राजनीति की भेट चढ़ी पंचायत समिति, प्रधान और विकास अधिकारी में विवाद
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राजनीति की भेट चढ़ी पंचायत समिति, प्रधान और विकास अधिकारी में विवाद

कभी विकास अधिकारी एपीओ तो कभी विकास अधिकारी रिलीव नहीं होते, प्रधान अपने समर्थकों के साथ मिलकर कार्यालय में ताला लगा रही तो विकास अधिकारी थाने में इनके खिलाफ रिपोर्ट दे रहे हैं. 

राजनीति की भेट चढ़ी पंचायत समिति

Ghatol: बांसवाड़ा जिले की घाटोल पंचायत समिति राजनिती की भेंट चढ़ती नजर आ रही है. प्रधान व विकास अधिकारी का विवाद अब रुकने का नाम नहीं ले रहा है. कभी विकास अधिकारी एपीओ तो कभी विकास अधिकारी रिलीव नहीं होते, प्रधान अपने समर्थकों के साथ मिलकर कार्यालय में ताला लगा रही तो विकास अधिकारी थाने में इनके खिलाफ रिपोर्ट दे रहे हैं. पंचायत समिति में चल रहे इस खेल के कारण क्षेत्र जनता परेशान हो रही है और राजनेता अपनी अपनी रोटियां सेक रहे है.

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राजस्थान के बांसवाड़ा जिले की घाटोल पंचायत समिति इन दिनों सुर्खियों में है क्योंकि यहां पर जमकर राजनीति हो रही है पर विकास नहीं हो रहा है. यहां पर अधिकारी से लेकर नेता सभी अपने ईगो को बचाने में लगे हुए हैं. जी हां, इस पंचायत समिति में प्रधान हरकूदेवी और विकास अधिकारी सुनील वर्मा के बीच विवाद लगातार जारी है. यह विवाद लंबे समय से चल रहा था, पर अब सबके सामने आ चुका है.

23 जुलाई को 2021 को सुनील वर्मा ने घाटोल पंचायत समिति में विकास अधिकारी के पद पर पदभार ग्रहण किया था. इसके कुछ समय बाद से ही प्रधान व विकास अधिकारी के बीच वैचारिक मतभेद शुरू हो गए और दोनों के बीच विवाद बढ़ता गया. फिर 13 अप्रैल 2022 को विकास अधिकारी के एपीओ का लेटर आया, इसे भी इसी विवाद से जोड़कर देखा जा रहा है.

विकास अधिकारी छुट्टी पर थे, विकास अधिकारी को रिलीव नहीं किया गया जिस पर बुधवार को उन्होंने कार्यालय ज्वाइन किया, तो प्रधान सहीत सरपंच ने पंचायत समिति कार्यालय पर ताला जड़ दिया. इसके बाद विकास अधिकारी ने खमेरा थाने में प्रधान, प्रधान पति 3 सरपंच सहित 25 लोगों के खिलाफ कार्यालय में ताला लगाने, कार्मिकों से गाली गलौज करने, राजकार्य में बाधा डालने के आरोप लगाए और रिपोर्ट दी.

वहीं इस बीच गुरुवार को उच्चाधिकारियों के निर्देश पर घाटोल एसडीएम विजयेश पंड्या ने पंचायत समिति कार्यालय में लगे ताले को खोला. पंचायत समिति में पिछले 4 दिनों से नाटकीय अंदाज में यह पूरा खेल खेला जा रहा है, जिसमें सबसे ज्यादा अगर कोई परेशान हो रहा है, वो वहां की जनता है.

स्थानीय कांग्रेस में दो खेमे
घाटोल पंचायत समिति की प्रधान व विकास अधिकारी की लड़ाई को लेकर यहा पर कांग्रेस दो खेमों में बट गई है. एक खेमा विकास अधिकारी के पक्ष में है तो दूसरा खेमा प्रधान और उसके समर्थक है, जो विकास अधिकारी की कार्यशैली पर सवाल उठा रहे हैं.

हरकूदेवी प्रधान घाटोल पंचायत समिति ने बताया कि विकास अधिकारी परेशान कर रहा है, काम कुछ करने नही दे रहा है. सारे कर्मचारी परेशान है, बिना जानकारी के कार्यों को पास किया जा रहा है. जब भी कोई बैठक रखते हे इसके बारे में भी बताया नहीं जा रहा है. सरपंचों को भी लगातार परेशान किया जा रहा है.

धूलजी चरपोटा वाडगुन सरपंच ने बताया की पिछले 1 साल से इस पंचायत की महिला प्रधान है, उसके अधिकारों का हनन किया जा रहा है,वो हमें बर्दाश्त नहीं हो रहा है. इनकी बिना जानकारी के पंचायत समिति में कार्यों की सेंक्शन निकल रही है. हर काम प्रधान के बिना पूछे किया जा रहा है. इसकी शिकायत राज्य सरकार को भेजी थी,उसके बाद विकास अधिकारी को एपीओ किया पर फिर भी यह विकास अधिकारी यहां से नही गया और यहां पर सभी को परेशान कर रहा है.

सुनील वर्मा विकास अधिकारी घाटोल पंचायत समिति ने बताया की 13 अप्रैल को एपीओ का आदेश आया था, पर मैं अवकाश पर था. उसके बाद यहां से मुझे रिलीव नहीं किया गया तो मैं बुधवार को पंचायत समिति कार्यालय पहुंचे और काम करने लगा. तभी मैं किसी कार्य से बाहर गया तो प्रधान व प्रधान पति व सरपंच व कुछ महिला सरपंच पति ने कार्यालय पर ताला लगा दिया, स्टाफ को बाहर निकाल दिया और स्टाफ के साथ गाली गलौज की. इस पूरे मामले की जानकारी उच्चाधिकारियों को और डीएम को दी और खमेरा थाने में मेने इन सभी के खिलाफ कार्रवाई को लेकर रिपोर्ट दर्ज कराई है. मैं इस क्षेत्र में नियमानुसार ही कार्य कर रहा हूं.

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विजयेश पंड्या एसडीएम घाटोल ने बताया की प्रधान व विकास अधिकारी के बिच आपसी विवाद के चलते पंचायत समिति में ताले जडे गए थे. प्रधान व सरपंचों ने ज्ञापन भी दिया था, हमने प्रधान व विकास अधिकारी दोनो पक्षों से बात की और उसके बाद हमने पंचायत समिति कार्यालय के ताले को खोला और कर्मचारियों को काम करने के लिए भेजा गया.

Reporter- Ajay Ojha

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