CM गहलोत बोले- भाजपा शासन में ब्लास्ट, हमारे शासन में मौत की सजा, वर्तमान में टेक्निकल इश्यू तो अब सुप्रीम कोर्ट जाएंगे
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CM गहलोत बोले- भाजपा शासन में ब्लास्ट, हमारे शासन में मौत की सजा, वर्तमान में टेक्निकल इश्यू तो अब सुप्रीम कोर्ट जाएंगे

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सीरियल ब्लास्ट मामले को लेकर कहा कि बीजेपी के कार्यकाल में यह ब्लास्ट हुए थे और हमारे कार्यकाल में गिरफ्तारी उनके साथ ही मौत की सजा भी दिलवाई गई थी लेकिन वर्तमान में कुछ टेक्निकल इश्यू के कारण हाईकोर्ट से आरोपियों को राहत मिली है लेकिन इसे लेकर भी वह सुप्रीम कोर्ट अपील कर रहे हैं. 

CM गहलोत बोले- भाजपा शासन में ब्लास्ट, हमारे शासन में मौत की सजा, वर्तमान में टेक्निकल इश्यू तो अब सुप्रीम कोर्ट जाएंगे

CM ashok Gehlot, Ajmer News: प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राहत कैंप में शिरकत करने के लिए एक दिवसीय दौरे पर अजमेर पहुंचे. इस दौरान हेलीपैड पर उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए कैंप की जानकारी दी और बताया कि की योजनाओं का लाभ आमजन तक पहुंचे. इसे लेकर वह प्रदेशभर में पहुंच रहे हैं और लाभार्थियों से बातचीत भी की जा रही है जिसका लाभ सभी वर्गों को मिल रहा है.

मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि कर्नाटक का चुनाव देश में नई शुरुआत होगी इस चुनाव के बाद केंद्र सरकार की उल्टी गिनती शुरू होगी. उन्होंने कहा कि देश की जनता सरकार से त्रस्त है. यहां जो भी केंद्र सरकार की ओर आलोचना करेगा उसकी गिरफ्तारी हो जाती है. ऐसे गंभीर हालत में हमें देखना होगा, उन्होंने कहा कि हमें देखना होगा कि की देश एक ही पार्टी की तरफ आगे बढ़ रहा है यह लोकतंत्र के लिए खतरा है.

रशिया और चाइना की तरह नकली चुनाव कराए जा रहे हैं इसके कारण एक ही पार्टी का राज रहता है और यह लोकतंत्र के लिए सही नहीं है. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विपक्ष पर कई आरोप लगाते हैं लेकिन उनका जवाब नहीं दिया जाता. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा ध्रुवीकरण के आरोप पर उन्होंने कहा कि हम ध्रुवीकरण नहीं करते और केवल सुशासन को लेकर ही बातचीत करते हैं.

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सीरियल ब्लास्ट मामले को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि बीजेपी के कार्यकाल में यह ब्लास्ट हुए थे और हमारे कार्यकाल में गिरफ्तारी उनके साथ ही मौत की सजा भी दिलवाई गई थी लेकिन वर्तमान में कुछ टेक्निकल इश्यू के कारण हाईकोर्ट से आरोपियों को राहत मिली है लेकिन इसे लेकर भी वह सुप्रीम कोर्ट अपील कर रहे हैं लेकिन इस सेंसेटिव मामलों पर प्रधानमंत्री का बोलना उचित नहीं है इससे जनता के बीच कन्फ्यूजन पैदा होता है.

 

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