मासूमों के साथ में बर्बरता का खेल जारी, सांस लेने में तकलीफ क्या हुई परिजनों ने किया ये हाल
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मासूमों के साथ में बर्बरता का खेल जारी, सांस लेने में तकलीफ क्या हुई परिजनों ने किया ये हाल

राजस्थान के भीलवाड़ा जिले (Bhilwara News) में अंधविश्वास के नाम पर मासूमों के साथ में बर्बरता का खेल थमने का नाम नहीं ले रहा है.

प्रतीकात्मक तस्वीर.

Bhilwara : राजस्थान के भीलवाड़ा जिले (Bhilwara News) में अंधविश्वास के नाम पर मासूमों के साथ में बर्बरता का खेल थमने का नाम नहीं ले रहा है. आज एक बार फिर जिले में 5 माह की एक मासूम बच्ची (Newborn) को सांस लेने में तकलीफ क्या हुई के परिजनों ने गर्म सलाखों से उसे ऐसा दंश दिया जिसे वह जिंदगी भर नहीं भूल पाएगी.

एमजीएच चौकी पुलिस ने बताया कि भीलवाड़ा जिले के लुहारिया गांव निवासी रामेश्वर बागरिया की 5 माह की मासूम बच्ची लीला को पिछले कुछ दिनों से सांस लेने में तकलीफ हो रही थी. हालत में सुधार नहीं हुआ तो अंधविश्वास और अशिक्षा के चलते परिजनों ने गर्म चिमटे से उसके शरीर पर ऐसा घाव किया कि बच्ची दर्द के मारे तड़प उठी. हालत ज्यादा बिगड़ने के बाद परिजन बच्ची को पहले मांडल हॉस्पिटल ले गए. जहां हालत में सुधार नहीं होने पर आज उसे भीलवाड़ा के महात्मा गांधी चिकित्सालय में भर्ती करवाया गया है. 

चिकित्सकों का कहना है कि बच्ची के शरीर पर गर्म चिमटे से दागे गए घाव के निशान साफ नजर आ रहे हैं. बच्ची की हालत गंभीर बनी हुई है फिलहाल चिकित्सक उसका इलाज कर रहे हैं.

आपको बता दें के भीलवाड़ा जिले में मासूम बच्चों के साथ गर्म सलाखों से की जाने वाली इस बर्बरता का खेल कोई नया नहीं है. बीते कुछ सालों में इस तरह की घटनाओं में जिले में आधा दर्जन से ज्यादा बच्चो ने अपनी जान गवाई है और कई बच्चों को जिंदगी और मौत से जूझना भी पड़ा है.

बाल कल्याण समिति और बच्चों से जुड़े कई सामाजिक संगठन समय-समय पर अभियान चलाकर ग्रामीण इलाकों में लोगों को इस अंधविश्वास के प्रति जागरूक करने का प्रयास करते हैं, लेकिन यह अंधविश्वास खत्म होने का नाम नहीं ले रहा और इसका खामियाजा मासूम बच्चो को भुगतना पड़ रहा है.

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