Suspended ASP Divya Mittal police remand again: रिश्वत मामले में जमानत मिलने के बाद एनडीपीएस एक्ट मामले में पद का दुरुपयोग करते हुए, आपराधिक कृत्य करने के मामले में जेल के बाहर से गिरफ्तार दिव्या मित्तल को दुबार पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया.
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Suspended ASP Divya Mittal police remand again: रिश्वत मामले में जमानत मिलने के बाद एनडीपीएस एक्ट मामले में पद का दुरुपयोग करते हुए, आपराधिक कृत्य करने के मामले में जेल के बाहर से गिरफ्तार दिव्या मित्तल को एसओजी ने अवकाश काली न्यायाधीश के समक्ष पेश किया गया .जहां से उन्हें 5 दिन की रिमांड मांगा गया जिसके बाद न्यायाधीश ने 4 अप्रैल तक रिमांड पर सौंपा है । दिव्या मित्तल से एनडीपीएस एक्ट प्रकरण में विस्तृत पूछताछ की जानी है.
मामले की जानकारी देते हुए जांच अधिकारी एसओजी के जोधपुर एडिशनल एसपी कमल सिंह तंवर ने बताया कि शनिवार करीब 5बजे करोड़ों रुपए की नशीली दवाओं के मामले में एसओजी की तत्कालीन एडिशनल एसपी दिव्या मित्तल को जांच में लापरवाही करने और पद का दुरुपयोग करते हुए अभियुक्त को राहत पहुंचाने के मामले में गिरफ्तार किया गया था।
सिविल लाइन थाने में की पूछताछ
आरोपी मित्तल से इस मामले में पूरे दिन सिविल लाइन थाने में विस्तृत पूछताछ की गई और उनसे और कड़ी पूछताछ की जानी है ।उन्होंने बताया कि नशीली दवाओं के मामले में 24 मार्च 2021 को रामगंज थाने में मुकदमा नंबर 183 दर्ज किया गया था. इस मामले में पुलिस के बाद जांच एसओजी को सौंपी गई थी और उस समय जांच अधिकारी तत्कालीन एसओजी एडिशनल एसपी दिव्या मित्तल द्वारा की जा रही थी. इसी बीच उन्होंने अभियुक्त संजीव रंगवानी को गिरफ्तार करने के लिए अनुमति मांगी थी लेकिन इसके बावजूद उन्होंने उसे गिरफ्तार नहीं किया और उसे राहत पहुंचाई गई.
लापरवाही के पीछे कौन है शामिल
इस मामले में उन पर एनडीपीएस एक्ट की धारा 59 और अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जांच की जा रही है ।इस मामले में अन्य आरोपियों को लेकर जानकारी जुटाई जा रही है। साथ ही यह लापरवाही क्यों और इसके पीछे कौन-कौन शामिल है. इसे लेकर भी पूछताछ की जानी है. ऐसे में आज आरोपी दिव्या मित्तल को न्यायालय में पेश करते हुए 5 दिन का रिमांड मांगा गया था. जिस पर अवकाश कालीन न्यायाधीश द्वारा 3 दिन के रिमांड पर 4 अप्रैल तक सौंपा गया है आरोपी दिव्या मित्तल से एनडीपीएस एक्ट केस मुकदमे में विस्तृत पूछताछ करते हुए अग्रिम कार्रवाई कर फिर से न्यायालय पेश किया जाएगा.
गौरतलब है कि इस प्रकरण के दौरान पुलिस ने 11 करोड़ की नशीली दवाओं के मामले में अपनी जांच शुरू की थी. जिसकी जांच तत्कालीन थाना प्रभारी दिनेश कुमावत के बाद अजमेर दक्षिण पुलिस उपाधीक्षक मुकेश सोनी और एसओजी के सीआई भूरी लाल खीलेरी के पास भी गई थी. इन सभी पर भी जांच में लापरवाही बरतने का मामला सामने आया था. जिसके बाद इन्हें हटाया गया.इस पूरे प्रकरण को लेकर अब एसओजी के एडिशनल एसपी कमल सिंह अपनी जांच में जुटे हैं और उन्होंने जांच में माना कि दिव्या मित्तल ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए अभियुक्त को राहत पहुंचाई है ऐसे में उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच की जा रही है.
दिव्या मित्तल को दो करोड़ की रिश्वत मामले में मिली थी जमानत
इससे पहले दिव्या मित्तल पर एसीबी ने दो करोड़ की रिश्वत मामले में प्रकरण दर्ज करते हुए 5 स्थानों पर दबिश दी थी और उनके अलग-अलग ठिकानों को सीज करने के साथ ही उदयपुर स्थित रिसोर्ट को भी गिराया गया था इस मामले में 2 महीने बाद होने हाईकोर्ट से शुक्रवार को ही जमानत मिली थी और शनिवार को उन्हें अजमेर सेंट्रल जेल से छोड़ा गया था इसी दौरान बाहर निकलते ही जयपुर एसओजी ने उन्हें एनडीपीएस एक्ट मामले में गिरफ्तार कर जांच शुरू कर दी.
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