Alwar News: अलवर जिले में गोविंदगढ़ कस्बे के सीताराम मंदिर पर एफआरटी कर्मचारियों की लापरवाही के चलते किशोरी की जान जोखिम में चली गई. करंट लगने से वंशिका शर्मा पुत्री रामेश्वर शर्मा घायल हो गई. सम्राट नरूका, मोनू शर्मा, नितिन सैन ने बताया कि सुबह ही यह तार टूटा था. जिसे विद्युत विभाग की एफआरटी की गाड़ी सही करके गई थी.
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Alwar News: राजस्थान के अलवर जिले में गोविंदगढ़ कस्बे के सीताराम मंदिर पर एफआरटी कर्मचारियों की लापरवाही के चलते किशोरी की जान जोखिम में चली गई. करंट लगने से वंशिका शर्मा पुत्री रामेश्वर शर्मा घायल हो गई. सम्राट नरूका, मोनू शर्मा, नितिन सैन ने बताया कि सुबह ही यह तार टूटा था. जिसे विद्युत विभाग की एफआरटी की गाड़ी सही करके गई थी. उसके बाद कस्बे में पहली बार बुधवार रात्रि को जगन्नाथ मंदिर से रथ यात्रा निकाली थी. जिसको देखने के लिए सीताराम मंदिर पर सैकड़ों की संख्या में महिलाएं मौजूद थी.
सहायक अभियंता कार्यालय के द्वारा जगन्नाथ जी रथ यात्रा के आगे एफआरटी की गाड़ी को लगाया हुआ था. जिससे कि तारों को ऊंचा किया जा सके और ऐसे स्थान जहां पर तार टूटने का डर है. उनको सही करने का निर्देश दिया था. जैसे ही रथ यात्रा सीताराम मंदिर पहुंची. उससे पूर्व एफआरटी का लाइनमैन शौकीन खान गाड़ी को लेकर चला गया. जबकि विभाग के अभियंताओं के द्वारा जगन्नाथ यात्रा के साथ चलने के लिए निर्देश दिए थे.
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अगर एफआरटी की गाड़ी साथ होती तो वह स्पार्क होते ही समय रहते लाइन को ठीक कर देती. जगन्नाथ रथ यात्रा में शामिल श्रद्धालुओं ने बताया कि जहां पर बिजली का तार टूटा था. उसे महज 100 मीटर पहले ही जगन्नाथ जी का रथ स्वागत यात्रा के लिए रुका था. अगर वह वहां पर नहीं रुकता तो विद्युत लाइन हजारों की संख्या में यात्रा में शामिल श्रद्धालु के ऊपर गिर जाती. जिससे एक बड़ा हादसा भी हो सकता था.
जैसे ही लाइन टूटने से बालिका किशोरी घायल हुई. सैकड़ों की तादाद में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में ग्रामीणों की भीड़ जमा हो गई. इसके तुरंत बाद विद्युत निगम के द्वारा एक स्क्रीनशॉट वायरल किया. जिसमें लिखा हुआ था कि कस्बे में कई जगह लाइन लूज़ है. जिसके चलते एफआरटी की गाड़ी जगन्नाथ रथ के आगे चलेगी.
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हादसे के बाद कोई भी अधिकारी परिजनों से जानकारी लेने के लिए नहीं पहुंचा. जानकारी के अनुसार मुख्यालय पर तहसीलदार के अलावा ना विकास अधिकारी थे ना बिजली विभाग के सहायक अभियंता थे. ना ही नगर पालिका के कनिष्ठ अभियंता और अधिशासी अधिकारी थे.