भीषण गर्मी में अब पानी के लिए गांव-गांव बवाल नहीं मचेगा. पानी की दो बूंद के लिए कोई प्यासा नहीं रहेगा क्योंकि अब राजस्थान (Rajasthan) में जल जीवन मिशन (Jal Jeevan Mission) के कार्यों ने रफ्तार पकड़ना शुरू कर दिया है.
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Tonk: भीषण गर्मी में अब पानी के लिए गांव-गांव बवाल नहीं मचेगा. पानी की दो बूंद के लिए कोई प्यासा नहीं रहेगा क्योंकि अब राजस्थान (Rajasthan) में जल जीवन मिशन (Jal Jeevan Mission) के कार्यों ने रफ्तार पकड़ना शुरू कर दिया है. टोंक जिले में दूसरे फेज के लिए करीब 200 करोड़ रुपये स्वीकृत भी हो गए हैं. अब अधिकारी भी फिल्ड में दौड़ कर योजना को अमली जामा पहनाने में लग गए हैं.
बीसलपुर टोंक-देवली-उनियारा पेयजल परियोजना ने पकड़ी रफ्तार
टोंक में दूसरे चरण के लिए 200 करोड़ रुपये हुए स्वीकृत
464 गांवों में हर घर दिए जाएंगे नल कनेक्शन
देवली के 148, उनियारा के 210 और टोंक के 106 गांवों को मिलेगा लाभ
करीब 5 लाख की आबादी में जारी किए जाएंगे 70 हजार से ज्यादा कनेक्शन
ग्राम जल एवं स्वास्थ्य समिति सम्भालेगी पूरी जिम्मेदारी
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बीसलपुर टोंक-देवली-उनियारा पेयजल परियोजना
साल 2012 में पेयजल संकट से निपटने के लिए प्रोजेक्ट तैयार हुआ था.
पहले चरण में बीसलपुर बांध पर बनाया जा चुका फिल्टर प्लांट
इंटेक प्लांट के जरिए 13 पम्प हाउस और 71 पानी की टंकियों से हो रहा सप्लाई
फिलहाल सार्वजिक नल से गांवों में पानी किया जा रहा सप्लाई
अब घर-घर कनेक्शन जारी होने के बाद अवैध कनेक्शनों, झगड़ों से मिलेगी निजात
बीसलपुर टोंक-देवली-उनियारा पेयजल परियोजना
अब जल जीवन मिशन से परियोजना का शुरू होगा काम
घर-घर नल कनेक्शन के लिए जारी हुई वित्तिय स्वीकृति
वित्तिय स्वीकृति के साथ दो अलग अलग फर्मों को जारी हुए वर्क ऑर्डर
साल 2023 तक 464 गांवों में घर घर नल कनेक्शन करने का दिया गया लक्ष्य
पानी से सूखते हलक और उस पानी की जुगत में गांव से लेकर शहर-शहर तक राजस्थान में बवाल किसी से छिपे नहीं है और ऐसी ही तस्वीरें कई बार राजधानी जयपुर से 100 किमी दूर नवाबी नगरी टोंक से आ चुकी है. लेकिन टोंक जिले में बीसलपुर बांध से देवली, उनियारा और टोंक के ग्रामीण अंचल में करीब 464 गांवों के 70,000 परिवारों को घर-घर नल कनेक्शन देने की तैयारी पूरी हो गई है. सरकार के जल जीवन मिशन योजना के तहत चिन्हित 464 गांवों में जहां पहले चरण में 100 लोगों पर एक सार्वजिन नल के माध्यम से पानी की सप्लाई की जा रही थी. जिसके चलते कई बार झगड़े देखने को मिलते थे लेकिन अब हर घर कनेक्शन होंगे.
इसके लिए 200 करोड़ रुपये की वित्तिय स्वीकृति भी जारी हो चुकी है और दो अलग-अलग ठेका फर्मों को वर्क ऑर्डर भी जारी कर दिए गए हैं. इसके साथ ही गांव-गांव ग्राम जल एवं स्वास्थ्य समितियों का गठन कर बैंक अकाउंट खुलवाए गए हैं, जिसमें उपभोक्ता से नल कनेक्शन के लिए वसूले जाने वाले 2500 रुपये जमा करवाए जाएंगे और इन्हीं रुपयों से भविष्य की समस्याओं का समाधान करवाया जाएगा. इनसे ही प्रोजेक्ट का संचालन और संधारण किया जाएगा.
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यह है प्रोजेक्ट का दूसरा फेज
इन खातों में उपभोक्ताओं से ली गई राशि जमा होगी.
इस राशि से गांवों में नल कनेक्शन में आने वाली समस्याओं का समाधान होगा.
47 नई पानी की बड़ी टंकियों का भी निर्माण करवाया जाएगा.
हालांकि 71 टंकियों का पहले ही निर्माण करवाया जा चुका है.
50 हजार से 2.50 लाख लीटर की क्षमता की टंकियां होंगी.
55 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन के हिसाब से पानी की सप्लाई होगी.
टंकियों से घरों तक नई पाइप लाइन भी बिछाई जाएगी.
जलदाय विभाग को क्या होगा फायदा
गांव-गांव अवैध कनेक्शनों से निजात मिलेगी.
अवैध कनेक्शनों द्वारा पानी चोरी से भी निजात मिलेगी.
अवैध कनेक्शनों की आड़ में होने वाले झगड़ें भी खत्म होंगे.
पानी की सप्लाई बाधित नहीं होगी.
बीसलपुर बांध से पेयजल पानी को लेकर लगातार उठ रही मांग और प्रदर्शन अब शांत हो जाएंगे. उम्मीद तो यहीं है कि जल्द ही प्रोजेक्ट के दूसरा चरण का काम शुरू होगा और ग्रामीण अंचल के धरतीपुत्रों की समस्या का समाधान होगा.
Report- Purushottam Joshi