jaipur news: 'बिना दवा स्वास्थ सेवा'जानिए एक ऐसी पद्धति जिससे असाध्य बीमारियों से मिलता है लाभ
Advertisement
trendingNow1/india/rajasthan/rajasthan1793788

jaipur news: 'बिना दवा स्वास्थ सेवा'जानिए एक ऐसी पद्धति जिससे असाध्य बीमारियों से मिलता है लाभ

jaipur news today: मानव शरीर चिकित्सा संसार का भंडार है. आइए आपको बताते है एक ऐसी पद्वति जिससे असाध्य बीमारियों से मिलता है लाभ,MHRS चिकित्सा प​द्वति आरोग्य कलश, MHRS प्राचीन भारतीय विधाओं पर आधारित है. MHRS चिकित्सा संपूर्ण मानव शरीर का रक्त शुद्विकर करती है.

jaipur news: 'बिना दवा स्वास्थ सेवा'जानिए एक ऐसी पद्धति जिससे असाध्य बीमारियों से मिलता है लाभ

jaipur news: गठिया,हृदय रोग,साइटिका, जोडो का दर्द,अनिद्रा,मोटापा,मानसिक रोग,पेट से जुडे रोग,लिबर,किडनी,पुरानी कब्ज,बच्चों में कुषोषण,प्रतिरोधक क्षमता को बढाना आदि का इलाज इसमें होता है.इस पद्वति पर पद्वति के प्रवर्तक ज्ञानी दास मानिकपुरी का कहना है कि प्राचीन चिकित्सा के अनुसार मानव शरीर से प्रति सेकंड 8 हजार करोड से ज्यादा चुंबकीय तरंगदैध्र्य निकलती है नई चिकित्सा पद्वति ने इस बात को अपनाया है इससे बीमारी का इलाज नही करते बल्कि कारणों की पहचान कर उसे जड से ठीक​ करते है.इससे रक्त संचार और शुद्विकरण सबसे अहम है.

ज्ञानी दास मानिकपुर(पद्वति प्रवर्तक) के अनुसार 

इस पद्वति से शरीर की कोई सी भी दबी नसे खुलने से बेहतर होता है रक्त संचार होता हैं.जब बीमारी का पता चल जाता है तो उस हिस्से में वैक्यूम कप लगाए जाते है यह प्रक्रिया एक दो—घंटे की होती है.वैक्यूम कप का मुख्य काम है रक्त शोधन,शरीर में दबी नसों को उभारना और कमजोर मांसपेशियों में रक्त संचार को बढाकर उनमें नया जीवन लाना है.दबी नसें खुलने से उनमें रक्त संचार सही होता है.

कितनी देर में मिलता है इस पद्वति से लाभ

आपको बता दे कि मात्र 10 मिनट में खून की सप्लाई का मैप तैयार इससे बीमारी की जांच के लिए इलेक्ट्रॉड पॉइंट डिटेक्टर का इस्तेमाल होता है इसके माध्यम से शरीर में रक्त संचार का एक मैप तैयार करते है.शरीर में जहां—जहां ब्लाकेज या गांठे होती है वे स्पष्ट हो जाती है इसके साथ ही नसों और मसल्स की जानकारी के लिए रिफेक्सोलॉजी यानी शरीर के मर्म बिंदुओं के आधार पर भी बीमारी की पहचान की जाती है.आपको बता दे कि हर बीमारी का इलाज अलग—अलग तरीके से किया जाता है.

महर्षि चिकित्सा पद्वति है मानव जाति के लिए वरदान

महावीर नगर निवासी चंद्रकला का कहना है कि मेरे कमर में दर्द था इस पद्वति से महज एक ही दिन में 25 प्रतिशत का फायदा हुआ है.पहले कमर के दर्द से बहुत परेशान थी अब मुझे काफी रिलिफ है. पद्वति प्रवर्तक ज्ञानी दास मानिकपुरी रायपुर छत्तीसगढ के निवासी है उन्होंनें 20 साल तक इस पद्वति का अध्ययन किया है. ज्ञानी दास मानिकपुरी ने MHRS चिकित्सा पद्वति में स्नातक,स्नाकोत्तर भी किया है.

ज्ञानी दास मानिकपुरी इस पद्वति की कला से करीब 20 हजार से अधिक लोगों को ठीक कर चुके है.

Trending news