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Chaurasi: शिक्षा के मंदिर में बच्चों को भेजना अब महफूज नहीं है. सरकारी स्कूलों के भवन जर्जर एवं क्षतिग्रस्त होने के बावजूद पढ़ाई कराना किसी खतरे से खाली नहीं है.
कुछ ऐसे ही हाल जिले के चीखली ब्लॉक के ग्राम पंचायत सालेड़ा के राजकीय प्राथमिक विद्यालय वागवा के हैं, जहां स्कूल भवन जर्जर है. अतिरिक्त कमरों की व्यवस्था नहीं है, जिसके चलते अब बच्चे को अल्टरनेटिव बुलाकर पढ़ाया जा रहा है.
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डूंगरपुर जिले की चिखली ब्लॉक की ग्राम पंचायत सालेडा के राजकीय प्राथमिक विद्यालय वागवा में चार शिक्षक एवं 93 छात्र-छात्राएं अध्यनरत हैं लेकिन स्कूल के भवन के जर्जर होने के चलते इन छात्र-छात्राओं के जीवन पर संकट बना हुआ है. वहीं, अतिरिक्त कक्षा कक्ष नहीं होने से स्कूल प्रबंधन की ओर से बच्चों को शामिल बिठाकर पढ़ाई कराना मजबूरी बना हुआ था. इधर बारिश के मौसम में स्कूल की समस्या बढ़ गई है. हाल ही में बारिश के चलते जर्जर भवन के बरामदे का प्लास्टर उखड़ गया, जिससे स्कूल के बच्चे, स्टाफ भयभीत हो गए. ऐसे में स्कूल प्रबंधन को स्कूल के संचालन में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
दो कमरे जर्जर, रंग-रोगन तक नहीं
चार कमरों के इस स्कूल में दो कमरें तो वर्षों से जर्जर ही पड़े हैं. इसे लेकर स्कूल प्रशासन की ओर से विभाग के उच्चधिकारियों को पूर्व में ही अवगत करा दिया गया है. जिन दो कमरों में कक्षा-कक्ष संचालित हो रहे थे. उनमें भी पानी का रिसाव तो होता ही है. कमरों की छतों का प्लास्टर भी पूर्व में उखड़ चुका है. इधर बरामदे की छत का प्लास्टर गिरने के बाद अब बच्चों को बिठाना जोखिम भरा हो गया हालांकि स्कूल की ओर से अब अल्टरनेटिव बुलाकर बच्चों को पढ़ाया जा रहा है.
इधर इस मामले में चिखली ब्लाक के सीबीईओ गटूलाल बलाई ने बताया कि स्कूल में बरामदे का प्लास्टर गिरने को लेकर पीईईओ ने मौका निरीक्षण कर लिया. वहीं, भवन की मरम्मत को लेकर विभाग को पत्र लिखा गया है. वहीं, पंचायत समिति और ग्राम पंचायत से भी मरम्मत के लिए आग्रह किया गया है.
और भी स्कूलों की है ऐसी ही हालत
डूंगरपुर जिले के चिखली ब्लॉक का वागवा एक मात्र ऐसा स्कूल नहीं है, जिसके भवन के ऐसे हालत हैं. कई ऐसे स्कूल और भी हैं, जहां के हालात भी कुछ इसी तरह के हैं, जहां बच्चे खतरे के साए में पढ़ने को मजबूर हैं. खैर अब देखने वाली बात होगी की वागवा स्कूल के भवन की मरम्मत कब तक हो पाती है या यूं ही वागवा स्कूल के बच्चे और स्टाफ खतरे के साए में पढ़ने और पढ़ाने को मजबूर रहेंगे.
Reporter- Akhilesh Sharma
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