Bhilwara News: गौ सेवक नहीं गौपालक बने, जो जहां है वहीं से गौ सेवा करें - चितवन व्यास
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Bhilwara News: गौ सेवक नहीं गौपालक बने, जो जहां है वहीं से गौ सेवा करें - चितवन व्यास

Rajasthan News: एकादशी के उपलक्ष्य पर सोमवार को भीलवाड़ा के नहर चौराहा पंचवटी भोजन वितरण के कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. कार्यक्रम में लावारिस घूम रही गायों को लापसी खिलाई गई. साथ ही 1100 गरीब व्यक्तियों के भोजन की व्यवस्था की गई. 

Bhilwara News: गौ सेवक नहीं गौपालक बने, जो जहां है वहीं से गौ सेवा करें - चितवन व्यास

Bhilwara News: राजस्थान के भीलवाड़ा में सोमवार को श्री गौ सेवा मित्र मंडल और पर्यावरण संरक्षण ट्रस्ट की ओर से एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में गौ सेवा और असहाय व्यक्तियों के लिए भोजन का आयोजन किया गया था. नहर चौराहा पंचवटी पर आयोजित हुए इस कार्यक्रम में अनाथ और उपेक्षित गौवंश का पूजन कर सभी को लापसी खिलाई गई. ट्रस्ट के अध्यक्ष अमन शर्मा ने बताया कि लावारिस घूम रहे सभी अनाथ और भूखे गोवंश के लिए इस अवसर पर पौष्टिक आहार उपलब्ध करवाया गया. इस कार्यक्रम में लगभग 1100 गरीब और असहाय, वृद्ध, महिला और बच्चों के लिए गर्म भोजन की व्यवस्था की गई. 

कार्यक्रम के आयोजन में चितवन व्यास का विशेष योगदान 
जानकारी के अनुसार, कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राजस्थान टेक्सटाइल मिल एसोसिएशन के अध्यक्ष, समाजसेवी और पर्यावरण प्रेमी श्रीनिवास मोदानी थे. अध्यक्षता नगर विकास न्यास के पूर्व अध्यक्ष लक्ष्मी नारायण डाड ने की. कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि गौ भक्त, समाजसेवी, उद्योगपति, सर्व ब्राह्मण महासभा के प्रदेश उपाध्यक्ष चितवन व्यास ( गुड्डू भैया ) थे. कार्यक्रम के सफल आयोजन में चितवन व्यास और श्रीनिवास मोदी का विशेष योगदान रहा, जिसके लिए ट्रस्ट की ओर से आभार प्रदर्शित किया गया.

जो जहां है वहीं से गौ सेवा करें 
इस अवसर पर चितवन व्यास ने गावो विश्वस्य मातर: नारा देते हुए कहा कि गाय संपूर्ण विश्व की माता है. प्रत्येक व्यक्ति को अपनी श्रद्धा के अनुसार किसी ने किसी रूप में गौ सेवा जरूर करनी चाहिए. इसके लिए कहीं और जाने की जरूरत नहीं है जो जहां है वहीं से गौ सेवा करें. उन्होंने कहा कि आजकल गौ सेवा के कई मायने हो गए हैं. इसलिए आवश्यकता है कि जिस किसी व्यक्ति को जिस किसी रूप में गौ सेवा का अवसर मिले उसे वह करना चाहिए. यही गौ पालन के समान है.  बता दें, कार्यक्रम के अंत में 3 वर्षीय नन्ही बालिका सिद्धांशी शर्मा ने 'पहली रोटी गाय की, हम पहुंचाएंगे गाय तक' का नारा देते हुए पहली रोटी प्रत्येक घर से गाय तक पहुंचाने का संकल्प लेने का आग्रह किया गया. 

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