गनीमत रही कि पास में सो रहा बालक विष्णु इस घटना में सुरक्षित बच गया. अचानक हुई इस घटना से पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई और हेमराज पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा. हेमराज मजदूरी करके अपने परिवार का भरण पोषण करता है.
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Bundi: बूंदी जिले के सदर थाना क्षेत्र में बूंदी चित्तौड़ मार्ग स्थित नीम का खेड़ा गांव में शुक्रवार तड़के खेत पर बने मकान में सो रही मां और बेटी को कॉमन करैत सांप ने डस लिया. बेटी की इलाज के दौरान मौत हो गई, वहीं मां की हालत गंभीर बनी हुई है.
जानकारी के अनुसार, लीलाबाई मेघवाल (26) अपनी बेटी राधिका (4) और बेटे विष्णु (2) के साथ एक खाट पर सो रही थी. सोती हुई बालिका राधिका को सांप ने काट लिया लेकिन उसे नींद में पता ही नहीं चला. रात्रि करीब तीन बजे महिला को सांप ने काटा तो महिला की नींद खुल गई. उसने अपने बिस्तर पर सांप को देखा तो वह समझ गई कि उसे सांप ने काट लिया है. उसके कंधे के नीचे सांप के काटने के निशान थे और सांप भी वहीं पर था.
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उसने तत्काल इसकी सूचना बाहर सो रहे पति हेमराज मेघवाल को दी और सांप को तत्काल मार दिया. महिला की हालत बिगड़ती देख कर तत्काल बिजोलिया के निजी अस्पताल में भर्ती करवाया लेकिन बेटा और बेटी उसी पलंग पर सोते रहे. लगभग सुबह साढ़े चार बजे बेटी को बेहोशी की हालत में देखा तो परिजन घबरा गए तथा उसे भी तत्काल अस्पताल लेकर गए लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका.
गांव में शोक की लहर
गनीमत रही कि पास में सो रहा बालक विष्णु इस घटना में सुरक्षित बच गया. अचानक हुई इस घटना से पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई और हेमराज पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा. हेमराज मजदूरी करके अपने परिवार का भरण पोषण करता है.
गौरतलब है कि गत साल भी इसी प्रजाति के सांप ने नजदीकी गांव गुढ़ानाथावतान के हाथीखेड़ा मजरे में भी एक ही परिवार के चार सदस्यों को सांप ने काटा था, जिसमें से एक महिला की मौत हो गई थी. वहीं, तीन बच्चे कोमा में चले गए थे.
अत्यंत विषैला और नुकीले दांतों वाला होता है करैत
भारत मे चार प्रजाति के सांपों में ही विष होता है, जिनमें करैत सबसे अधिक घातक और मौत की नींद सुलाने वाला सांप है. अक्सर रात के समय सक्रिय रहता है और बारीक दांतों के कारण बाइट का पता ही नहीं चलता है. इसे बंध वाला या पीवणा सांप भी कहते हैं.
Reporter- Sandeep Vyas
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