजेदार बात यह है कि धूधरी पंचायत ओडीएफ हो चुकी है.

Reporter- Manveer Singh Chundawat 

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