राजस्थान का ये IPS बेटा, 3 नौकरियां छोड़ी और UPSC पास कर बना अफसर
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राजस्थान का ये IPS बेटा, 3 नौकरियां छोड़ी और UPSC पास कर बना अफसर

IPS Sudhir Choudhary: उदयपुर के कन्हैयालाल मर्डर केस हो या राजस्थान के किसी भी सूबे की सुरक्षा व्यवस्था को संभाल कर रखना उनके लिए अब काफी आसान है. उनकी काबिलियत को लोहा मानते हुए उदयपुर के बाद अब  वह हनुमानगढ़ पुलिस अधीक्षक के पद पर जिले की सुरक्षा का भार संभाल रहे है.

IPS Sudhir Choudhary

IPS Sudhir Choudhary: देश की सुरक्षा अगर काबिल हाथों में हो तो वर्दी में रौब बखूबी झलकता है. ऐसे ही एक IPS है जिन्होंने अपने नाम और काम के दम पर अपनी काबिलियत का लोहा मनवाया. जिसके चलते राजस्थान के आधे से ज्यादा जिले में अपराधिक गतिविधियां कम है. ये नाम है IPS सुधीर चौधरी, जिन्होंने अपनी वर्दी का मान रखा है. उदयपुर में अपनी धाकड़ पहचान बनाने के बाद अब इन्हें हनुमानगढ़ की कमान दी गई है. और अब यह  हनुमानगढ़ के पुलिस अधीक्षक के रूप में काम कर रहे हैं. 

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अपराध को खत्म नहीं बल्कि जड़ से हटना है

इनके अनोखे तरीके अपराध को खत्म नहीं बल्कि जड़ से हटने का है. इसी कारण वह  केवल अपराधियों की गिरफ्तारी में विश्वास नहीं रखते  बल्कि उनकी शिक्षा, शोध और खेल के प्रति रुचि भी महत्वपूर्ण है. उनकी प्रेरणाशील गाथा हम सभी के लिए एक उदाहरण है.

 2015 बैच के IPS सुधीर चौधरी 

सीकर के श्रीमाधोपुर तहसील के गांव बागरिया बास जन्में 2015 बैच के IPS सुधीर चौधरी  की  शुरूआती शिक्षा राजस्थान के अलग अलग जगहों पर हुई. श्रीमाधोपुर से प्रारंभ की और फिर बूंदी, जयपुर, और कोटा में पूरी की.  उनके पिता लक्ष्मण राम कृषि विभाग में संयुक्त निदेशक के पद पर कार्यरत हैं.

स्कूली शिक्षा

अपनी स्कूली शिक्षा  पूरी करने के बाद  उच्च शिक् के लिए IIT रुड़की  का रूख किया जहां से B.Tech की डिग्री हासिल की. ग्रेजुएशन पूरी करने के बाद एक साल खुद को  कॉर्पोरेट सेक्टर में काम करवाया. 
पुलिस सेवा
लेकिन देश सेवा के प्रति उनके लगाव के कारण वह ज्यादा दिन वहां नहीं टिके , इसी कड़ी में एमएनजी कल्चर को अलविदा कह  पुलिस सेवा का हाथ थामा था. तब 2012 में उन्होंने "मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विस" में  अपना भाग्य आजमाया और चयनित होकर अगले वर्ष "भारतीय वन सेवा" में. अंत में, 2014 में "भारतीय पुलिस सेवा" में चयनित होकर उन्होंने 2015 बैच में राजस्थान कैडर के IPS अधिकारी के रूप में अपनी सेवाएं शुरू की. 

 साइबर क्राइम और तकनीकी से लगाव

अपने इसी जज्बे के कारण उन्होंने कई  कांफ्रेंसों में  विभिन्न विषयो पर शोध पत्र  लिखे. उन्होंने अपनी स्पेशिल्टी साइबर क्राइम और तकनीकी विकास में दिखाते हुए उन विषयों पर अपने विचार प्रस्तुत किए हैं. उन्होंने एक और रिसर्च "कम्फर्ट मेकेनिकल वाइब्रेशन" को भी पूरा किया, जिसे विभिन्न अग्रणी संस्थानों ने सम्मानित किया.

