क्या नहीं बनेगा पुष्कर में काशी-विश्वनाथ और महाकाल की तरह 'ब्रह्मलोक कॉरिडोर', जानिए मामले को लेकर कैबिनेट मंत्री सुरेश रावत ने क्या कहा?
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क्या नहीं बनेगा पुष्कर में काशी-विश्वनाथ और महाकाल की तरह 'ब्रह्मलोक कॉरिडोर', जानिए मामले को लेकर कैबिनेट मंत्री सुरेश रावत ने क्या कहा?

Rajasthan News: लोगों का सरकार से कहना है कि पुष्कर सतयुग का तीर्थ है.इसे तीर्थ ही रहने दें, पर्यटक स्थल नहीं बनाएं.विकास ही करना है तो टैंपल सिटी के रूप में विकास कराएं 

क्या नहीं बनेगा पुष्कर में काशी-विश्वनाथ और महाकाल की तरह 'ब्रह्मलोक कॉरिडोर', जानिए मामले को लेकर कैबिनेट मंत्री सुरेश रावत ने क्या कहा?

Brahmalok Corridor Pushkar: एक ओर जहां राज्य सरकार के निर्देश पर एडीए की टीम पुष्कर में काशी-विश्वनाथ (Kashi Vishwanath Corridor) और महाकाल (Mahakal Corridor)की तरह ब्रह्मलोक कॉरिडोर (Brahmalok Corridor) का ड्राफ्ट बनाने की तैयारी कर रही है... वहीं दूसरी ओर नगर वासियों ने लामबंद होकर कॉरिडोर का विरोध करना शुरू कर दिया है. ब्रह्मा मंदिर के आस पास के व्यापारियों ने 12 बजे से 3 बजे तक तीन घंटे अपने प्रतिष्ठान बंद रखकर कॉरिडोर का विरोध जताया.

व्यापारी ,पुरोहित और आस पास के क्षेत्रवासी ब्रह्मा मंदिर के नीचे जमा हुए. यहां से नारेबाजी करते हुए जुलूस के रूप में पालिका कार्यालय पहुंचे. यहां पर पालिकाध्यक्ष कमल पाठक को ज्ञापन देने के बाद रैली के रूप में नारेबाजी करते हुए उपखंड कार्यालय के लिए रवाना हुए. साथ ही उपखंड अधिकारी को ज्ञापन सौंपकर कॉरिडॉर निर्माण का विरोध जताया. 

14 सूत्रीय ज्ञापन तैयार किया गया है.जिसमें कहा गया है कि पुष्कर जल प्रधान तीर्थ है. ऐसे में मंदिर कॉरिडोर शास्त्र व धर्म ग्रंथों के विरूद्ध है.पुष्कर घनी आबादी में बसा हुआ है तथा इसकी बसावट कॉरिडोर से प्रभावित होगी. साथ ही कॉरिडोर बनने से सैकड़ों लोग बेघर व बेरोजगार जाएंगें. कॉरिडोर के नाम पर तीर्थ को पर्यटन स्थल न बनाएं तथा ना ही स्थानीय लोगों की दुकानों व घरों पर जबरन आधिपत्य किया जाएं. क्षेत्रवासियों ने चेतावनी दी है कि जबरन कॉरिडोर बनाया जाता है तो पुष्कर से दिल्ली तक विरोध किया जाएगा.

लोगों का सरकार से कहना है कि पुष्कर सतयुग का तीर्थ है.इसे तीर्थ ही रहने दें, पर्यटक स्थल नहीं बनाएं.विकास ही करना है तो टैंपल सिटी के रूप में विकास कराएं तथा ब्रह्मा मंदिर के विकास की संभावना तलाश कर मंदिर परिसर में ही विकास कराएं.

इससे पहले प्रस्तावित कॉरिडोर के सर्वे के लिए पहुंची एडीए की टीम के समक्ष भी क्षेत्रवासियों ने विरोध प्रकट किया तथा कॉरिडोर प्रोजेक्ट को सार्वजनिक करने की मांग की. टीम ने विश्वास जताया कि नगर वासियों व जनप्रतिनिधियों से सुझाव लेकर ही कॉरिडोर का ड्राफ्ट तैयार किया जाएगा. एडीए की टीम ने ब्रह्मा मंदिर व सरोवर क्षेत्र का दौरा कर सर्वे किया. टीम में एडीए के वित्त निदेशक भागीरथ सोनी, एक्सईएन अरुण वर्मा, एईएन यादव, जेईएन लक्ष्मीनारायण रावत शामिल थे.

पुष्कर उपखंड कार्यालय पर पहुंचे पुष्कर विधायक और कैबिनेट मंत्री सुरेश रावत ने व्यापारियों को भरोसा देते हुए बताया कि,'' आप सभी को किसी ने गलत जानकारी दी है. पुष्कर में विकास के नाम पर किसी दुकान या घर को नहीं हटाया जाएगा. जैसा पुष्कर है वैसा ही सौंदरीकरण किया जाएगा. ब्रह्मा मंदिर से पुष्कर सरोवर तक सामान्य रूप से रास्ता चौड़ा किया जाएगा. घाटों का सौंदर्यकरण किया जाएगा. यदि सरकार को निर्माण कार्य करना है तो उसके लिए खरेकड़ी रोड, मेला ग्राउंड में कर लिया जाएगा.फिलहाल कॉरिडोर परियोजना शुरुआती चरण में है.जो भी विकास कार्य है उसमें आमजन की सहमति के साथ कार्य किया जाएगा.

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