Bharatpur News : सांसद पत्नी की सुरक्षा कर रहा कॉन्स्टेबल पति, SP के आदेश पर 24 घंटे पहरेदारी पर कप्तान...!
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Bharatpur News : सांसद पत्नी की सुरक्षा कर रहा कॉन्स्टेबल पति, SP के आदेश पर 24 घंटे पहरेदारी पर कप्तान...!

Bharatpur News : संजना जाटव ऐसी पहली सांसद हैं. जिनकी सुरक्षा में कांस्टेबल पति ही तैनात हैं. 1 महीने पहले भरतपुर सांसद की सिफारिश पर उनके कॉन्स्टेबल पति को उनका पर्सनल सिक्योरिटी ऑफिसर (PSO) बनाया गया है. अलवर एसपी आनंद शर्मा ने इसके आदेश जारी किए थे.

 

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Bharatpur News : संजना जाटव ऐसी पहली सांसद हैं. जिनकी सुरक्षा में कांस्टेबल पति ही तैनात हैं. 1 महीने पहले भरतपुर सांसद की सिफारिश पर उनके कॉन्स्टेबल पति को उनका पर्सनल सिक्योरिटी ऑफिसर (PSO) बनाया गया है. अलवर एसपी आनंद शर्मा ने इसके आदेश जारी किए थे. सांसद संजना जाटव के पुलिस कांस्टेबल पति ने नियुक्ति पर कहा- पहले भी हम साथ थे. और अब भी हम साथ हैं. सांसद बनने के बाद भी कुछ नहीं बदला है. पहले भी पूरा काम देखना पड़ता था, अब 24 घंटे सुरक्षा भी करनी पड़ रही है.

सांसद संजना ने कहा- पहली बार संसद में जाना सुखद अनुभव था. मैंने जितना संभव हो सबसे मिलने का प्रयास किया. राहुल गांधी से मिली तो उन्होंने कहा- आप विधानसभा के चुनाव में 409 वोट से हार गई थीं. ये सुनकर मैं अचंभित रह गई कि इतना बड़ा व्यक्ति हमारे बारे में पूरी जानकारी रखता है. उन्होंने मुझसे कहा- आपने अच्छा चुनाव लड़ा, आप बहुत तरक्की करेंगी. संजना ने कहा कि मैंने पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नजदीक से देखा. पहली बार शपथ लेने के दौरान घबरा गई थी.

अलवर से भर्ती हुए थे कप्तान

भरतपुर सांसद संजना जाटव अभी 26 साल 2 महीने की है उनके पति कप्तान समूची पुलिस में 2012 में अलवर जिले से भर्ती हुए थे. उनका पत्र गांव कठूमर रिफंड के खेड़ली तहसील में समूची गांव है. जिसको वह अपने नाम के साथ जोड़कर रखते हैं. संजना जाटव इससे पहले जिला पार्षद रह चुकी हैं. विधानसभा चुनाव में 409 वोटो से बीजेपी के प्रत्याशी से हार गई थीं. युवा होने के नाते और सचिन पायलट से नजदीकी होने के कारण उनका भरतपुर सांसद का टिकट मिला और उन्होंने बीजेपी के प्रत्याशी रामस्वरूप कोहली को 50200 वोटो से हराया.

विधानसभा चुनाव के बाद किया गया परेशान - कप्तान

पुलिस कांस्टेबल कप्तान समूची ने बताया कि विधानसभा चुनाव के बाद मुझे बहुत परेशान किया गया. और मेरा तबादला अलवर से थानागाजी कर दिया गया. जब पत्नी आम चुनाव में जीत कर सांसद बनीं, तब मुझे उनकी अनुशंसा पर उनकी सुरक्षा में तैनात किया गया. कप्तान समूची के पिता पहले से ही राजनीति में हस्तक्षेप रखते हैं, और सरकारी ठेकेदार हैं. उनके ससुर हरभजन सिंह और उनके भाई कमल सिंह कठूमर क्षेत्र की राजनीति में काफी अच्छे से रखते हैं.

Reporter- Swadesh Kapil

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