Sardarshahar seat bypoll election : राजस्थान में चूरू जिले की सरदारशहर विधानसभा सीट पर उपचुनाव होना है. विधायक भंवरलाल शर्मा के निधन से ये सीट खाली हुई है. बीजेपी और कांग्रेस दोनों के लिए ये सीट जीतना क्यों जरुरी है. और पिछले 4 साल में राजस्थान में कितने उपचुनाव हुए.
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Sardarshahar seat bypoll election : राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 से पहले सरदारशहर विधानसभा सीट के उपचुनाव बीजेपी और कांग्रेस दोनों के लिए परीक्षा की घड़ी है. भंवरलाल शर्मा के निधन से ये सीट खाली हुई है. जो कांग्रेस ( congress ) से विधायक थे. कांग्रेस जहां अशोक गहलोत सरकार की योजनाओं के नाम पर जनता के बीच वोट मांगेगी तो वहीं बीजेपी इन चुनावों में कांग्रेस की अंदरूनी कलह, कानून व्यवस्था और किसानों के मुद्दे पर घेरने की तैयारी कर रही है.
राजस्थान विधानसभा चुनाव 2018 के चुनावों में कांग्रेस को राज्य में 99 सीटें मिली थी. लेकिन चुनावों के बीच ही अलवर की रामगढ़ सीट पर बसपा प्रत्याशी का निधन हो गया था. जिससे चुनाव आयोग ने रामगढ़ विधानसभा सीट का चुनाव स्थगित कर दिया था. बाद में जब यहां चुनाव हुए तो कांग्रेस की ओर से साफिया जुबैर चुनाव जीतने में कामयाब रही. तब तक सूबे में कांग्रेस की सरकार बन चुकी थी. जाहिर सी बात है इसका साफिया जुबैर को फायदा भी मिली. रामगढ़ सीट को जीतकर ही कांग्रेस के विधायकों की संख्या 100 हुई थी.
साल 2019 के लोकसभा चुनाव हुए. तो नागौर की खींवसर विधानसभा सीट से विधायक हनुमान बेनीवाल नागौर के सांसद बन गए. और झुंझुनूं की मंडावा सीट के विधायक नरेंद्र कुमार को बीजेपी ने टिकट दिया तो वो भी झुंझुनूं लोकसभा सीट से सांसद बन गए. इन दोनों सीटों पर उपचुनाव हुए तो राज्य में सत्ताधारी कांग्रेस को मंडावा सीट पर फायदा मिला. रीटा चौधरी चुनाव जीतने में कायमाब रही. हालांकि खींवसर विधानसभा सीट पर हनुमान बेनीवाल के भाई नारायण बेनीवाल जीते.
अप्रैल 2021 में राजस्थान की 3 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुए. तीनों सीटों पर तत्कालीन विधायकों का निधन होने से वो सीटें खाली हुई थी. चूरू के सुजानगढ़ से कांग्रेस विधायक और उस समय अशोक गहलोत सरकार के मंत्री मास्टर भंवरलाल मेघवाल, भीलवाड़ा की सहाड़ा विधानसभा सीट से एमएलए कैलाश चंद्र त्रिवेदी और राजसमंद से भाजपा MLA किरण माहेश्वरी का निधन हो गया था. इन तीनों सीटों पर उपचुनाव हुए. तो तीनों जगहों पर दिवंगत विधायकों के परिवार वालों को बीजेपी कांग्रेस ने टिकट दिया. परिणाम भी वही रहे. 2 सीटों पर कांग्रेस और 1 पर बीजेपी जीतने में कायमाब रही.
राजस्थान में अक्टूबर 2021 में भी 2 सीटों पर उपचुनाव हुआ. उदयपुर की वल्लभनगर सीट और प्रतापगढ़ की धरियावद सीटें खाली हुई. वल्लभनगर विधायक गजेंद्र सिंह शक्तावत का निधन हो गया. शक्तावत को सचिन पायलट का बेहद करीबी माना जाता था. सियासी संकट के समय भी शक्तावत सचिन पायलट खेमे में शामिल थे. धरियावद सीट से एमएलए गोतमलाल निनामा का निधन हो गया था. निनामा बीजेपी से विधायक थे. लेकिन जब उपचुनाव हुए तो ये दोनों सीटें कांग्रेस जीतने में कायमाब रही. इस तरह कांग्रेस बीजेपी से एक सीट छीनने में कामयाब रही.
राजस्थान में 2018 के विधानसभा चुनावों के बाद ये 8 वीं विधानसभा सीट है जहां चुनाव हो रहे है. अलवर की रामगढ़ सीट से शुरु हुए चुनावों के सिलसिले में अब सरदारशहर विधानसभा सीट से विधायक भंवरलाल शर्मा का निधन होने के बाद यहां उपचुनाव हो रहे है. यहां अगर कांग्रेस जीतती है तो ये सामान्य परिणाम होगा. लेकिन राज्य में कांग्रेस की सत्ता होने और दिवंगत विधायक का भी कांग्रेस पार्टी से ताल्लुक होने के बावजूद अगर यहां बीजेपी चुनाव जीतती है तो ये सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस के लिए बड़ा झटका होगा.
राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 से पहले बीजेपी इस सीट को जीतना चाहेगी. ये प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया की साख के लिए भी महत्वपूर्ण है तो वहीं उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ भी चूरू जिले से ताल्लुक रखते है. ऐसे में उनकी प्रतिष्ठा के लिए भी चूरू में बीजेपी का जीतना जरुरी होगा. तो वहीं सत्ता पक्ष कांग्रेस भी इस चुनाव को जीतना चाहेगी ताकि जनता में ये संदेश दिया जा सके कि आवाम कांग्रेस शासन से खुश है. ये उपचुनाव जो भी पार्टी जीतेगी. उसके कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ेगा जो 2023 की लड़ाई में बड़ा अहम है.
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