Bikaner: गौवंश को लंपी से बचाने के लिए युवकों ने उठाया बीड़ा, दवाई और आहार का किया प्रबंध
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Bikaner: गौवंश को लंपी से बचाने के लिए युवकों ने उठाया बीड़ा, दवाई और आहार का किया प्रबंध

Bikaner: राजस्थान के बीकानेर जिले में भी लंपी स्किन डिजीज का प्रभाव देखा जा रहा है. अब तक 80 हजार के करीब गाय इस संक्रमण की चपेट में आ गई है. लंपी के संक्रमण से बीकानेर जिला भी अछूता नहीं रहा. बात चाहे ग्रामीण क्षेत्र की करें या शहरी क्षेत्र के हर जगह इस संक्रमण का असर दिखाई दे रहा है. 

युवकों ने उठाया बीड़ा

Bikaner: राजस्थान के बीकानेर जिले में भी लंपी स्किन डिजीज का प्रभाव देखा जा रहा है. अब तक 80 हजार के करीब गाय इस संक्रमण की चपेट में आ गई है. लंपी के संक्रमण से बीकानेर जिला भी अछूता नहीं रहा. बात चाहे ग्रामीण क्षेत्र की करें या शहरी क्षेत्र के हर जगह इस संक्रमण का असर दिखाई दे रहा है. 

अगर सरकारी आंकड़ों की बात करें तो अब तक करीब 80 हजार पशु इस संक्रमण की चपेट में आ गए है. वहीं सैकड़ों पशु मौत का ग्रास बन चुके हैं. जिला प्रशासन और पशु चिकित्सा ने संक्रमण को गंभीरता से लेते हुए, इस पर प्रभावी रूप से काम करना भी शुरू कर दिया है, लेकिन इनके बीच बीकानेर के कुछ युवकों ने अपने स्तर पर अब इस बीमारी से लड़ने का बीड़ा उठाया है. 

जहां बीकानेर की राष्ट्रीय जय गौ माता सेवा समिति के नेतृत्व में गौ माता बचाओ लंपी रोग भगाओ अभियान की शुरुआत करते हुए युवकों ने विशेष व्यवस्थाओं को अंजाम दिया है. जहां 5 लाख की दवाइयां 1 लाख के स्प्रे और पांच लाख के विशेष पौष्टिक आहार वाले लड्डूओं का इंतजाम अभी तक किया गया है. वहीं ये युवक शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में दवाइयों को पहुंचा रहे है. वहीं वेटरनरी डॉक्टर की एक विशेष टीम के भी सम्पर्क में है, ऐसे में किसी भी पीड़ित गौवंश तक पहुंचने के लिए वो तत्पर तैयार रहते है. पिछले कई दिनों से इस अभियान को चलाया जा रहा है और कई गौवंश को मौत के घाट उतरने से भी बचाया गया है. 

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अगर सरकारी आंकड़ों देखें तो अब तक 84 हजार के करीब पशुधन इस संक्रमण का शिकार हो चुका है. इसी के तहत 71 हजार गायों का इलाज किया गया, जिसमें 44 हजार पशु रिकवर हो गए. वहीं 2 हजार पांच सौ के करीब गाय की मौत हो गई, हालांकि प्रशासन द्वारा अभी भी सरकारी स्तर और सामाजिक संस्थाओं के सहयोग से इलाज किया जा रहा है. युवकों के इस साहसी प्रयास की सभी तारीफ कर रहे है, वहीं भारी संख्या में गौवंश इस बीमारी से पीड़ित हुए है, ऐसे में जरूरत है सभी को ऐसे मुश्किल समय में ऐसी सकारात्मक पहल की जिससे इस बीमारी से लड़ा जा सके.

Reporter: Raunak Vyas

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