इंट्राडे ट्रेडिंग या डे ट्रेडिंग का मतलब है कि दिन के आखिरी कारोबारी सत्र से पहले सिक्योरिटीज को खरीदना या बेचना है. आप बाजार के बंद होने से पहले एक दिन में जो भी खरीदारी या फिर बिकवाली करते हैं वह इंट्राडे का हिस्सा होती है.
Written by Web Desk Team | Published :August 27, 2022 , 6:28 pm IST
इंट्राडे ट्रेडिंग या डे ट्रेडिंग का मतलब है कि दिन के आखिरी कारोबारी सत्र से पहले सिक्योरिटीज को खरीदना या बेचना है. आप बाजार के बंद होने से पहले एक दिन में जो भी खरीदारी या फिर बिकवाली करते हैं वह इंट्राडे का हिस्सा होती है. इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए नॉलेज के अलावा भी कई फैक्टर असर डालते हैं, जिससे आपको गेन या फिर लॉस होता है.
दूसरी ओर हम कह सकते हैं कि इंट्राडे ट्रेडिंग कम समय में ट्रेड करके ज्यादा मुनाफा कमाने का तरीका है. जब आपको बाजार में लॉन्ग टर्म की जगह शॉर्ट टर्म के लिए पैसा इंवेस्ट करके अच्छा मुनाफा कमाना हो तो आप इंट्राडे ट्रेडिंग कर सकते हैं.
बता दें शेयर बाजार में दिनभर उतार-चढ़ाव जारी रहता है और बाजार के रुझान मिनट के हिसाब से ही बदल जाते हैं. इसमें आपको एक मूवमेंट में प्रॉफिट हो सकता है वहीं अगले मूवमेंट में आपको नुकसान भी उठाना पड़ सकता है.
हालांकि, मान लीजिए कोई भी निवेशक सभी रेलिवेंट अपडेट, सही स्ट्रैटिजी और सही ट्रेंड्स को फॉलो करना है तो हो सकता है कि वह उस दिन अच्छा मुनाफा का ले. वह इस स्थिति में नुकसान से बच सकता है.
बता दें इंट्राडे ट्रेडिंग में इस बात की कोई भी गारंटी नहीं होती है कि आपको बिल्कुल भी नुकसान नहीं होगा. ऐसा कहा जाता है कि स्टॉक मार्केट में एक भी व्यापारी ऐसा नहीं है, जिसने बाजार में अपना पैसा न गंवाया हो. मार्केट अनप्रडिक्टेबल है और हमेशा ऐसा ही रहेगा. बाजार कब ऊपर जाएगा और कब नीचे इसका एकदम सटीक अंदाजा लगाना मुश्कित है.
एक ट्रेडर के लिए कुछ खास स्ट्रैटिजी, रेंफरेंस और इंफोर्मेशन के साथ नॉलेज और रिसोर्स का सही इस्तेमाल करना भी जरूरी है. आइए आज हम आपको कुछ ऐसे फैक्टर के बारे में बताते हैं, जिसको फॉलो करके आप बेहतर ट्रेडर बन सकते हैं.
रियल टाइम मार्केट डाटा और न्यूज (Real-time market data and news)
इंट्राडे ट्रेडिंग में बाजार में लगातार बदलाव होता रहता है और आपको इसके बारे में अपडेट रहना जरूरी है. इसके अलावा मार्केट से फायदा कमाने के लिए बाजार से जुड़ी सभी लेटेस्ट इंफोर्मेशन के बारे में जानकारी होनी चाहिए. रियल टाइम मार्केट डाटा और न्यूज स्टॉक ट्रेंड्स के साथ ही बेहतर प्रिडेक्शन भी आपकी अच्छी कमाई करा सकता है.
इससे आपको यह समझने में मदद मिलती है कि आपको अपना पैसा कहां लगाना है. साथ ही आप इन सभी तरह की जानकारियों के जरिए अपने पैसों को सही जगह निवेश कर सकते हैं.
इलेक्ट्रॉनिक कम्युनिकेश नेटवर्क (Electronic Communication Network (ECN))
एक इलेक्ट्रॉनिक कम्युनिकेश नेटवर्क (ईसीएन) एक कम्प्यूटराइज्ड सिस्टम है जो ऑटोमैटिकली बाय और सेल ऑर्डर को मैच करता है. जब भी ट्रेडर अलग-अलग भौगोलिक क्षेत्र में होते हैं तो उस समय पर यह ECN ट्रेडिंग काफी हेल्पफुल होती है. इसके साथ ही इस ECN के जरिए आप बिना थर्ड पार्टी की मदद से ट्रांजेक्शन कर सकते हैं.
