दौसा के बांदीकुई में प्रधानमंत्री आवासीय योजना के चयनित को लाभ नहीं मिलने के मामले को राज्य मानव अधिकार आयोग ने गंभीरता से लिया है. आयोग ने इसको लेकर कलेक्टर दौसा को प्रार्थी को जल्द पीएम आवासीय योजना लाभ दिलाने के आदेश जारी किये हैं.
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Bandikui: दौसा के बांदीकुई में प्रधानमंत्री आवासीय योजना के चयनित को लाभ नहीं मिलने के मामले को राज्य मानव अधिकार आयोग ने गंभीरता से लिया है. आयोग ने इसको लेकर कलेक्टर दौसा को प्रार्थी को जल्द पीएम आवासीय योजना लाभ दिलाने के आदेश जारी किये हैं. राज्य मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष जस्टिस गोपाल कृष्ण व्यास ने मामले को लेकर तलख टिप्पणी की है. आयोग ने प्रार्थी योजना में चयनित प्रार्थी को आशियाने का लाभ नहीं मिलना को मानव अधिकारों का हनन माना है.
तीन साल पहले हुआ चयन, फिर सूची से नाम हुआ गायब
ग्राम पंचायत भांडेडा के जिन्द का बास निवासी रमेश चंद्र सैनी साल 2019 में प्रधानमंत्री आवासीय योजना में चयन हुआ था. उसके बाद प्रशासन ने उसे पक्का आवास बनाने का आश्वासन दे दिया. प्रशासन ने चयनित रमेश सैनी को यह कहते हुआ कच्चा मकान तुड़वा दिया कि जल्द ही उसका योजना के तहत पक्का मकान बनवा दिया जायेगा. लेकिन आज तक चयनित को आशियाने का इंतजार हैं. प्रार्थी का नाम का साल 2021 में चयनित की सूची से यह कहते हुए नाम हटाया गया कि उसके पक्का मकान बना हुआ हैं. जबकि प्रार्थी के मकान की छत नहीं डली हुई हैं.
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बिन छत के आशियानों को कैसे माना पक्का मकान
राज्य मानव अधिकार आयोग ने मामले पर प्रशासन की कार्यशैली को लेकर नाराजगी जताई हैं. मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष ने कहा है कि प्रशासन ने बिना छत के घर को पक्का आवास कैसे मान लिया. जबकि प्रार्थी भीषण गर्मी के इस दौर में खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हैं. आयोग अध्यक्ष ने जिला कलेक्टर को आवास आवंटन का अनुमोदन किया हैं. साथ ही कलेक्टर को प्रार्थी का आवास आवंटन करने के आदेश दिये हैं. गौरतलब है कि प्रशासन ने रमेश सैनी के बिना छत के मकान को पक्का मकान मानते हुए उसका नाम पृथक कर दिया था.
Reporter: Laxmi Sharma
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