विश्व योग दिवस से ठीक पहले 2561 योग साधकों ने एक साथ महामुद्रा आसन कर श्री खुशालदास यूनिवर्सिटी का नाम गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज करवाया.
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Hanumangarh: विश्व योग दिवस से पहले 2561 साधकों ने एक साथ 1 मिनट में महामुद्रासन कर श्री खुशाल दास यूनिवर्सिटी गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड बना दिया. हनुमानगढ़ की श्री खुशालदास विश्वविद्यालय में जिला प्रशासन और विश्वविद्यालय के तत्वावधान में योगा के महाकुम्भ का आयोजन कर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया गया. समारोह में 45 योग साधक और योगाचार्यों ने योग अभ्यास और प्रदर्शन में अग्रिम भूमिका निभाई, इतनी बड़ी संख्या में नागरिकों ने एक साथ महामुद्रासन करने से श्री खुशालदास यूनिवर्सिटी का नाम गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हुआ है.
विश्वविद्यालय के योग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. राजेन्द्र निकुम्भ के मार्गदर्शन में आयोजित कार्यक्रम में मौजूद जिला कलेक्टर नथमल डिडेल, एएसपी जस्साराम बोस, गुरु गोबिंद सिंह चैरिटेबल ट्रस्ट अध्यक्ष बाबूलाल जुनेजा, विश्वविद्यालय चेयरपर्सन दिनेश जुनेजा, डॉ. कोविद कुमार, समाज कल्याण अधिकारी विक्रम सिंह शेखावत, बार संघ अध्यक्ष मनजिन्द्र लेघा, सरपंच जगतार सिंह, समाजसेवी अशोक गाबा, पदमचन्द जैन सहित क्षेत्र के बड़ी संख्या में नागरिक इस ऐतिहासिक क्षण के साक्षी बने. इस मौके पर जिला कलेक्टर नथमल डिडेल ने कहा कि एसकेडी यूनिवर्सिटी का योगा के रुप में किया गया यह सराहनीय प्रयास क्षेत्र के लोगों को जागरुक और स्वास्थ्य लाभ अर्जित करवाएगा.
साथ ही गोल्डन बुक ऑफ वल्ड रिकॉर्ड में हनुमानगढ़ का नाम दर्ज होने से राष्ट्रीय स्तर पर भी पहचान मिली है. गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार ने बताया कि इस रिकॉर्ड बुक में विश्व में होने वाले अनोखे, अद्वितीय और पहली बार होने वाले कार्यक्रमों को दर्ज किया जाता है. उन्होंने बताया कि एसकेडी यूनिवर्सिटी में हुए महामुद्रासन योग कार्यक्रम में 2561 की तादाद में पुरुषों, महिलाओं और बच्चों ने एक साथ महामुद्रासन का अभ्यास किया.
इस दौरान वल्ड रिकॉर्ड बनाने पर गोल्डन बुक ऑफ वल्ड रिकॉर्ड का प्रोविजनल प्रमाण-पत्र विश्वविद्यालय प्रबंधन को सौंपा गया. योगाचार्य डॉ. राजेन्द्र निकुम्भ ने बताया कि इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य आम जन में योग के प्रति जागरुकता बढ़ाना है जिससे हमारा समाज योग को दैनिक दिनचर्या का हिस्सा बनाए और स्वस्थ रहे. उन्होंने महामुद्रासन के बारे में बताया कि महामुद्रासन करने के लिए सबसे पहले मूलबंध लगाना है और दाहिनी एड़ी से कंद को दबाना है.
बाएं पैर को सीधा कर आगे झुककर बाएं पैर के अंगूठे को दोनों हाथों से पकड़ना है. इसके बाद सिर को नीचे झुकाते हुए बाएं घुटने को छूना है. इस आसन के जरिए प्राणायाम से होने वाले लाभों के साथ-साथ पाचन और मानसिक अवसाद से संबंधित परेशानियों में भी स्वास्थ्य लाभ मिलता है. इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए एसकेडी यूनिवर्सिटी और गुड डे डिफेंस स्कूल के कार्मिकों का विशेष सहयोग रहा है.
Reporter: Manish Sharma
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