क्रिप्टो करेंसी और सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी पर पकड़

देश में कई सालों से अपनी पैठ बनाता क्रिप्टो करेंसी  पर भी अपने ज्ञान को विस्तारित किया. 2023 में उन्होंने "क्राउड कंट्रोल में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस" के प्रयोग पर एक शोध पत्र बनाया. इसे डीजीपी उत्तर प्रदेश के सामने पेश  किया. उन्होंने क्रिप्टो करेंसी और सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी पर भी शोध पत्र लिखा है. उन्होंने भारतीय लॉ इंस्टीट्यूट द्वारा आयोजित "कन्फेशन और रिकवरी" विषय पर कांफ्रेंस में भी भाग लिया है. इसके अलावा "राजस्थान ज्यूडिशियल अकादमी" में आयोजित कार्यशाला में साइबर क्राइम पर भी व्याख्यान दे चुके है.

जीवन में सामाजिक योगदान

IPS  सुधीर चौधरी का योगदान सिर्फ पुलिस सेवा तक ही सीमित नहीं है, बल्कि उन्होंने समाज के विकास में कई महत्वपूर्ण काम किए हैं.IPS  चौधरी के अभी तक के कार्यकाल में राजसमंद में तैनाती के दौरान उदयपुर के बहुचर्चित कन्हैया लाल हत्या कांड के आरोपियों को महज 5 घंटे में न सिर्फ गिरफ्तार करने में सफलता पाई थी. उनकी साइबर क्राइम में दिलचस्पी के कारण उन्होंने  गिरफ्तारी के बाद एक एक सबूत एकत्र कर आरोपियों के पाकिस्तान कनेक्शन को भी चंद दिनों में ही साबित कर दिया था, जिस पर सुधीर चौधरी को पुलिस मुख्यालय ने डीजीपी डिस्क से सम्मानित किया था.

खेलों का शौक

इजिनयरिंग के छात्र और पुलिस सेवा में खुद को लगाना आसान नहीं है . ऐसे में खुद को फिट रखना भी बेहद जरूरी है. वैसे भी IPS चौधरी व्यायाम और खेल को जीवन का एक अहम हिस्सा मानते है.  इसलिए  IPS सुधीर चौधरी खुद को फिट रखने के लिए अपने दिन की शुरुआत एक्सरसाइज, फुटबाल, बैडमिंटन, ट्रैकिंग और टेनिस जैसे इनडोर और आउडोर गैम्स को खेलने से शुरू होती है. 

 IIT रुड़की में B.tech के दौरान टेनिस टीम के कप्तान थे. अपने टेनिस के लगाव को उन्होंने पुलिस सेवा में आने के बाद बी नहीं छोड़ा . इसी के कारण भारतीय पुलिस अकादमी को टेनिस सिंगल्स में गोल्ड मेडल भी जितवाया. वहीं अगर बिजी शेड्यूल के चलते अगर सुधीर अगर मोर्निंग एस्रसाइज  नहीं कर पाते है तो  शाम को किसी भी समय उस दिन का व्यायाम करना नहीं भूलते.

IPS सुधीर चौधरी की जीवन गाथा एक प्रेरणास्रोत है, जो हमें यह सिखाती है कि मेहनत, संघर्ष और समर्पण से कोई भी लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है। उनकी पुलिस सेवा में की गई महत्वपूर्ण योगदान ने न केवल समाज की सुरक्षा में मदद की, बल्कि युवाओं को उनके सपनों की पुरी करने की प्रेरणा दी। वे एक सफल पुलिस अधिकारी होने के साथ-साथ एक महान व्यक्तित्व भी हैं, जिन्होंने अपने योगदान से समाज को नया दिशा देने में सहायक साबित होते हैं.

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