Baran New: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख डॉ. मोहन भागवत का बयान, कहा-हिंदू समाज को अपनी सुरक्षा के लिए...
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Baran New: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख डॉ. मोहन भागवत का बयान, कहा-हिंदू समाज को अपनी सुरक्षा के लिए...

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख डॉ. मोहन भागवत ने बारां में आयोजित स्वयंसेवक एकत्रीकरण समारोह में महत्वपूर्ण बयान दिए. उन्होंने कहा कि विश्व में भारत की प्रतिष्ठा देश के सबल होने से ही है, और यह कि भारत हिंदू राष्ट्र है ¹. डॉ.

Baran New: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख डॉ. मोहन भागवत का बयान, कहा-हिंदू समाज को अपनी सुरक्षा के लिए...

Baran New: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख डॉ. मोहन भागवत ने बारां में आयोजित स्वयंसेवक एकत्रीकरण समारोह में महत्वपूर्ण बयान दिए. उन्होंने कहा कि विश्व में भारत की प्रतिष्ठा देश के सबल होने से ही है, और यह कि भारत हिंदू राष्ट्र है ¹. डॉ. भागवत ने आगे कहा कि एक सबल राष्ट्र के प्रवासियों की सुरक्षा भी तब ही सुनिश्चित हो सकती है जब उनका राष्ट्र सबल हो. उन्होंने यह भी कहा कि यदि कोई राष्ट्र निर्बल होता है, तो उसके प्रवासियों को देश छोड़ने के आदेश दे दिए जाते हैं. डॉ. भागवत के अनुसार, भारत का बड़ा और सबल होना प्रत्येक नागरिक के लिए भी उतना ही आवश्यक है.

उन्होंने स्वयंसेवकों से आह्वान किया कि समाज को संबल देकर बस्ती के अभावों को दूर करने के प्रयास करने चाहिएं. सामाजिक समरसता, सामाजिक न्याय, सामाजिक आरोग्य, शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वावलंबन के लिए आग्रह रहना चाहिए. समाज की छोटी इकाई, परिवार में समरसता-सद्भावना, कुटुंब प्रबोधन, स्वदेशी एवं नागरिक बोध को सहज बना सकते हैं.

उन्होंने कहा कि हिंदू समाज को अपनी सुरक्षा के लिए भाषा, जाति, प्रांत के भेद व विवाद मिटाकर संगठित होना होगा. समाज में आचरण का अनुशासन, राज्य के प्रति कर्तव्य एवं ध्येय निष्ठ होने का गुण होना आवश्यक है. मैं व मेरा परिवार मात्र से समाज नहीं बनता, बल्कि हमें समाज की सर्वांगीण चिंता से अपने जीवन में भगवान को प्राप्त करना है.
उन्होंने कहा कि संघ कार्य की तुलना योग्य कार्य विश्व में नहीं है. उपमा के तौर पर सागर सागर जैसा है, गगन गगन जैसा है, वैसा ही संघ भी संघ जैसा ही है. संघ की किसी से तुलना नहीं हो सकती. संघ से संस्कार गटनायक में जाते है, गटनायक से स्वयंसेवक और स्वयंसेवक से परिवार तक जाते है. परिवार से मिलकर समाज बनता है. 

संघ में व्यक्ति निर्माण की यही पद्धति है. उन्होंने कहा कि भारत हिंदू राष्ट्र है. प्राचीन समय से हम यहां रहते आए है, भले हिंदू नाम बाद में आया. यहां रहने वाले भारत के सभी पंथों के लिए हिंदू प्रयोग हुआ. हिंदू जो सबको अपना मानते है और सबको स्वीकार करते है. आपस में निरंतर संवाद करते हुए सदभाव से रहे.

मंच पर डॉ. भागवत के साथ, राजस्थान क्षेत्र संघचालक डॉ. रमेश अग्रवाल, चित्तौड़ प्रांत संघचालक जगदीश सिंह राणा बारां विभाग संघचालक रमेश चंद मेहता और बारां जिला संघचालक वैद्य राधेश्याम गर्ग भी उपस्थित रहे डॉ. भागवत के मंच पर आते ही ध्वजारोहण हुआ. स्वयंसेवकों ने सामूहिक सुभाषित, अमृत वचन और गीत उच्चारण किया. 

स्वयंसेक्क एकत्रीकरण कार्यक्रम में अखिल भारतीय सह प्रचारक प्रमुख अरूण जैन, अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य सुरेशचंद्र, वरिष्व प्रचारक राजेंद्र, क्षेत्र प्रचारक निम्बाराम, क्षेत्र कार्यवाह जसवंत खत्री, क्षेत्र सेवा प्रमुख शिव लहरी सहभागी रहे. विभाग कार्यवाह ने प्रतिवेदन रखा. नगर कार्यवाह ने मंचासीन अतिथियों का विस्तृत परिचय करवाय सरसंघचालक डॉ. भागवत के उद्बोधन के पूर्व नगर के स्वयंसेवक ने काव्यगीत . ''मैं जग में संघ बसाऊ '' का गायन किया. उद्बोधन के पश्चात प्रार्थना हुई और शाखा विकीर हुई. नगर एकत्रीकरण में 3827 स्वयंसेक्क उपस्थित रहे.

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