कोऑपरेटिव सोसायटी की नई नीति आने से पहले चित्तौड़गढ़ में हुआ मंथन, इस पर हुई चर्चा
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कोऑपरेटिव सोसायटी की नई नीति आने से पहले चित्तौड़गढ़ में हुआ मंथन, इस पर हुई चर्चा

राजस्थान के विभिन्न क्षेत्रों से कॉपरेटिव से जुड़े प्रमुख लोगों को आमंत्रित किया गया था. बतौर मुख्य वक्ता भारतीय रिजर्व बैंक के निदेशक सतीश मराठे द्वारा कोऑपरेटिव संबंधी आवश्यक सुधारों के लिए केंद्र सरकार को भेजे गए प्रस्ताव की जानकारी दी गई.

कोऑपरेटिव सोसायटी की नई नीति आने से पहले चित्तौड़गढ़ में हुआ मंथन, इस पर हुई चर्चा

Chittorgarh: केंद्र सरकार द्वारा कोऑपरेटिव बैंकिंग संबंधी नई नीति आने वाली है. इससे पहले आज चित्तौड़गढ़ में चित्तौड़गढ़ समिट और ऑन कोऑपरेटिव एंड बैंकिंग का आयोजन किया गया. जिसमें कॉपरेटिव क्षेत्र में किस किस तरह से और सुधार किया जा सकता है इसे लेकर व्यापक मंथन किया गया.

राजस्थान के विभिन्न क्षेत्रों से कॉपरेटिव से जुड़े प्रमुख लोगों को आमंत्रित किया गया था. वक्ताओं द्वारा कोऑपरेटिव सेक्टर को देश के विकास की दूरी बताते हुए इसके विस्तार और विकास के लिए कई आमूलचूल बदलाव की आवश्यकता जताई गई. बतौर मुख्य वक्ता भारतीय रिजर्व बैंक के निदेशक सतीश मराठे द्वारा कोऑपरेटिव संबंधी आवश्यक सुधारों के लिए केंद्र सरकार को भेजे गए प्रस्ताव की जानकारी दी गई और बताया कि केंद्र सरकार ने ग्राम सहकारी समिति को और भी मजबूत करने का प्रस्ताव मंजूर कर लिया है.

इसके तहत जो समितियां बंद है उन्हें बंद करते हुए नई समितियां गठित करने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी. यह एक बहुत ही बड़ा फैसला है. इससे निश्चित तौर पर ग्रामीण स्तर पर लोग सोसाइटी से जुड़ेंगे और कृषि उत्पादन में बढ़ोतरी होगी. मराठे ने कहा कि 1991 के बाद केंद्र सरकार द्वारा वैश्वीकरण का जो रास्ता खोला गया अब उसके नतीजे आने लग गए हैं. आज स्थिति यह है कि भारत विश्व की पांचवी बड़ी आर्थिक शक्ति बन चुका है और जिस प्रकार से बैंकिंग और फाइनेंशियल सेक्टर के नियमों को बदला जा रहा है उससे निश्चित ही अगले 5 से 7 साल में हम 5 टिलियन डॉलर की महाशक्ति के रूप में उभर कर सामने आएंगे.

उन्होंने इस क्षेत्र के विकास के लिए नीतियों में व्यापक स्तर पर बदलाव करने की भी जरूरत बताई. कार्यक्रम की शुरुआत विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया द्वारा की गई. राज्यसभा सदस्य राजेंद्र गहलोत ने भी कोऑपरेटिव सोसाइटी को देश के विकास का आधार स्तंभ बताते हुए कहा कि इस क्षेत्र में रोजगार की व्यापक संभावनाएं हैं. सहकार भारती के राष्ट्रीय संगठन मंत्री संजय द्वारा भी विचार रखे गए .

आयोजक चित्तौड़गढ़ अर्बन कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड के चेयरमैन डॉक्टर आई एम सेठिया ने बताया कि नई नीति आने वाली है . समिट के मंथन में जो उभरकर सामने आएगा उनके प्रस्ताव बनाकर केंद्र सरकार को भेजे जाएंगे ताकि उसके अनुरूप नीतियों में बदलाव लाया जा सके. उन्होंने बताया कि दूसरे सत्र में हाई कोर्ट जोधपुर के न्यायाधीश फरजंद अली तथा भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर सतीश पूनिया आदि शामिल होंगे. मंच पर बैंक की पूर्व चेयरमैन विमला सेठिया, वंदना वजीरानी, उदयपुर से प्रमोद सामर आदि भी मौजूद थे.

Reporter-Deepak Vyas

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