Rajasthan में अच्छी बारिश से कम हुआ वायु प्रदूषण, स्वच्छ हुई प्रदेश की आबोहवा
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Rajasthan में अच्छी बारिश से कम हुआ वायु प्रदूषण, स्वच्छ हुई प्रदेश की आबोहवा

मानसून की अच्छी बारिश से शहरवासियों सहित प्रदेशवासियों को उमस और गर्मी से तो राहत मिली है, न सिर्फ इससे तापमान में गिरावट आई है तो कई फायदे भी नजर आ रहे हैं. 

तेज बारिश की हल्की फुहारों के बीच ठंडी हवाओं से वायु प्रदूषण का स्तर भी कम हुआ है. हवा में मौजूद विषैले तत्व भी बारिश में बह गए हैं.

Jaipur: प्रदेश में अच्छी बारिश के चलते वायु प्रदूषण (Air pollution) का स्तर भी कम हुआ है. पिछले पखवाड़े के मुकाबले इस सप्ताह में 50 फीसदी प्रदूषण की कमी देखी जा रही है. राजधानी जयपुर (Jaipur) सहित प्रदेश में आबोहवा भी स्वच्छ हुई है. 

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मानसून की अच्छी बारिश से शहरवासियों सहित प्रदेशवासियों को उमस और गर्मी से तो राहत मिली है, न सिर्फ इससे तापमान में गिरावट आई है तो कई फायदे भी नजर आ रहे हैं. तेज बारिश की हल्की फुहारों के बीच ठंडी हवाओं से वायु प्रदूषण का स्तर भी कम हुआ है. हवा में मौजूद विषैले तत्व भी बारिश में बह गए हैं.

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पिछले सात दिनों से शहर में तापमान में गिरावट के साथ शहर की हवा भी स्वच्छ हुई. गुरुवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक(एक्यूआई) औसतन 65 माइक्रोग्राम घनमीटर दर्ज किया गया. उक्त दिनों के मुकाबले इस पखवाड़े में वायु गुणवत्ता सूचकांक(एक्यूआइ)200 मुकाबले यह 50 प्रतिशत तक कम रिकॉर्ड हुआ, जो कि अच्छी श्रेणी में माना जाता है. भिवाड़ी, अलवर, भीलवाड़ा सहित अन्य औद्योगिक जगहों पर 1 से 25 जुलाई के बीच प्रदूषण का स्तर 220 से अधि​क था, इसमें भी 40 फीसदी तक की गिरावट दर्ज की गई.  

क्या कहते हैं राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल के आंकड़े
राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल के आंकड़ों के मुताबिक, शहर में परकोटा, सिविल लाइन, सेठी कॉलोनी, शास्त्री नगर में पहले प्रदूषण बेहद खराब श्रेणी में था. इन जगहों पर वायु गुणवत्ता सूचकांक यानि एक्यूआई का स्तर 200 के आसपास दर्ज हो रहा था. दूसरी ओर पीएम (पर्टिकुलर मैटर) का स्तर 2.5 ठंडी हवाओं के कारण थोड़ा अच्छा माना जा रहा है. आने वाले समय में अच्छी बारिश होती है तो प्रदूषण का स्तर कम होने के साथ ही हवा भी ताजा रहेगी.

क्या कहना है अस्थमा विशेषज्ञों का
अस्थमा विशेषज्ञ का मानना है कि बारिश होने के बाद हवा शुद्ध हो जाती है. वातावरण में जो भी जहरीले तत्व होते हैं, वह बारिश में धुल जाते हैं. इसके साथ ही वायु गुणवत्ता सूचकांक में भी कमी आती है. बढ़ते प्रदूषण से सांस संबंधी बीमारियों के मरीजों को थोड़ा खतरा है. अस्थमा रोगियों को आद्रर्ता के बढ़ने से थोड़ी दिक्कत होती है. ऐसे समय में वह बाहर जाने से बचें.

जानें जयपुर की जगहों का एक्यूआई का स्तर 
पिछले सप्ताह राजधानी जयपुर का एक्यूआई का औसत स्तर 50 से 95 के बीच दर्ज किया. गुरुवार एक्यूआई का स्तर शास्त्रीनगर का 61, आदर्शनगर का 47, पुलिस कमिशनरेट का 60 दर्ज किया. वहीं बुधवार को औसत स्तर 75 के आसपास उक्त जगहों का दर्ज किया. मंगलवार को 84, सोमवार को 60, रविवार को 53, 24 जुलाई को 68 एक्सूयआई रहा. वहीं कोटा और आसपास की जगहों पर अच्छी बारिश होने से औसत वायु प्रदूषण का स्तर बीते सात दिन में 50 से 60 एक्यूआई दर्ज किया. अलवर में 75 से 85, भिवाड़ी में 90 से 120 के आसपास औसत स्तर वहीं अधिकतम 250, उदयपुर का 50 से 80, अजमेर का 55 से 90 एक्यूआई के आसपास स्तर दर्ज किया.

ऐसे समझें आंकड़ों को
सूचकांक     नतीजे  

0-100       अच्छा यानि कोई दिक्कत नहीं
101-200     मॉडरेट बाहर जाने से बचें
201-300    सांस संबंधी बीमारियों के मरीजों को तकलीफ
301-400     लंबे समय से बीमार रोगियों को परेशानी
401-500     बाहर बिल्कुल न जाएं

 

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