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Bundi news: बूंदी शहर में 7 साल पहले अपने बेटे से एक घटना में बिछड़ने के बाद मिलने की उम्मीद छोड़ चूके मां-बाप के लिए शुनिवार का दिन खुशियों भरा रहा. शुक्रवार को बेटे का बूंदी में अपने परिवार से मिलन हुआ तो 7 साल बाद बेटे को भी देख कर माता पिता की आंखों से आंसू बह निकले.
बता दें कि राजस्थान के झालावाड़ जिले के मध्यप्रदेश के समीप रायपुर क्षेत्र के रहने वाला युवक महेंद्र उर्फ धर्मेंद्र 2016 में किसी बात पर घर से निकल गया था. युवक पूरी तरह से सामान्य नहीं था और अच्छे तरीके से बोल भी नहीं पाता है. सात साल बाद जब युवक अपने परिवार से मिला तो राजस्थान बीज निगम के निदेशक चर्मेश शर्मा, दिनेश राठौर,मनीष राठौर,रवि मालव अन्यों ने माल पहनाकर उसे परिवार के साथ रवाना किया.
कब हुआ गायब
गौरतलब है कि कोविड की दूसरी लहर के बाद डेढ़ वर्ष पूर्व यह युवक बूंदी में कुंभा स्टेडियम के सामने रहने वाले दिनेश राठौर के परिवार के पास आया था. उससे उसके परिवार के बारे में पूछते तो वह बता नहीं पाता था. तभी से वह राठौर परिवार के पास ही परिवार के सदस्य की भांति रह रहा था. यहां पर सभी उसे डेढ़ वर्ष से महेंद्र के नाम से ही जानते थे.
चार दिन पहले दिनेश राठौर ने इस युवक के परिवार का पता लगाने के लिये देश विदेश के कई बिछुड़े लोगों को अपने परिवार से मिलाने राजस्थान बीज निगम के निदेशक बूंदी के कांग्रेस नेता चर्मेश शर्मा से संपर्क किया. शर्मा ने युवक से काफी देर तक बातचीत की तो बड़ी मुश्किल से युवक बता पाया कि वह झालावाड़ के आगे रायपुर के आसपास का रहने वाला है. लेकिन युवक अपने गांव का नाम नहीं बता पाया. इसके बाद शर्मा ने भी प्रयास शुरू किये और तय किया कि आने वाले कुछ दिनों में झालावाड़ रायपुर जाकर युवक के परिवार का पता लगायेंगे.
सोशल मीडिया बनीं सहारा
युवक का फोटो सोशल मीडिया पर झालावाड़ क्षेत्र में रहने वाले लोगों को भी डाला गया. राठौर परिवार ने भी झालावाड़ क्षेत्र में रहने वाले अपने रिश्तेदारों को युवक का फोटो व्हाट्सएप पर भेजा. उनके एक रिश्तेदार ने यह फोटो नाई की दुकान पर दिखाया तो दुकान के संचालक ने रायपुर क्षेत्र के करवाड़ा गांव से 7 वर्ष पहले देवड़ा राजपूत समाज के एक युवक के चले जाने की जानकारी दी. वहां के गांव वालों को फोटो भेजा गया तो उन्होंने महेंद्र की पहचान धर्मेंद्र के रूप में की.
वहीं युवक का पता चलते ही रायपुर करवाड़ा से उसके पिता और समीपवर्ती मध्य प्रदेश शाहजहांपुर से उसके पिता मनोहर सिंह देवड़ा, जीजा शिवपाल सिंह और अन्य परिवार वाले शुक्रवार को बूंदी पहुंच गये.युवक के जीजा शाहजहांपुर मध्य प्रदेश के शिवराज सिंह ने बताया कि धर्मेंद्र दो बहनों में इकलौता भाई है. पिछले 7 वर्ष से लगातार मध्यप्रदेश,गुजरात राजस्थान,हरियाणा,उत्तरप्रदेश, महाराष्ट्र सहित कई राज्यों में उनके परिवार ने धर्मेंद्र की तलाश की लेकिन कोविड के बाद परिवार ने उम्मीद छोड़ दी थी.
शिवपल सिंह ने बताया कि धर्मेंद्र के पिता मनोहर सिंह की दो बीघा जमीन अपने पुत्र को ढूंढने में बिक गयी.शुक्रवार को बूंदी पहुंचते ही महेंद्र उर्फ धर्मेंद्र ने अपने पिता और परिवार के सदस्यों को पहचान लिया. देशभर से अपने परिवार के सदस्य की भांति रह रहा महेंद्र जब जाने लगा तो सभी की आंखों में आंसू छलक उठे. युवक बोल नहीं पा रहा था लेकिन बार बार राठौर परिवार के छोटे बच्चों को गोद में उठा कर भावुक हो रहा था.