बीकानेर में जिला प्रशासन ओर यहा की पुलिस एतिहासिक शहर को उसी के रंग में रंगने में लगे है ओर शहर को सौदर्यीकरण के साथ साथ हर सर्किल और उसकी दीवारों को नया स्वरूप दिया जा रहा है. संभागीय आयुक्त का मानना है की इस क्षेत्र से गुजरने वाले राहगीरों को महात्मा गांधी और डॉ. कलाम जैसे महापुरूषों के जीवन से प्रेरणा मिले, इसके मद्देनजर यह पहल की गई है.
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बीकानेर: बीकानेर शहर अपनी परम्परा ओर सौहार्द के लिए पुरी दुनिया भर में जाना जाता है. ऐसे में अपनी गंगा-जमुना संस्कृति को दर्शाती इस शहर की आबों हवा भी ऐसी है जहां एक बार कोई आता है तो यहीं का होकर रह जाता है. इन दिनों बीकानेर में जिला प्रशासन ओर यहा की पुलिस एतिहासिक शहर को उसी के रंग में रंगने में लगे है ओर शहर को सौदर्यीकरण के साथ साथ हर सर्किल और उसकी दीवारों को नया स्वरूप दिया जा रहा है.
बीकानेर नगर के इतिहास से संबंधित जानकारी प्रदर्शित
बीकानेर 535 साल पुराना वो एतिहासिक शहर जो अपनी कला संस्कृति, किले हवेलियों के साथ साथ अपने सद्भावना ओर सौहार्द के लिए भी जाना जाता है. ऐसे में बीकानेर को इसी के फलस्वरूप जिला प्रशासन ओर पुलिस प्रशासन संदेश देने की कोशिश करने में लगा है, जहां कुछ दिन पहले पुलिस ने पब्लिक पार्क पर ऐसे संदेश दीवार पर पेंट करवा कर संदेश दिया तो वहीं अब संभागीय आयुक्त डॉ. नीरज के. पवन की पहल पर मेजर पूर्ण सिंह सर्किल के पास स्थित स्तम्भ पर महात्मा गांधी और पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के चित्र सहित उनके सिद्धांत और बीकानेर नगर के इतिहास से संबंधित जानकारी प्रदर्शित की गई है.
जूनागढ़ का चित्र भी प्रदर्शित किया गया
संभागीय आयुक्त का मानना है की इस क्षेत्र से गुजरने वाले राहगीरों को महात्मा गांधी और डॉ. कलाम जैसे महापुरूषों के जीवन से प्रेरणा मिले, इसके मद्देनजर यह पहल की गई है. इनमें महात्मा गांधी का ‘विनम्र तरीके से आप दुनिया हिला सकते हैं’ तथा डॉ. कलाम का ‘अपने मिशन में सफल होने के लिए आपको लक्ष्य के प्रति एकाग्रचित होना चाहिए’ कथन का प्रदर्शन किया गया है. इसी प्रकार बीकानेर नगर की स्थापना और राव बीका के निधन से संबंधी जानकारी दर्शाई गई है. इस पर जूनागढ़ का चित्र भी प्रदर्शित किया गया है. रात्रि के समय रोशनी से सराबोर स्तम्भ आमजन को बेहद आकर्षित करता है.
बीकानेर में सांप्रदायिक सद्भाव की कौमी एकता की पुरानी परंपरा
इसी के साथ साहित्यकार संजय का कहना है कि बीकानेर में सांप्रदायिक सद्भाव की कौमी एकता की बहुत ही पुरानी प्राचीन परंपरा है जो हमें पूर्वजों से प्राप्त हुई है. यहां के शासकों ने राजा महाराजाओं ने हमेशा इस चीज को घोषित किया है और आज भी आम आवाम के अंदर धर्म जाति को लेकर कोई भेदभाव नहीं है कोई पक्षपात नहीं है. सभी लोग एक परिवार की तरह प्रेम से रहते हैं और सबसे बड़ी बात कि बीकानेर के साहित्यकारों ने सोमवार को इस गंगा जमुनी संस्कृति को सूचित किया है उसको पल्लवित किया है. यहां के शायरों ने ऐसी रचनाएं लिखी है जिससे कि आपसी भाईचारा प्रेम बढ़ता रहे अभी बीकानेर के प्रशासनिक जिला पुलिस ने और सभी लोगों ने मिलकर आम आवाम ने उनके साथ मिलकर संप्रदायिक सद्भाव को और मजबूत बनाने के लिए प्रयास किए हैं वह साधुवाद के पात्र हैं.
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बीकानेर जिला पुलिस की अनूठी पहल से बीकानेर दमक उठेगा
वहीं शायर इर्शाद अजीज का कहना है कि बीकानेर की सद्भावना और कौमी एकता सिर्फ यहां तक सीमित नहीं है और राजस्थान और राजस्थान के बाहर और हिंदुस्तान की सीमाओं के बाहर जाकर इसकी एक पहचान है. जब पीएम चंद्रशेखर बीकानेर आए थे तो उन्होंने कहा था कि बीकानेर जैसी मोहब्बत और भाईचारा यह काश पूरे हिंदुस्तान में फैल जाए तो किसी तरह का कोई सांप्रदायिक स्वार्थ बिगड़ने का कोई चांस नहीं है यहां पानी जितना गहरा है यहां के लोग इतने गहरे होते हैं. यहीं वजह है बीकानेर में स्वाध्याय पीढ़ी दर पीढ़ी चलता रहा है. इसी कड़ी में बीकानेर जिला पुलिस ने पहल की है जो अपने आप में अनूठी पहल है. हमने किसी भी राज्य में जिला पुलिस संभाग में नहीं देखी है जो किसी शहर की कौमी एकता को और मजबूती और विश्वास दिलाने के लिए किया गया यह काम बेहद शानदार है इस काम को बहुत-बहुत बधाई देते हैं.