Ram Mandir Pran Pratishtha: राम जन्मभूमि की लड़ाई में शहीद हुए सुरेश जैन के भाई को आया अयोध्या से निमंत्रण
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Ram Mandir Pran Pratishtha: राम जन्मभूमि की लड़ाई में शहीद हुए सुरेश जैन के भाई को आया अयोध्या से निमंत्रण

Pran Pratishtha:  राम जन्मभूमि प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर भीलवाड़ा में आंदोलन के दौरान शहीद चौक में शहीद हुए सुरेश जैन के भाई को आज अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर बुलाने का निमंत्रण मिला है.

Suresh Jain

Pran Pratishtha:  राम जन्मभूमि प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर भीलवाड़ा में आंदोलन के दौरान शहीद चौक में शहीद हुए सुरेश जैन के भाई को आज अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर बुलाने का निमंत्रण मिला है. विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ता शनिवार को दिवंगत जैन के बड़े भाई शांतिलाल जैन के आवास पर पहुंचे.

अयोध्या से आया निमंत्रण 
यहां इन्होंने जैन को अयोध्या से आया निमंत्रण पत्र सोपा . निमंत्रण पाकर जैन और उनके परिजनों में हर्ष का माहौल है. शांतिलाल जैन ने बताया कि उनके भाई ने जो बलिदान राम मंदिर के लिए दिया था . आज उसका परिणाम उन्हें मिला है . राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर जाना उनके लिए बहुत बड़ा सौभाग्य है और वो 19 जनवरी को ट्रेन से अयोध्या के लिए रवाना होंगे और रामलला के दर्शन का सौभाग्य प्राप्त करेंगे . 

 राम भक्तों ने दिया बलिदान 
विश्व हिंदू परिषद के विभाग मंत्री गणेश प्रजापत में बताया कि राम मंदिर निर्माण के लिए राम भक्तों ने जो बलिदान दिया था वो हम सभी के लिए अविस्करणीय है. उनके बलिदान को नमन करते हुए विश्व हिंदू परिषद एवं मंदिर समिति द्वारा शहीद स्व. सुरेश जैन के परिजनों के लिए निमंत्रण पत्र प्राप्त हुआ है , उसे देने हम इनके बड़े भाई के निवास स्थान पर पहुं. 

उन्होंने कहा की 22 जनवरी को होने वाले कार्यक्रम के लिए सभी राम भक्तों में हर्ष का माहौल है और भीलवाड़ा से बड़ी संख्या में राम भक्त अयोध्या पहुंचेंगे और दर्शन लाभ लेंगे. इस दौरान विश्व हिंदू परिषद के ओमप्रकाश बुलिया , भारत गेंगट , विजय ओझा , प्रीतेश जेथलिया सहित अनेक कार्यकर्ता मौजूद रहे.

कौन हैं शहीद सुरेश जैन

भीलवाड़ा के बलिदानी सुरेश जैन राम मंदिर आंदोलन के दौरान 12 मार्च 1991 को रैली के दौरान कार सेवकों को तितर बितर करने के लिए पुलिस द्वारा चलाई गोली से शहीद हुए थे. इस दौरान शाहपुरा ज़िले के ख़ामोर निवासी रतन लाल सेन भी उनके साथ शहीद हुए उनके परिजनों को भी आयोध्या दर्शन का निमंत्रण मिला है.

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