जानिए इस साल में कब-कब आएगी अमावस्या, गलती से भी न करें ये काम
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जानिए इस साल में कब-कब आएगी अमावस्या, गलती से भी न करें ये काम

हिन्दु पंचांग के अनुसार, जब चंद्रमा को देखा नहीं जा सकेगा वह दिन अमावस्या कहलाता है. 

प्रतीकात्मक तस्वीर

Bharatpur : हिन्दु पंचांग के अनुसार, जब चंद्रमा को देखा नहीं जा सकेगा वह दिन अमावस्या कहलाता है. ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास ने बताया कि पृथ्वी का एक चक्कर चंद्रमा करीब 28 दिनों में पूरा करता है. वहीं, हर 15वें दिन चंद्रमा धरती के दूसरी तरफ होता है. यही कारण है कि चंद्रमा को नहीं देखा जा सकता है. इसी दिन को अमावस्या भी कहा जाता है. हिंदू शास्त्रों में इस दिन को बहुत ही अहम माना गया है. साथ ही इस दिन को पूर्वजों का दिन भी कहा जाता है.

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ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास ने बताया कि अमावस्या के दिन भगवान का स्मरण करना चाहिए. साथ ही बुरे व्यसनों से भी दूर रहना चाहिए. इस दिन गरीब लोगों को दान करना चाहिए. अमावस्या के दिन गरीबों को भोजन कराने से यह सीधा पितरों तक पहुंचता है. अगर ऐसा किया जाए तो इससे पितृ दोष से मुक्ति मिल जाती है. वर्ष 2021 में अमावस्या कब-कब पड़ने वाली है इसकी जानकारी हम आपको यहां दे रहे हैं. पंडित मदन मोहन शर्मा ने बताया कि अमावस्या तिथि के स्वामी पितृदेव होते हैं और यह दिन पितृदेव को समर्पित होता है.

अमावस्या पर क्या करें
श्री सोमेश्वर महादेव मंदिर मालवीय नगर के पंडित मदन मोहन शर्मा ने बताया कि अमावस्या  के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और फिर भगवान का ध्यान करें. उसके बाद अपने पितरों का स्मरण कर व्रत रखें. अमावस्या के दिन किसी गरीब, जरूरतमंद, बेसहारा या बुजुर्ग व्यक्ति को भोजन कराएं और दान दें. ऐसा करने से पितृदोष से मुक्ति मिलती है. अमावस्या का दिन बेहद शुभ माना जाता है. इस दिन मांस-मदिरा और नशीली चीजों का सेवन बिल्कुल न करें. ऐसा करने से पितृदोष लगता है.

पितृों के लिए पूजा और दान
ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास ने बताया कि अमावस्या शब्द संस्कृत से लिया गया है जिसको चांद से जोड़कर देखा जाता है. साल में 12 अमावस्या होती है. सबसे बड़ी अमावस्या कार्तिक अमावस्या होती है. इस दिन दिवाली का त्योहार मनाया जाता है. इस दिन पितरों के लिए पूजा और दान आदि किया जाता है. श्री सोमेश्वर महादेव मंदिर मालवीय नगर के पंडित मदन मोहन शर्मा ने बताया कि हिंदू पंचांग में अमावस्या तिथि बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है. इसके अलावा पितृपक्ष अमावस्या यानी श्राद्ध अमावस्या भी बहुत महत्नपूर्ण मानी जाती हैं. इस दिन पितरों का तर्पण आदि किया जाता है. सोमवार को पड़ने वाली अमावस्या को सोनवती अमावस्या कहा जाता है, यह अमावस्या भी स्नान और दान के हिसाब से बहुत महत्वपूर्ण होती है. 

दर्श अमावस्या- 12 जनवरी 2021, मंगलवार
पौष अमावस्या- 13 जनवरी 2021, बुधवार
दर्श अमावस्या, माघ अमावस्या- 11 फरवरी 2021, गुरुवार
फाल्गुनी अमावस्या- 13 मार्च 2021, शनिवार
दर्श अमावस्या- 11 अप्रैल 2021, रविवार
चैत्र अमावस्या सोमवती अमावस्या - 12 अप्रैल 2021, सोमवार
वैशाख अमावस्या- 11 मई 2021, मंगलवार
ज्येष्ठ अमावस्या- 10 जून 2021, गुरुवार
आषाढ़ अमावस्या- 9 जुलाई 2021, शुक्रवार
श्रावण अमावस्या- 8 अगस्त 2021, रविवार
भाद्रपद अमावस्या- 07 सितम्बर 2021, मंगलवार
आश्विन अमावस्या- 06 अक्तूबर 2021, बुधवार
कार्तिक अमावस्या- 04 नवम्बर 2021, गुरुवार
मार्गशीर्ष अमावस्या- 04 दिसम्बर 2021, शनिवार

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