African Swine Fever: जयपुर में अफ्रीकन स्वाइन फीवर का खतरा, नाले में मिले 15 सूअर मृत
Advertisement
trendingNow1/india/rajasthan/rajasthan1392625

African Swine Fever: जयपुर में अफ्रीकन स्वाइन फीवर का खतरा, नाले में मिले 15 सूअर मृत

African Swine Fever: राजधानी जयपुर में बुधवार को मालवीय नगर विधानसभा क्षेत्र मृत सूअर मिलने से हड़कंप मच गया. मालवीय नगर इलाके के एक नाले से करीब 15 सूअर मृत मिले हैं. जैसे ही मृत सुअर मिलने की खबर मिली इसके बाद कई तरह की अफवाहें भी उड़ने लगी.

जयपुर में अफ्रीकन स्वाइन फीवर का खतरा.

African Swine Fever: राजधानी जयपुर में बुधवार को मालवीय नगर विधानसभा क्षेत्र मृत सूअर मिलने से हड़कंप मच गया. मालवीय नगर इलाके के एक नाले से करीब 15 सुअर मृत मिले हैं. जैसे ही मृत सुअर मिलने की खबर मिली इसके बाद कई तरह की अफवाहें भी उड़ने लगी.इस खबर के बाद पशुपालकों में दहशत का माहौल है. कुछ लोगों ने सुअरों में भी लंपी वायरस की आशंका जताई. हालांकि पशु चिकित्सक फिलहाल लंपी वायरस से इंकार कर रहे है लेकिन सूअरों की मौत को लेकर अफ्रीकन स्वाइन फीवर का अंदेशा जताया जा रहा है. हालांकि जांच के बाद ही इसकी पुष्टि की जाएगी.

निगम के अधिकारियों ने निरीक्षण कर सजग रहने के निर्देश दिए
मृत सुअर मिलने की खबर के बाद  ग्रेटर नगर निगम की महापौर, उपमहापौर सहित निगम के अधिकारियों ने मौके का निरीक्षण किया.निगम द्वारा सूअरों के शव का उचित तरीके से निस्तारण करने के भी निर्देश दिए गए हैं. साथ ही अफ्रीकन स्वाइन फीवर होने की स्थिति में पशु प्रबंधन शाखा को सजग रहने के निर्देश दिए हैं.

इस बीमारी की वैक्सीन अभी तक उपलब्ध नहीं
देश के कई राज्यों में अफ्रीकन स्वाइन फीवर के चलते लगातार सुअरों की मौत हो रही है. ऐसे में कई राज्यों के प्रशासन ने इसे गंभीरता से लेते हुए प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित कर दिया है. क्योंकि इस बीमारी की वैक्सीन अभी तक उपलब्ध नहीं है. ऐसे में बिहार,झारखंड और उत्तराखंड जैसे राज्यों में अफ्रीकन स्वाइन फीवर से ग्रसित सुअरों को मारने का अभियान भी चलाया जा रहा है. हरियाणा में अफ्रीकन स्वाइन फीवर से हुई सुअरों की मौत के बाद अन्य स्थानों पर भी तेजी से बीमारी फैल रही है.

पशुपालन विभाग का कहना है कि स्वाइन फ्लू एक व्यक्ति से दूसरे में आसानी से फैल जाता है. ये आम फ्लू या सर्दी-जुकाम की तरह ही होती है. वहीं इसके लक्षण की बात करें तो आमतौर पर सर्दी-जुकाम की तरह ही हैं लेकिन इसमें सांस फूलती है, शरीर दर्द के साथ कमजोरी महसूस होती है. खांसने, छींकने या सांस से फैलती है. जब कोई स्वाइन फ्लू मरीज दूसरे व्यक्ति के संपर्क में आता है, तो उसे भी ये बीमारी होने की आशंका रहती है. ये हमारे श्वसन तंत्र से जुड़ी संक्रामक बीमारी है.

क्या है इसके लक्षण
पशु स्वास्थ्य और उत्पादन संस्थान के निदेशक, विपिन बिहारी महता  कहते हैं कि अफ्रीकी स्वाइन फीवर में पशुओं की मौत अचानक हो जाती है. जानवरों में बुखार के लक्षण मिलते हैं, वे खाना बंद कर देते हैं और जल्द ही मर जाते हैं. फिलहाल अभी तक इस बीमारी के खिलाफ कोई टीका विकसित नहीं किया जा सका है.

ये भी पढ़ें- झुंझुनू में बड़ा हादसा: टक्कर के बाद पलटी बस, कार के उड़े परखच्चे, 2 की मौत, 12 लोग घायल

भारतीय पशु चिकित्सा एवं अनुसंधान संस्थान की माने तो अगस्त 2019 में भारत में पहली बार नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश में वायरस फैला था. ये बीमारी सुअरों से मनुष्यों में नहीं फैलती, लेकिन मनुष्य के माध्यम से एक स्थान से दूसरे स्थान के सूअरों तक पहुंच जाती है. कोविड वायरस की तरह इस पर भी लिपिड लेयर होती है. जैसे कोविड में साबुन, सैनिटाइजर से ये लेयर हट जाती और वायरस मर जाता है. इसी तरह अफ्रीकन स्वाइन फीवर की लिपिड लेयर चूने के पानी से धुल जाती है. ऐसे में सूअर के बाड़े में आते-जाते समय चूने के पानी से जूते साफ करने, हाथ साबुन से धोने से ये वायरस मनुष्य के माध्यम से नहीं फैलेगा.

Trending news