RSS के प्रांत प्रचारक डॉ. शैलेंद्र बोले- राष्ट्रहित के मुद्दों पर एकजुट हो हिन्दू समाज
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RSS के प्रांत प्रचारक डॉ. शैलेंद्र बोले- राष्ट्रहित के मुद्दों पर एकजुट हो हिन्दू समाज

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जयपुर प्रान्त का दौसा में चल रहा 15 दिवसीय घोष प्रशिक्षण वर्ग संपन्न हुआ .समापन समारोह को संबोधित करते हुए संघ के प्रांत प्रचारक डॉ.

 RSS के प्रांत प्रचारक डॉ. शैलेंद्र बोले- राष्ट्रहित के मुद्दों पर एकजुट हो हिन्दू समाज

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जयपुर प्रान्त का दौसा में चल रहा 15 दिवसीय घोष प्रशिक्षण वर्ग संपन्न हुआ .समापन समारोह को संबोधित करते हुए संघ के प्रांत प्रचारक डॉ. शैलेंद्र ने कहा समाज में अच्छे लोगों की आवश्यकता है, लेकिन इसके लिए कोई फैक्ट्री तो है नहीं, ऐसे में प्राचीनकाल में गुरुकुलों में वही वर्तमान समय में संघ में स्वयंसेवकों को सामूहिक प्रशिक्षण दिया जाता है.संघ से संस्कार लेकर आज अनेकों स्वयंसेवक देश के विभिन्न क्षेत्रों में कार्य कर रहे हैं।

उन्होंने कहा 1925 में संघ की स्थापना के बाद देश समेत विदेशों में भी संघ कार्य का विस्तार हुआ है.कोविड के दौरान स्वयंसेवकों ने जरूरतमंदों की खूब सेवा की .पलायन करने वाले मजदूर वर्ग के लिए रास्ते में भोजन, पानी समेत चिकित्सा सुविधाओं के भी बंदोबस्त किए.प्रांत प्रचारक ने कहा कि अयोध्या में भगवान श्रीराम के मंदिर निर्माण के लिए समाज के प्रत्येक वर्ग ने बढ़-चढ़कर सहयोग दिया.यह हमारा सौभाग्य है कि हमारी आंखों के सामने अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनने जा रहा है.यह सब समाज जागरण से ही संभव हो सका है.इसलिए हम सबको राष्ट्र हित के विषयों को लेकर एकजुटता के साथ काम करना चाहिए.पलायन के मुद्दे पर उन्होंने कहा आज भारत के 9 राज्यों में हिंदू अल्पसंख्यक हो गए हैं, ऐसे में विपत्तियों का डटकर सामना करना होगा.

कार्यक्रम में गुप्तेश्वर रोड पर स्थित श्रीराम मंदिर के महामंडलेश्वर संत अमरदास महाराज ने कहा कि संगीत हमारे जीवन का अभिन्न अंग है, मेरा मानना है कि इसके बिना जीवन अधूरा है.आज यहां बच्चों का संगीत वादन देखकर मन गदगद हो गया.आज स्कूल तो बहुत खुले हुए हैं लेकिन वहां संस्कार नहीं दिया जा रहा.संघ में स्वयंसेवकों को संस्कार के साथ राष्ट्र भावना का प्रशिक्षण दिया जाता है जो आज की जरूरत है.

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि संगीतज्ञ घनश्याम सैनी ने कहा कि 15 दिन के प्रशिक्षण में यहां स्वयंसेवकों को संगीत में निपुण बनाया गया है, ऐसा प्रशिक्षण आधुनिक शिक्षा के साथ बेहद जरूरी हो गया है.उन्होंने कहा पाश्चात्य सँस्कृति का दुष्प्रभाव भरतीय संस्कृति पर भी पड़ा है, लेकिन हमें घोष वादन से भारतीय संगीत को आगे बढ़ाना होगा.

वर्ग कार्यवाह सुरेशचंद ने प्रतिवेदन रखते हुए बताया कि 18 मई को शुरू हुए प्रांतीय घोष प्रशिक्षण वर्ग में जयपुर प्रान्त के 50 स्थानों से 216 शिक्षार्थी स्वयंसेवक शामिल हुए, जिन्हें 20 शिक्षकों ने प्रशिक्षण दिया.शिविर में स्वरद, आनक, शंख, वंशी का प्रशिक्षण दिया गया.भीषण गर्मी के मौसम में स्वयंसेवकों ने कठोर दिनचर्या की पालना करते हुए प्रशिक्षण लिया.समापन कार्यक्रम में संघ के विभाग सहसंघचालक प्यारेलाल मीना, जिला संघचालक भगवानसहाय सैनी मौजूद रहे ।

LAXMI AVATAR SHARMA

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