बाड़ी अस्पताल में चिकित्सकों के इतने पद सालों से खाली, व्यवस्था हुई बेपटरी, मौज में झोलाछाप
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बाड़ी अस्पताल में चिकित्सकों के इतने पद सालों से खाली, व्यवस्था हुई बेपटरी, मौज में झोलाछाप

धौलपुर के दूसरे सबसे बड़े अस्पताल में 60 % चिकित्सकों के पद रिक्त पड़े हुए हैं, जिसका खामियाजा उपखंड के मरीजों को भुगतना पड़ रहा है. 

 

अस्पताल में 60 % चिकित्सकों के पद रिक्त पड़े हुए हैं.

बाड़ीः धौलपुर जिले के उपखंड बाड़ी में सरकार की बेरुखी के चलते जिले के दूसरे सबसे बड़े अस्पताल में 60 % चिकित्सकों के पद रिक्त पड़े हुए हैं, जिसका खामियाजा उपखंड के मरीजों को भुगतना पड़ रहा है. विशेषज्ञ फिजिशियन के अलावा कई विशेषज्ञ डॉक्टर और चिकिसाधिकारी नहीं है. स्थिती यह है कि 60 फीसदी पद खाली पड़े हुए हैं. जिसके चलते उपखण्ड में स्वास्थ्य सेवाएं नाम मात्र के स्टाफ के भरोसे ही चल रही हैं. यूं तो राज्य सरकार ने बाड़ी चिकित्सालय को 200 बेड के अस्पताल का दर्जा दे दिया है, 

झोलाछापों की मौज
जिसमे कुछ संसाधनों को भी बढ़ाया गया है, लेकिन इन संसाधनों को संचालित करने वाले चिकित्सकों के पद रिक्त पड़े हुए है, जिसके चलते उपखण्ड के मरीजों को स्वास्थ्य सेवाओं का पर्याप्त लाभ नहीं मिल पा रहा है, मरीजों को मजबूरन झोलाछाप और अवैध क्लीनिकों का सहारा लेना पड़ रहा है, जहां उनका मानसिक, आर्थिक शोषण किया जा रहा है. क्योंकि अस्पताल में विभिन्न बीमारियों से संबंधित लगभग 600 से 800 मरीज रोजाना आते हैं.

42 चिकित्सकों के पद स्वीकृत
 उनके उपचार करने वाले डॉक्टरों की लंबे समय से कमी चल रही है. इस अस्पताल में पहले से ही अपेक्षाकृत कुल 42 चिकित्सकों के पद स्वीकृत हैं, जिसमे 24 पद खाली पड़े हुए हैं, इस माह स्त्री रोग विशेषज्ञ का भी पद सेवानिवृत्त होने से खाली हो जायेगा. जिनको भरने व पदों को बढ़ाने के लिए राज्य सरकार को कई बार स्थानीय जनप्रतिनिधि द्वारा मांग भी की गई है, लेकिन आज तक कोई नियुक्ति नहीं हुई है, बल्कि उल्टे राज्य सरकार ने अस्पताल के एक मात्र फिजिशियन समेत विभिन्न विशेषज्ञ और चिकित्साधिकारियों का स्थानांतरण कर दिया, जिसके फलस्वरूप अस्पताल की चिकित्सा व्यवस्था बेपटरी हो गई है.

 ये हैं रिक्त पद
 उपनियंत्रक एक, वरिष्ठ विशेषज्ञ मेडिसिन दो, वरिष्ठ विशेषज्ञ सर्जरी दो, वरिष्ठ विशेषज्ञ दो, कनिष्ठ विशेषज्ञ गायनी एक, कनिष्ठ विशेषज्ञ पैथोलॉजी एक, कनिष्ठ विशेषज्ञ मनोरोग एक, कनिष्ठ विशेषज्ञ चर्म रोग एक, कनिष्ठ विशेषज्ञ एक, कनिष्ठ विशेषज्ञ मेडिसिन एक, कनिष्ठ विशेषज्ञ सर्जरी एक, कनिष्ठ विशेषज्ञ नेत्र रोग एक, कनिष्ठ विशेषज्ञ निशचेतन एक, कनिष्ठ विशेषज्ञ हड्डी एक, कनिष्ठ विशेषज्ञ रेडियोलॉजी एक, चिकित्सा अधिकारी छह, चिकित्सा अधिकारी दंत रोग एक, चिकित्सको के पद रिक्त पड़े हुए हैं.

महिला मरीजों की बढ़ी आफ्त
 वहीं, बाड़ी चिकित्सालय में मरीजों को सोनोग्राफी की सुविधा भी नहीं मिल पा रही. बाड़ी अस्पताल में एक मात्र सोनोलॉजिस्ट थी, उसका भी स्थानांतरण हो गया. बाड़ी से उनको धौलपुर ट्रांसफर कर दिया. बात करें तो पहले से ही धोलपुर में है 2 सोनोलॉजिस्ट हैं, फिर भी राज्य सरकार ने तीसरे का भी स्थानांतरण बाड़ी से धौलपुर करके वहां पद खाली छोड़ दिया. देखा जाए तो बाड़ी अस्पताल में 40 से 50 महिला मरीजों की प्रतिदिन सोनोग्राफी होती है. मरीजों को सोनोग्राफी से बड़ी राहत मिलती थी. अब सोनोग्राफी के लिए फिर से महिला मरीजों को जाना पड़ेगा. 

अस्पताल में चोर आमजन की जेब कर रहे ढ़ीली
बाड़ी शहर का सामान्य अस्पताल अब असामाजिक तत्व और चोर उचक्कों का अड्डा भी बनता जा रहा है. अस्पताल में जेब तलाशी और बाइक चोरी की घटनाएं अब आम हो रही हैं. जिन पर कोई अंकुश नहीं है. केवल दिखावे के लिए पुलिस द्वारा अस्पताल समय में 2 होमगार्डों की तैनाती की जाती है, जो भी इधर-उधर भीड़ को नियंत्रित करते नजर आते हैं. ऐसे में चोर उचक्के पर्चा काउंटर पर लाइन में लग बड़े बुजुर्गों और परेशान मरीजों की जेब को साफ कर देते हैं.
 
रिपोर्टर-भानु शर्मा

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