Bikaner News: राजस्थान के बीकानेर में बाल वाहिनी योजना के प्रभावी क्रियान्वयन से संबंधित हुई बैठक. संभागीय आयुक्त डॉ. नीरज के. पवन की अध्यक्षता में सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज सभागार में आयोजित हुआ कार्यक्रम.
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Bikaner News: इस अवसर पर संभागीय आयुक्त ने कहा कि प्रत्येक सरकारी और निजी विद्यालय को बाल वाहिनी के नियमों की शत-प्रतिशत पालना करनी होगी. उन्होंने कहा कि बच्चों का सुरक्षित आवागमन प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है, इसे ध्यान रखते हुए बाल वाहिनी के समस्त नियमों की पालना करवाई जाएगी. इसमें शिथिलता बरतने वालों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी.
संभागीय आयुक्त ने कहा कि बाल वाहिनी में नॉर्म्स से अधिक संख्या में बच्चे नहीं बैठें. क्षमता से अधिक बच्चे बैठे मिले तो इसे सीज कर लिया जाएगा. स्कूली वाहन पर ''ऑन स्कूल ड्यूटी'' अनिवार्य रूप से लिखा हो. ऑटो रिक्शा, मैजिक, बस और वेन वाहनों पर ड्राइवर का नाम और पता, चाइल्ड हेल्पलाइन (1098) तथा पुलिस हेल्पलाइन नंबर (100) अंकित हो. इसमें फर्स्ट एड बॉक्स रखी जाए. बालवाहिनी का ड्राइवर निर्धारित ड्रेस में हो. स्कूल संचालक ऐसे प्रत्येक वाहन को जीपीएस से कनेक्ट करें तथा इसकी नियमित मॉनिटरिंग की जाए. उन्होंने कहा कि कोई भी अनफिट वाहन बाल वाहिनी के रूप में उपयोग नहीं लिया जाए.
प्रशासन की टीम द्वारा भी इसकी फिजिकल की जाएगी। उन्होंने कहा कि कोई भी वाहन चालक नशा करके बाल वाहिनी नहीं चलाए. ऐसा पाया गया तो स्कूल प्रबंधन और वाहन चालक के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी. उन्होंने कहा कि प्रबंधन से जुड़े लोग अवकाश के दिन इन सभी नॉर्म्स की चेकिंग करें. उन्होंने कहा कि जिस स्थान से बच्चे को बिठाया और उतारा जाता है, वहां स्कूल का प्रतिनिधि रहे. इस स्थान पर सीसीटीवी कैमरा लगाया जाए.
उन्होंने कहा कि वाहन चालकों के लिए प्रशासन द्वारा मेडिकल चेकअप शिविर लगाया जाएगा. इसकी तिथियां शीघ्र ही निर्धारित की जाए. प्रत्येक स्कूल द्वारा यातायात संयोजक की नियुक्ति करते हुए इसकी सूची उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि रोड सेफ्टी से संबंधित समस्त नियमों की पालना करवाना यातायात संयोजक की जिम्मेदारी होगी.
इसके लिए संयोजकों को प्रशिक्षित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि स्कूलों में 16 वर्ष से कम आयु का कोई भी बालक मोटराइज्ड दुपहिया वाहन लेकर नहीं आए. उन्होंने कहा कि 16 से 18 वर्ष तक के बच्चों को गीयरलेस दुपहिया वाहन चलाने की अनुमति है. वहीं, 18 वर्ष से अधिक आयु का विद्यार्थी गीयर युक्त दुपहिया वाहन लेकर आए. इसके अलावा स्कूल में आने वाला कोई भी विधार्थी बिना हेलमेट नहीं आए, यह भी सुनिश्चित किया जाए.
उन्होंने कहा कि स्कूल प्रबंधन इसके लिए पूर्णतया जिम्मेदार होगा. उन्होंने कहा कि स्कूल प्रबंधकों द्वारा पैरंट्स टीचर्स मीटिंग में इस संबंध में जागरूक किया जाए. उन्होंने कहा कि परिवहन विभाग, जिला प्रशासन और यातायात विभाग से जुड़े लोग इन सभी नॉर्म्स की समय-समय पर मॉनिटरिंग करेंगे. उन्होंने कहा कि सभी निर्देशों की पालना सुनिश्चित की जाए.
बैठक में अतिरिक्त जिला कलेक्टर (नगर) पंकज शर्मा, अतिरिक्त प्रादेशिक परिवहन अधिकारी जुगल किशोर माथुर, जिला शिक्षा अधिकारी (माध्यमिक) सुरेंद्र सिंह भाटी, वृत्ताधिकारी (यातायात) अजय सिंह, यातायात निरीक्षक रमेश सरवटे, हेमंत किराडू, युधिष्ठिर सिंह भाटी, गिरिराज खेरीवाल सहित विभिन्न स्कूलों एवं वाहन चालक संगठनों के प्रतिनिधि, अभिभावक और विभागीय अधिकारी मौजूद रहे.
Reporter - Rounak vyas