ECN इंस्टीट्यूशन और इंडिविजुअल मार्केट पार्टिसिपेंट के बीच बाय और सेल ऑर्डर मैच करता है. इसके अलावा यह बेस्ट बिड उपलब्ध कराता है, जिससे ट्रेडर बेस्ट डील या सौदा कर सकता है.
सिक्योरिटीज प्राइस चार्ट (Securities price charts)
सिक्योरिटीज के एनालाइसेस और इंवेस्टमेंट में प्राइस चार्ट एक अहम भूमिका निभाते हैं. इंट्राडे ट्रेडिंग में इस्तेमाल होने वाली यह काफ कॉमन टेक्निक है, जिसके जरिए ट्रेडर बाजार में पैसा लगाते हैं. इस समय ट्रेडर्स कैंडलस्टिक चार्ट का ट्रेडिंग में सबसे ज्यादा इस्तेमाल करते हैं.
कैंडलस्टिक चार्ट व्यापारियों को पिछले पैटर्न के आधार पर पॉसिबल प्राइस मूवमेंट को तय करने में मदद करता है. बता दें कैंडलस्टिक चार्ट 4 प्राइस प्वाइंट को दिखाता है. इसमें ट्रेडर ओपन, क्लोज, हाई और लो जैसे सभी अवधि को देख सकता है.
की- पैरामीटर्स (Key Parameters)
बता दें दिन की ट्रेडिंग के लिए कई खास पैरामीटर हैं, जिसको ध्यान में रखना जरूरी होता है. जैसे – अस्थिरता (volatility), ट्रेडिंग वॉल्यूम और लिक्विडिटी. Volatility के जरिए ट्रेडर को शॉर्ट टर्म प्राइस चेंज में प्रॉफिट बनाने में मदद मिलती है. इसके अलावा ट्रेडिंग वॉल्यूम को कितनी बार सुरक्षित खरीदा या बेचा जा सकता है इसके बारे में भी जानकारी मिलती है. इसकी मदद से सिक्योरिटीज के इंट्रस्ट के बारे में भी पता चलता है. लिक्विडिटी फैक्टर के जरिए बिड-आस्क-स्प्रेड पर भी असर पड़ता है. बता दें लो बिड आस्क स्प्रेड इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए जरूरी होता है. इसके जरिए आप ट्रांजेक्शन कॉस्ट को भी मिनिमाइज कर सकते हैं.
डे-ट्रेडिंग स्ट्रैटिजी (Day Trading Strategies)
दुनिया भर के व्यापारी एक सफल व्यापार करने के लिए कई रणनीतियों और तकनीकों का उपयोग करते हैं. इन रणनीतियों का उपयोग स्पष्टता, नए अवसर खोजने, जोखिम को कम करने आदि में किया जाता है. हालांकि यह कई डेली ट्रेडर्स के लिए मददगार साबित होता है. इनमें स्कैल्पिंग, मोमेंटम और कॉन्ट्रेरियन ट्रेडिंग शामिल है.
बता दें स्कैल्पिंग में जब भी आपको ट्रेड के दौरान स्मॉल प्रॉफिट दिखे तो तुरंत ही आपको अपना ट्रेड बंद करना होता है. मोमेंटम में आपको ल्य प्रवृत्ति के प्राइस ट्रेंड पर काम करना होता है. यह आमतौर पर तब होता है जब कोई ब्रेकिंग न्यूज या लीक होता है. Contrarian strategy का इस्तेमाल डे ट्रेडर के द्वारा किया जाता है.
यह डे ट्रेडिंग के व्यापारियों के द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाला खास रिसोर्स है.हालांकि, शेयर बाजार में काम करते समय आपका सबसे अच्छा और सबसे महत्वपूर्ण संसाधन टाइम होता है. लाभ कमाने और नुकसान को कम करने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप अपने समय का इस्तेमाल सही से निर्णय लेने के लिए करें.
इस ट्रेडिंग जर्नी में मदद के लिए आप 5paisa.com पर विजिट कर सकते हैं. इस प्लेटफॉर्म पर आपको ट्रेडिंग का सही रास्ता दिखाया जाएगा. 5paisa एक ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म है, जिस पर अनुभवी और नए ट्रेडर्स दोनों ही काम कर सकते हैं. इसके अलावा जो भी लोग ट्रेडिंग एक्टिविटी में इंट्रस्ट रखते हैं वह 5paisa.com पर जाकर अधिक जानकारी ले सकते हैं.